भगवान विष्णु के अपमान का खामियाजा भुगतेगा ये बांग्लादेशी गांव, मूर्ति के हटते ही बंजर होने लगी जमीन
बांग्लादेश के दिनाजपुर जिले में कुछ दिन पहले एक अनोखी घटना सामने आई। हरिनाथपुर गांव में खुदाई के दौरान भगवान विष्णु की एक प्राचीन मूर्ति मिली थी। प्रशासन ने इसे एक सामान्य मामला बताते हुए मूर्ति को ढाका के कोषागार में भेज दिया।
लेकिन अब गांव के हालात बदलने लगे हैं। जिस तालाब से ये मूर्ति निकली थी, वहां का पानी सूख गया है। आसपास की जमीन भी धीरे-धीरे बंजर होती जा रही है। स्थानीय लोग हैरान हैं क्योंकि ऐसी स्थिति यहां पिछले 600 सालों में कभी नहीं देखी गई।
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, प्रशासनिक अधिकारी इस बदलाव की वजह समझने की कोशिश कर रहे हैं। जमीन की हालत और तालाबों के सूखने को लेकर जांच शुरू हो गई है।
गांव में बना था भव्य विष्णु मंदिर
स्थानीय लोगों के मुताबिक, करीब 1400वीं शताब्दी के आस-पास यहां गणेश नाम के एक मशहूर जमींदार रहते थे। उन्होंने अपने दौर में एक बड़ा तालाब खुदवाया था। साथ ही, अपने रहने के लिए एक महल और पूजा-पाठ के लिए एक मंदिर भी बनवाया था।
आज भी वो महल वहां खड़ा है, लेकिन मंदिर अब पूरी तरह बर्बाद हो चुका है। हाल ही में भगवान विष्णु की एक प्राचीन मूर्ति मिली है, जिसे लेकर गांव वालों का मानना है कि यह उसी पुराने मंदिर की हो सकती है।
फिलहाल, उस इलाके में जहां तालाब और महल थे, अब मुसलमान समुदाय के लोग बसे हुए हैं। वहीं, वहां एक सरकारी स्कूल भी बना दिया गया है।
27 किलो वजन की जमीन से निकली मूर्ति
दो दिन पहले जब बुलडोजर से खुदाई हो रही थी, तो जमीन के अंदर से एक पुरानी मूर्ति निकली। स्थानीय अधिकारियों का कहना है कि ये मूर्ति भगवान विष्णु की है और इसका वजन करीब 27 किलो है। इस मूर्ति में भगवान विष्णु के साथ माता लक्ष्मी की आकृति भी बनी हुई है, और उस पर कमल का निशान भी दिखाई देता है।
मूर्ति की लंबाई 32 ईंच और चौड़ाई 14 ईंच बताई जा रही है। लोगों के बीच एक मान्यता ये भी है कि इसी जगह पर पहले गणेश नाम के एक प्रसिद्ध जमींदार रहते थे, जो भगवान विष्णु के भक्त थे। कहा जाता है कि उन्होंने यहां एक बड़ा यज्ञ भी करवाया था।
गांव में फैला डर का माहौल
इलाके में बंजर जमीन मिलने के बाद से लोगों के बीच एक अजीब सा डर बैठ गया है। गांव के बड़े-बुज़ुर्ग कह रहे हैं कि इस जगह को लेकर कई किस्से-कहानियां पहले से ही प्रचलित हैं। कुछ लोगों का मानना है कि यहां भगवान गणेश ने माता चंडी की शपथ लेकर एक खास अनुष्ठान करवाया था।
लोग ये भी बता रहे हैं कि इस गांव का तालाब पिछले 600 सालों से कभी नहीं सूखा था, लेकिन इस बार न सिर्फ तालाब सूख गया, बल्कि आसपास की जमीन भी धीरे-धीरे बंजर होती जा रही है। गांव में हर तरफ यही सवाल गूंज रहा है कि अचानक ये सब कैसे हो गया?
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