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Agra Gulfam Murder Case: क्या नाम पूछकर मुस्लिम युवक गुलफाम को मारी गई गोली? वायरल खबर पर पुलिस ने किया खुलासा

आगरा के ताजगंज में युवक गुलफाम की हत्या के बाद तनाव भड़काने वाले दावे वायरल, पुलिस ने बताया आपराधिक घटना, सोशल मीडिया अफवाहों से बचें।
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Agra Gulfam Murder Case: आगरा के ताजगंज थाना क्षेत्र में बुधवार देर रात हुई एक युवक की हत्या ने सोशल मीडिया पर तूफान ला दिया है। गुलफाम नामक युवक की गोली मारकर हत्या के बाद से वायरल हो रहे दावों में कहा जा रहा है कि हमलावरों ने उसका नाम पूछकर उसे निशाना बनाया। हालांकि, आगरा पुलिस ने इन सभी दावों को खारिज करते हुए मामले की अलग ही सच्ची कहानी बताई है।

क्या हुआ था आगरा में?

दरअसल गुलफाम शिल्पग्राम रोड स्थित एक रेस्टोरेंट में काम करता था। बुधवार रात करीब 12 बजे जब वह अपने साथी सैफ अली के साथ दुकान बंद कर रहा था, तभी एक्टिवा सवार तीन युवक वहां से गुजरे। चश्मदीद सैफ अली के मुताबिक, दो हमलावरों ने गुलफाम से बातचीत का दिखावा किया और अचानक एक ने तमंचा निकालकर उसके सीने में गोली मार दी। गुलफाम की अस्पताल में मौत हो गई।

सोशल मीडिया पर क्या दावे वायरल हो रहे हैं?

हत्या के बाद सोशल मीडिया पर एक वीडियो तेजी से वायरल हुआ, जिसमें दो युवक खुद को 'क्षत्रिय गौ रक्षा दल' का सदस्य बताते हुए इस हत्या की जिम्मेदारी लेते दिखे। वीडियो में युवकों ने भड़काऊ बयान देते हुए दावा किया कि उन्होंने गुलफाम से उसका नाम पूछकर उसे निशाना बनाया। इस वीडियो ने पहलगाम आतंकी हमले के बाद के माहौल में और अधिक तनाव पैदा कर दिया।

पुलिस ने क्या कहा?

आगरा पुलिस ने वायरल वीडियो को पूरी तरह से खारिज कर दिया है। पुलिस प्रवक्ता ने स्पष्ट किया कि क्षेत्र में 'क्षत्रिय गौ रक्षा दल' नाम का कोई संगठन नहीं है। साथ ही चश्मदीद सैफ अली ने कभी भी नाम पूछे जाने की बात नहीं कही। यह एक सामान्य अपराधिक घटना है, जिसे सोशल मीडिया पर गलत तरीके से पेश किया जा रहा है।

मामले की वास्तविक स्थिति क्या है?

पुलिस के अनुसार यह एक व्यक्तिगत विवाद या लूट की कोशिश का मामला हो सकता है। जांच में पता चला है कि हमलावरों ने गुलफाम से पहले बातचीत की थी, जो संभवतः लूट के इरादे से की गई होगी। फिलहाल आगरा पुलिस की कई टीमें आरोपियों की तलाश में जुटी हुई हैं और सोशल मीडिया पर फैल रही अफवाहों पर अंकुश लगाने की कोशिश कर रही हैं।

क्यों महत्वपूर्ण है यह मामला?

यह घटना इसलिए विशेष महत्व रखती है क्योंकि यह पहलगाम आतंकी हमले के ठीक बाद हुई है, जब देशभर में धार्मिक तनाव का माहौल बना हुआ है। पुलिस ने लोगों से अपील की है कि वे सोशल मीडिया पर वायरल हो रही अफवाहों पर विश्वास न करें और केवल आधिकारिक सूत्रों से प्राप्त जानकारी पर ही भरोसा करें।

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नोट: हमारी पूरी टीम अपने सभी पाठकों और दर्शकों से अनुरोध करती है कि वर्तमान के संवेदनशील समय में सोशल मीडिया पर वायरल किसी भी वीडियो को बिना फैक्ट चेक किए सच न मानें यह पाकिस्तान द्वारा प्रोपेगेटेड भी हो सकती हैं अतः सतर्क रहें और देश के जिम्मेदार नागरिक बनें।

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