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महाकुंभ में हुआ हादसा: SSP ने बताया भगदड़ नहीं थी, सिर्फ थी भीड़भाड़, 20 से ज्यादा लोग हुए घायल

प्रयागराज महाकुंभ में हुए हादसे पर SSP ने कहा कि ये भगदड़ नहीं थी, सिर्फ भीड़भाड़ थी। जानें क्या थी वजह, हादसे में 20 से ज्यादा श्रद्धालु घायल हुए हैं।
04:50 PM Jan 29, 2025 IST | Girijansh Gopalan
एसएसपी ने कहा महाकुंभ मेले में भगदड़ नहीं मची।

उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में हो रहे महाकुंभ मेले के दौरान मौनी अमावस्या के दिन एक बड़ा हादसा हुआ। हादसे में 20 से ज्यादा श्रद्धालुओं की जान चली गई। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस घटना पर दुख जताया है। मुख्यमंत्री ने प्रशासन से इस पर तुरंत कदम उठाने के निर्देश दिए। लेकिन इस हादसे के बाद कुंभ मेला के SSP राजेश द्विवेदी ने जो बयान दिया, उसने सभी को चौंका दिया। उन्होंने साफ कहा कि यह कोई भगदड़ नहीं थी, बल्कि महज भीड़भाड़ थी, जिसके कारण कुछ श्रद्धालु घायल हुए। तो चलिए, जानते हैं इस हादसे के बारे में पूरी जानकारी और SSP के इस चौंकाने वाले बयान को किस तरह से प्रशासन ने स्थिति को संभाला।
SSP राजेश द्विवेदी का बयान – “कोई भगदड़ नहीं, सिर्फ भीड़भाड़ थी”

नहीं मची कोई भगदड़

हादसे के बाद, कुंभ मेला के SSP राजेश द्विवेदी ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि “यह कोई भगदड़ नहीं थी।” उन्होंने कहा कि स्थिति इतनी गंभीर नहीं थी जितना कि बाहर से लग रहा था। “यह सिर्फ भीड़भाड़ का परिणाम था, जिसके चलते कुछ श्रद्धालु घायल हो गए।” उनका कहना था कि प्रशासन पूरी स्थिति पर नजर बनाए हुए है और माहौल अब पूरी तरह से नियंत्रण में है। उन्होंने आगे कहा कि प्रशासन ने कई घाटों को और ज्यादा विकसित किया है ताकि श्रद्धालु आसानी से स्नान कर सकें। राजेश द्विवेदी ने किसी भी प्रकार की अफवाहों पर ध्यान न देने की अपील की। हालांकि, उन्होंने यह भी बताया कि उनके पास इस हादसे में घायलों या हताहतों की सटीक संख्या नहीं थी।

DIG वैभव कृष्ण का बयान: “10 करोड़ श्रद्धालुओं के आने का था असर”

हादसे पर महाकुंभ के DIG वैभव कृष्ण का कहना था कि यह घटना दरअसल इस वजह से हुई कि 10 करोड़ से ज्यादा श्रद्धालु महाकुंभ में आने की उम्मीद थी। उन्होंने कहा, “यहां पर इतने ज्यादा श्रद्धालुओं का एक साथ स्नान करने का अनुमान था, जिसके चलते यह हादसा हुआ।” वैभव कृष्ण ने यह भी बताया कि पुलिस और प्रशासन ने अखाड़ों के जुलूसों में श्रद्धालुओं की मदद करने के लिए पर्याप्त इंतजाम किए थे। वह भी स्थिति को नियंत्रण में होने की बात कर रहे थे, और इस घटना की पूरी जांच के बाद ही इसके कारणों को समझने की बात कही।

श्रद्धालुओं की बैरिकेड्स फांदने की कोशिश के कारण हुआ हादसा

हादसे के बाद उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने लखनऊ में एक उच्च स्तरीय बैठक बुलाई। इस बैठक में उन्होंने बताया कि यह हादसा उस वक्त हुआ जब श्रद्धालु बैरिकेड्स फांदकर आगे बढ़ने की कोशिश कर रहे थे। सीएम योगी ने कहा कि "कुछ श्रद्धालु, जो बैरिकेड्स को पार करके आगे बढ़ने की कोशिश कर रहे थे, गंभीर रूप से घायल हो गए। इन घायलों को तुरंत अस्पताल भेजा गया और उन्हें उपचार दिया गया है।" योगी आदित्यनाथ ने ये भी कहा कि स्नान के समय श्रद्धालुओं की भारी भीड़ के कारण इस प्रकार की अफरा-तफरी मच गई। उन्होंने कहा कि प्रशासन ने जल्द ही सभी घायल श्रद्धालुओं को अस्पताल पहुंचाया और उनकी चिकित्सा व्यवस्था की।

महाकुंभ की स्थिति

महाकुंभ का महत्व हिन्दू धर्म में बहुत अधिक है, और यह प्रत्येक 12 साल में एक बार होता है। इस बार महाकुंभ में लाखों श्रद्धालुओं का जमावड़ा हुआ था, और मौनी अमावस्या के दिन लगभग आठ से 10 करोड़ श्रद्धालुओं के स्नान करने की संभावना थी। यह स्नान अमृत स्नान के रूप में जाना जाता है, जो महाकुंभ का सबसे पवित्र स्नान होता है। इस दिन विशेष रूप से अखाड़ों के साधुओं का स्नान होता है, और यही दृश्य मुख्य आकर्षण रहता है।

कुंभ में भारी सुरक्षा इंतजाम

महाकुंभ में श्रद्धालुओं की सुरक्षा के लिए प्रशासन ने कड़ी सुरक्षा व्यवस्था की थी। मेला क्षेत्र में भारी संख्या में पुलिसकर्मी, PAC और आरपीएफ के जवान तैनात थे। इसके अलावा, हेलिकॉप्टर और ड्रोन के जरिए मेला क्षेत्र की निगरानी भी की जा रही थी ताकि कोई अप्रिय घटना न हो। बावजूद इसके, अचानक बढ़ी हुई भीड़ और श्रद्धालुओं की असावधानी ने स्थिति को नियंत्रण से बाहर कर दिया। प्रशासन ने अब तक स्थिति को नियंत्रण में लाने के लिए और भी कदम उठाए हैं। एसएसपी ने इस बात का भी ध्यान दिलाया कि प्रशासन अब और अधिक घाटों को विकसित करने की योजना बना रहा है ताकि श्रद्धालुओं को बेहतर सुविधा मिल सके।

महाकुंभ में होने वाली सुरक्षा खामियां

महाकुंभ जैसे बड़े धार्मिक आयोजनों में इतनी बड़ी संख्या में लोग इकट्ठा होते हैं कि कभी-कभी व्यवस्थाएं बेकाबू हो जाती हैं। हालांकि इस बार प्रशासन ने पूरी तैयारी की थी, लेकिन अचानक इतनी बड़ी संख्या में लोग इकट्ठा हो गए, और भीड़ नियंत्रण से बाहर हो गई। शुरुआत में भीड़ को नियंत्रित करने के लिए जो बैरिकेडिंग लगाई गई थी, श्रद्धालु उन्हें पार करने की कोशिश कर रहे थे। यही वह कारण था, जिसकी वजह से हादसा हुआ। सीएम योगी ने भी यह कहा कि प्रशासन इस पर कड़ी नजर रखे हुए है और भविष्य में इस तरह की घटनाओं को रोकने के लिए और बेहतर उपाय किए जाएंगे।

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