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चीन और अमेरिका में हो जाए सीधी जंग तो कौन पड़ेगा भारी? किसके पास कितनी ताकत है, जानिए सबकुछ

अमेरिका और चीन की फौजी ताकत का पूरा हिसाब! ट्रेड वॉर से लेकर जंग तक, जानो दोनों में कौन पड़ेगा भारी। एयरफोर्स, हथियार और न्यूक्लियर पावर की पूरी डिटेल यहाँ।
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दुनिया के दो सबसे बड़े देश, एक तरफ अमेरिका तो दूसरी तरफ चीन। दोनों की जेबें भी भरी हुई हैं और गोदामों में हथियारों का अंबार भी पड़ा है। अब जब अमेरिका ने चीन पर 50 फीसदी का अतिरिक्त टैरिफ ठोकने की धमकी दी है, तो बीजिंग ने भी ताव में आकर कह दिया—"हम भी चुप नहीं बैठेंगे!" चीन ने अमेरिका की इस चाल को 'गलती पर गलती' बताया और सीधा एलान कर दिया कि अगर ट्रेड वॉर हुआ, तो हम अपने देश की सुरक्षा, संप्रभुता और विकास हितों की रक्षा के लिए हर हद तक जाएंगे।
इस तनातनी के बीच वैश्विक बाजार हिल गया। एक दिन में निवेशकों के करोड़ों रुपये स्वाहा हो गए। शेयर बाजार में ऐसा कोहराम मचा कि किसी को कुछ समझ नहीं आया। अब सवाल यही उठ रहा है कि अगर ये दोनों देश ट्रेड वॉर की जगह सीधे हथियार उठा लें, तो मैदान में कौन भारी पड़ेगा?

कौन है दुनिया की सबसे ताकतवर फौज का मालिक?

अमेरिका की ताकत पर एक नज़र

ग्लोबल फायरपावर इंडेक्स हर साल दुनिया की सेनाओं की ताकत का लेखा-जोखा पेश करता है। उसके ताज़ा आंकड़ों के हिसाब से अमेरिका इस इंडेक्स में टॉप पर है। पॉवर स्कोर है 0.0744। ये स्कोर जितना कम, उतनी ज्यादा ताकत।
अब बात करते हैं अमेरिकी फौज की ताज़ा तस्वीर की:
सेना में कुल जवान: 14 लाख 3 हजार से ज्यादा

एयरफोर्स पर्सनल: 7 लाख 1 हजार

नेवी जवान: 6 लाख से ज्यादा

एयरक्राफ्ट की संख्या: 13,000 से अधिक

फाइटर जेट्स: 1790

हेलीकॉप्टर: 5000+

और हां, अमेरिका के पास दुनिया के सबसे घातक और एडवांस हथियार हैं। टेक्नोलॉजी के मामले में अमेरिका को टक्कर देना किसी के बस की बात नहीं। अमेरिका एक परमाणु शक्ति संपन्न देश है और उसके पास हजारों न्यूक्लियर वॉरहेड्स हैं। उसकी सैन्य तकनीक, इंटेलिजेंस और सैटेलाइट सिस्टम भी वर्ल्ड क्लास माने जाते हैं।

क्या चीन वाकई अमेरिका से कमज़ोर है?

अब अमेरिका की तुलना में चीन को देखिए। ग्लोबल फायरपावर इंडेक्स में चीन तीसरे नंबर पर आता है और उसका स्कोर है 0.0788। यानी थोड़ा सा ही पीछे।
अब जरा इसकी भी ताकत का जायजा लीजिए:

सेना में कुल जवान: 25 लाख 45 हजार

एयरफोर्स पर्सनल: 4 लाख से ज्यादा

नेवी जवान: 3 लाख 80 हजार

एयरक्राफ्ट की संख्या: 3000+

फाइटर जेट्स: 1212

अटैक हेलीकॉप्टर: 281

चीन के पास भी एक से बढ़कर एक हथियार हैं। उसकी मैनपावर ज्यादा है, जवानों की संख्या अमेरिका से कहीं ज्यादा है। टेक्नोलॉजी में भले थोड़ा पीछे हो, लेकिन ड्रोन, साइबर वॉरफेयर और एंटी सैटेलाइट सिस्टम में चीन ने गजब की ग्रोथ की है। चीन भी परमाणु शक्ति संपन्न देश है और उसके पास भी सैकड़ों न्यूक्लियर हथियार हैं।

जंग हुई तो क्या होगा?

अगर अमेरिका और चीन के बीच जंग छिड़ गई, तो ये महज दो देशों की लड़ाई नहीं होगी। ये टकराव पूरी दुनिया को झकझोर कर रख देगा। दोनों देश सुपरपावर हैं और दोनों के पास न्यूक्लियर हथियार भी हैं। एक छोटी सी चिंगारी दुनिया को वर्ल्ड वॉर-3 की तरफ ले जा सकती है। इतिहास गवाह है कि जब बड़े देशों की लड़ाई होती है, तो छोटे देश भी खींचे चले आते हैं। अमेरिका के साथ नाटो जैसे कई संगठन जुड़ जाएंगे, वहीं चीन के साथ रूस जैसे देशों की नजदीकियां हैं। ऐसे में ये जंग सिर्फ मिसाइलों की नहीं, बल्कि इंटरनेट, सैटेलाइट, साइबर अटैक और इकॉनमिक बमबारी की भी होगी।

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