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आज भारत लाया जाएगा 26/11 का मास्टरमाइंड तहव्वुर राणा!

मुंबई में 26 नवंबर 2008 को हुए आतंकी हमले ने न केवल भारत बल्कि पूरी दुनिया को हिला दिया था। इस हमले में 166 निर्दोष लोगों की जान गई थी, और सैकड़ों घायल हुए थे। अब, लगभग 17 वर्षों बाद,...
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मुंबई में 26 नवंबर 2008 को हुए आतंकी हमले ने न केवल भारत बल्कि पूरी दुनिया को हिला दिया था। इस हमले में 166 निर्दोष लोगों की जान गई थी, और सैकड़ों घायल हुए थे। अब, लगभग 17 वर्षों बाद, इस जघन्य अपराध के एक प्रमुख आरोपी तहव्वुर राणा को भारत लाने की प्रक्रिया अंतिम चरण में पहुंच चुकी है। माना जा रहा है कि उसे गुपचुप तरीके से आज भारत लाया जा सकता है। सूत्रों के अनसुार इस पूरे ऑपरेशन को राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल की निगरानी में अंजाम दिया जा रहा है।

भारत में NIA की हिरासत में रहेगा राणा

राणा के प्रत्यर्पण के बाद, उसे राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) की हिरासत में रखा जाएगा। एनआईए द्वारा की गई जांच में राणा की महत्वपूर्ण भूमिका सामने आई है, जिसमें उसने हेडली की सहायता की थी और हमले की योजना में सक्रिय रूप से शामिल था। भारत में राणा के खिलाफ गैरकानूनी गतिविधि (रोकथाम) अधिनियम (UAPA) और भारतीय दंड संहिता की कई धाराओं के तहत मामले दर्ज हैं। उसे 26/11 की आतंकी घटना का मास्टरमाइंड भी माना जाता है। इसी सिलसिले में उसके प्रत्यर्पण के लिए भारत सरकार ने अमेरिका से अपील की थी।

26-11 attack

लंबे समय से चल रही थी राणा के प्रत्यर्पण की कोशिश

राणा के प्रत्यर्पण को लेकर भारत सरकार और सुरक्षा एजेंसियां लंबे समय से प्रयासरत थीं। यह कूटनीतिक और कानूनी सफलता 26/11 के पीड़ितों और उनके परिजनों के लिए न्याय की उम्मीद की नई किरण है। राणा की गिरफ्तारी और आगामी न्यायिक प्रक्रिया से यह संकेत मिलता है कि कोई भी अपराधी कानून से बच नहीं सकता।

पाकिस्तानी मूल का कनाडाई नागरिक है तहव्वुर राणा

आपको बता दें कि तहव्वुर राणा, पाकिस्तानी मूल का कनाडाई नागरिक, लश्कर-ए-तैयबा (LeT) का सक्रिय सदस्य था। उस पर आरोप है कि उसने डेविड कोलमेन हेडली की मदद की थी, जिसने मुंबई में हमले के लिए स्थानों की रेकी की थी। हेडली और राणा की जोड़ी ने मिलकर इस भयावह हमले की साजिश रची थी। इस हमले के बाद से ही वह फरार था और सुरक्षा एजेंसियां उसकी तलाश में थी। वर्ष 2009 में एफबीआई ने राणा को शिकागो में गिरफ्तार किया था। अगस्त 2024 में, अमेरिकी न्यायालय ने भारत और अमेरिका के बीच प्रत्यर्पण संधि के तहत राणा के प्रत्यर्पण को मंजूरी दी। कोर्ट ने माना कि भारत ने राणा की संलिप्तता के पर्याप्त प्रमाण प्रस्तुत किए हैं, जिससे प्रत्यर्पण आदेश उचित था।

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