पाकिस्तान के पत्रकार को अमेरिका ने सुनाई खरी-खरी, बोलती हो गई बंद
अमेरिका की विदेश विभाग की प्रवक्ता टैमी ब्रूस से जब एक पाकिस्तानी पत्रकार ने सवाल पूछा तो उन्होंने जवाब देने से इनकार कर दिया। पत्रकार ने जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच बढ़े तनाव को लेकर सवाल किया था।
लेकिन टैमी ब्रूस ने साफ तौर पर कहा कि वो इस मुद्दे पर कोई टिप्पणी नहीं करेंगी। उन्होंने कहा कि अगर किसी और मुद्दे पर सवाल है तो उस पर बात की जा सकती है, लेकिन भारत-पाकिस्तान के तनाव पर वो कुछ नहीं कहेंगी। टैमी ब्रूस ने ये भी कहा कि इस मामले में राष्ट्रपति और विदेश सचिव पहले ही अपना पक्ष रख चुके हैं और वो इस बातचीत को आगे नहीं बढ़ाना चाहतीं।
अमेरिका के एक प्रवक्ता ने बताया कि राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प और विदेश मंत्री मार्को रुबियो ने साफ तौर पर कहा है कि अमेरिका भारत के साथ है और हर तरह के आतंकवाद की निंदा करता है। उन्होंने यह भी कहा कि पहलगाम हमले में जो लोग मारे गए हैं या घायल हुए हैं, उनके लिए अमेरिका प्रार्थना करता है कि वे जल्दी ठीक हो जाएं। साथ ही उनका कहना था कि इस हमले के दोषियों को सजा मिलनी चाहिए।
ट्रंप ने किया था भारत का समर्थन
22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में एक बड़ा आतंकी हमला हुआ। ये हमला बैसरन में हुआ, जिसे "मिनी स्विट्जरलैंड" कहा जाता है। वहां घूमने आए पर्यटकों समेत कुल 28 लोगों की आतंकियों ने गोली मारकर हत्या कर दी। इस घटना के बाद देश में ग़म और गुस्से का माहौल है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने फोन किया और इस हमले में मारे गए लोगों के लिए संवेदना जताई। पीएम मोदी ने ट्रंप का धन्यवाद किया और कहा कि जो भी इस हमले के पीछे हैं – चाहे वो आतंकी हों या उनके मददगार उन्हें सख्त सजा दी जाएगी।
भारत ने रद्द किया पाकिस्तानियों वीजा
भारत सरकार ने इस घटना के बाद पाकिस्तान के सभी नागरिकों को दिए गए वीजा रद्द कर दिए हैं। इसके साथ ही पाकिस्तान में रह रहे भारतीयों से कहा गया है कि वे हालात को देखते हुए जल्द से जल्द भारत लौट आएं।
इस बीच, बिहार के मधुबनी में एक जनसभा के दौरान पीएम मोदी ने कहा कि सरकार हर उस आतंकवादी को ढूंढ निकालेगी जो इस हमले में शामिल था, और उन्हें ऐसी सजा दी जाएगी जिसकी कोई कल्पना भी नहीं कर सकता।