8th Pay Commission: 8वें वेतन आयोग में कैसे और किस आधार पर बढ़ेगी सैलरी? आसान भाषा में यहां जानिए सब कुछ
8th Pay Commission: केंद्र सरकार की ओर से 8वें वेतन आयोग के गठन को मंजूरी मिलने के साथ ही केंद्रीय कर्मचारियों (सरकारी) में खुशी की लहर है। इस फैसले से लाखों सरकारी कर्मचारियों की सैलरी में अच्छी-खासी बढ़ोतरी होने वाली है। कुछ विभाग ऐसे भी हैं, जो 8वें वेतन आयोग के तहत नहीं आएंगे। यानी 8वां वेतन आयोग लागू होने के बाद भी कुछ विभाग के कर्मचारियों की सैलरी नहीं बढ़ेगी। आखिर, 8वें वेतन आयोग में कर्मचारियों की सैलरी कैसे और किस आधार पर बढ़ेगी इसके अंतर्गत कौन-कौन आएंगे आइए विस्तार से जानते हैं?
8वें वेतन आयोग में कैसे बढ़ेगी सैलरी?
बता दें कि, देश में वर्तमान समय में 7वां वेतन आयोग लागू है। 7वां वेतन आयोग साल 2014 में गठित हुआ था और इसे साल 2016 में लागू किया गया था। अब 8वें वेतन आयोग में सैलरी में बढ़ोतरी फिटमेंट फैक्टर और भत्तों के आधार पर होने वाली है। जानकारी के अनुसार, 8वें वेतन आयोग में फिटमेंट फैक्टर 1.92 से 2.86 के बीच होने की संभावना है। उदाहरण के तौर पर, लेवल 1 (चपरासी, अटेंडर और सहायक कर्मचारी शामिल) में जिन केंद्रीय सरकारी कर्मचारियों की बेसिक सैलरी अभी 18,000 रुपए हैं अब बढ़कर सीधे 51,480 रुपए हो जाएगी। यानी 8वें वेतन आयोग में 33,480 रुपए की वृद्धि होने वाली है।
किन कर्मचारियों की कितनी बढ़ेगी सैलरी?
इसी तरह से लेवल 8 ( सीनियर सेक्शन ऑफिसर और असिस्टेंट ऑडिट ऑफिसर) में 47,600 रुपए का मूल वेतन 88,536 रुपए बढ़कर 1,36,136 रुपए होने की संभावना जताई जा रही है। लेवल 9 (डिप्टी सुपरिटेंडेंट ऑफ पुलिस और ऑडिट ऑफिसर शामिल) में 53,100 रुपए का मूल वेतन बढ़कर 1,51,866 रुपए होने की संभावना है, यानी 98,766 रुपए की बढ़ोतरी। लेवल 10 में सिविल सेवाओं में प्रवेश स्तर के अधिकारी (ग्रुप ए अधिकारी) शामिल हैं। 56,100 रुपए का मूल वेतन 1,04,346 रुपए की वृद्धि के साथ 1,60,446 रुपए होने की संभावना है।
इन कर्मचारियों पर लागू नहीं होगा 8वां वेतन आयोग
दरअसल, देश में हर 10 साल में एक नया वेतन आयोग (8th Pay Commission) लागू होता है। वर्तमान में 7वां वेतन आयोग लागू है। दरअसल,पब्लिक सेक्टर अंडरटेकिंग (Public Sector Undertaking) कर्मचारी, किसी ऑटोनॉमस बॉडी के कर्मचारी और हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट के जज पे कमीशन के दायरे से बाहर होते हैं। यानी इन विभागों के कर्मचारियों पर वेतन आयोग लागू नहीं होता। इनकी सैलरी और भत्तों के लिए अलग से नियम बनाए गए हैं। ऐसे में इन विभाग में पदस्थ कर्मचारियों को 8वां वेतन आयोग का लाभ नहीं मिलेगा।
लेवल 2 में (क्लर्कि, लोअर डिवीजन क्लर्क) में 19,900 रुपए का मूल वेतन 37,014 रुपए बढ़ाकर 56,914 रुपए किए जाने की संभावना है। लेवल 3 (कॉन्स्टेबल और पुलिस या सार्वजनिक सेवाओं में कुशल कर्मचारी) में 21,700 रुपए का मूल वेतन बढ़ाकर 62,062 रुपए किए जाने की संभावना जताई जा रही है,, यानी 40,362 रुपए की बढ़ोतरी होने वाली है। लेवल 4 (ग्रेड डी स्टेनोग्राफर और जूनियर क्लर्क शामिल) में 25,500 रुपए का मूल वेतन बढ़ाकर 72,930 रुपए किए जाने की संभावना है, यानी 47,430 हजार रुपये की वृद्धि।
लेवल 5 (सीनियर क्लर्क और हाई लेवल टेक्नोलॉजी कर्मचारी शामिल) में 29,200 रुपए का मूल वेतन संशोधित कर 83,512 रुपए करने की संभावना है, यानी 54,312 रुपए की बढ़ोतरी। लेवल 6 (इंस्पेक्टर और सब-इंस्पेक्टर श्रेणी के कर्मचारी शामिल) में 35,400 रुपए का मूल वेतन 65,844 रुपए बढ़ाकर 1,01,244 रुपए किए जाने की संभावना है। लेवल 7 ( सुपरिटेंडेंट, सेक्शन ऑफिसर और असिस्टेंट इंजीनियर शामिल) में 44,900 रुपए का मूल वेतन बढ़कर 1,28,414 रुपए किए जाने की उम्मीद है, यानी 83,514 रुपए की बढ़ोतरी होने वाली है।
कैसे बढ़ेगी सैलरी और क्या है फिटमेंट फैक्टर?
बता दें कि, 8वें वेतन आयोग में सैलरी में बढ़ोतरी (Central Employee Salary Increase) फिटमेंट फैक्टर और भत्तों के आधार पर होने वाली है। जानकारी के अनुसार, 8वें वेतन आयोग में सरकारी कर्मचारियों की बेसिक सैलरी 18,000 से बढ़कर 51,480 रुपए होने की संभावना है। फिलहाल अभी यह तय नहीं हुआ है कि 8वें वेतन आयोग में फिटमेंट फैक्टर क्या रहने वाला है। दरअसल, फिटमेंट फैक्टर एक मल्टीप्लायर होता है। इसका इस्तेमाल अमूमन सरकारी कर्मचारियों के वेतन और पेंशन को संशोधित करने में किया जाता है। फिटमेंट फैक्टर को मौजूदा बेसिक सैलरी पर लागू किया जाता है। इसके आधार पर ही सैलरी निर्धारित की जाती है।
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