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विदेशी छात्रों पर अमेरिकी गाज! हजारों छात्रों को ईमेल भेज किया वीजा रद्द, दिए ये निर्देश

अमेरिका में हजारों विदेशी छात्रों का F-1 वीजा अचानक रद्द। सोशल मीडिया पर विरोधी पोस्ट लाइक करने पर भी कार्रवाई। भारतीय छात्र भी प्रभावित।
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अमेरिका में पढ़ाई कर रहे हजारों विदेशी छात्रों को अचानक एक ईमेल मिला, जिसमें उनके एफ-1 वीजा रद्द होने की जानकारी दी गई। यह ईमेल अमेरिकी विदेश विभाग (DOS) की ओर से भेजा गया है। इसमें कहा गया है कि जिन छात्रों का वीजा रद्द हुआ है, उन्हें तुरंत खुद ही अमेरिका छोड़कर अपने देश लौट जाना चाहिए। अगर वे ऐसा नहीं करते तो उन्हें गिरफ्तार किया जा सकता है और कानूनी कार्रवाई के तहत किसी और देश में भी भेजा जा सकता है। इस फैसले से छात्रों में हड़कंप मच गया है।

अमेरिका में अब विदेशी छात्रों के लिए अभिव्यक्ति की आज़ादी को लेकर चिंता बढ़ गई है। पहले यह कार्रवाई सिर्फ उन छात्रों के खिलाफ थी जो कैंपस में हो रहे विरोध प्रदर्शनों में शामिल होते थे। लेकिन अब इसका दायरा बढ़ गया है। अब ऐसे छात्रों को भी निशाना बनाया जा रहा है, जो भले ही खुद प्रदर्शन में शामिल न हुए हों, लेकिन सोशल मीडिया पर किसी भी तरह से अमेरिका विरोधी पोस्ट को लाइक, शेयर या कमेंट कर चुके हैं।

टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक, इस कार्रवाई से कुछ भारतीय छात्र भी प्रभावित हुए हैं। आव्रजन वकीलों का कहना है कि यदि कोई छात्र राजनीतिक पोस्ट शेयर करता है, तो उसका वीज़ा भी रद्द किया जा सकता है।

भारतीय छात्र कितने है?

ओपन डोर्स रिपोर्ट के ताज़ा आंकड़ों के मुताबिक, 2023-24 के शैक्षणिक सत्र में अमेरिका में पढ़ने वाले कुल 1.1 मिलियन अंतर्राष्ट्रीय छात्रों में से 3.31 लाख छात्र भारत से हैं। यह संख्या भारतीयों के लिए चर्चा और चिंता का विषय बनी हुई है।

F-1 वीजा को समझे 

F-1 वीजा एक खास तरह का वीजा है जो विदेशी छात्रों को अमेरिका में पढ़ाई करने की अनुमति देता है। यह वीजा उन छात्रों के लिए होता है जो किसी मान्यता प्राप्त कॉलेज, यूनिवर्सिटी, स्कूल या भाषा सीखने के कार्यक्रम में पढ़ाई करना चाहते हैं। अमेरिकी सरकार के अनुसार, भारतीय छात्र हमेशा से ही अमेरिका में पढ़ने वाले अंतरराष्ट्रीय छात्रों की एक बड़ी संख्या का हिस्सा रहे हैं।

F-1 वीजा धारकों पर अमेरिकी कार्रवाई

अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो ने हाल ही में घोषणा की कि कई अंतरराष्ट्रीय छात्रों के वीजा रद्द कर दिए गए हैं, क्योंकि उन पर "राष्ट्र-विरोधी" गतिविधियों में शामिल होने का शक था। उन्होंने कहा कि अमेरिका को यह तय करने का पूरा अधिकार है कि उसे अपने देश में किसे आने देना है और किसे नहीं। रुबियो ने यह भी कहा कि दुनिया के हर देश को यह फैसला लेने का हक होता है कि कौन उनके देश में बतौर मेहमान आ सकता है।

हमास समर्थक छात्र ज्यादा प्रभावित 

रुबियो ने हाल ही में एक AI-संचालित ऐप "कैच एंड रिवोक" के लॉन्च का जिक्र किया, जिसका मकसद हमास जैसे आतंकी संगठनों का समर्थन करने वाले छात्रों की पहचान करना है। इसके तहत अब नए छात्र वीज़ा आवेदनों की भी कड़ी जांच की जा रही है। अमेरिकी विदेश विभाग (DOS) अब आवेदकों की सोशल मीडिया गतिविधियों पर नज़र रख रहा है। अगर किसी को दोषी पाया जाता है, तो उसका वीज़ा रद्द किया जा सकता है और उसे अमेरिका में पढ़ाई करने से रोका जा सकता है।

छात्रों को आया ईमेल

ट्रंप प्रशासन ने छात्रों को ईमेल भेजकर बताया कि उनका F-1 वीजा रद्द कर दिया गया है। इस ईमेल में चेतावनी दी गई कि अगर वे अमेरिका में बिना वैध वीजा के रहते हैं, तो उन्हें जुर्माना, हिरासत या देश से निकाला जा सकता है।

साथ ही, यह भी बताया गया कि छात्रों को उनके अपने देश या किसी और देश में भेजा जा सकता है। इसलिए, प्रशासन ने सलाह दी कि छात्र खुद ही जल्द से जल्द अमेरिका छोड़ दें, ताकि उन्हें किसी कानूनी परेशानी का सामना न करना पड़े।

छात्रों को मिले ये निर्देश

अगर आप भविष्य में अमेरिका जाना चाहते हैं, तो आपको फिर से वीज़ा के लिए आवेदन करना होगा। उस समय आपकी पात्रता पर फैसला लिया जाएगा।

छात्रों को ट्रम्प प्रशासन के दौरान शुरू किए गए CBP होम ऐप का इस्तेमाल करने की सलाह दी गई है, ताकि वे आसानी से अमेरिका से प्रस्थान कर सकें।

इसके अलावा, छात्रों को चेतावनी दी गई है कि वे अपने रद्द किए गए वीज़ा का इस्तेमाल करने की कोशिश न करें।

प्रस्थान के समय, उन्हें अपना पासपोर्ट अमेरिकी दूतावास या वाणिज्य दूतावास में दिखाना होगा।

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