अमेरिकी विदेश मंत्री का दो टूक संदेश, ‘वीजा कोई अधिकार नहीं, बल्कि विशेषाधिकार है’
2025 में अमेरिका में पढ़ाई कर रहे विदेशी छात्रों के लिए माहौल लगातार चुनौतीपूर्ण होता जा रहा है। छात्र वीजा कैंसिल किए जाने की घटनाएं बढ़ रही हैं, खासकर उन स्टूडेंट्स के लिए जो यूनिवर्सिटी कैंपस में फिलिस्तीन के समर्थन में प्रदर्शन कर रहे हैं। इस बीच अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रूबियो का बयान काफी चर्चाओं में है। रूबियो ने साफ शब्दों में कहा है कि, "अमेरिका में प्रवेश करना कोई जन्मसिद्ध अधिकार नहीं, बल्कि एक विशेषाधिकार है – जो केवल उन्हीं को मिलना चाहिए, जो देश के कानूनों और मूल्यों का सम्मान करते हैं।"
छात्रों के लिए अमेरिका की जमीन अब उतनी आसान नहीं रही
एक अमेरिकी न्यूज वेबसाइट पर लिखे अपने लेख में रूबियो ने चेतावनी भरे लहजे में कहा कि अमेरिका में स्टूडेंट वीजा पाने वाले छात्रों को यह भ्रम नहीं पालना चाहिए कि एक बार वीजा मिलने के बाद वे किसी भी गतिविधि में भाग ले सकते हैं। वीजा मिलना अमेरिका की मेहरबानी है, कोई गारंटी नहीं। और अगर किसी की गतिविधि देश की सुरक्षा या मूल्यों के खिलाफ जाती है, तो उस वीजा को कैंसिल करने में हमें एक सेकंड नहीं लगेगा।
हार्वर्ड और कोलंबिया कैम्पस में यहूदी छात्रों को टारगेट करने का आरोप
रूबियो का बयान ऐसे समय आया है जब अमेरिका की बड़ी यूनिवर्सिटीज जैसे हार्वर्ड और कोलंबिया में फिलिस्तीन समर्थक प्रदर्शनों की बाढ़ आ चुकी है। इन प्रदर्शनों के दौरान कई बार यहूदी छात्रों के साथ भेदभाव और उत्पीड़न की शिकायतें सामने आईं। अमेरिकी विदेश मंत्री रुबियो ने सीधे-सीधे विदेशी छात्रों पर आरोप लगाते हुए कहा, "इन विदेशी छात्रों ने यूनिवर्सिटी कैंपस को अमेरिकी नागरिकों के लिए असुरक्षित बना दिया है। और इनमें से कई ने जानबूझकर यहूदी छात्रों को परेशान किया।"
INA कानून के तहत कड़ी कार्रवाई का संकेत
रूबियो ने अमेरिका के इमिग्रेशन एंड नेशनलिटी एक्ट (INA) का हवाला देते हुए कहा कि जो भी विदेशी छात्र, (1) आतंकवादी गतिविधियों का समर्थन करता है, (2) हमास जैसे संगठनों का समर्थन करता है, या (3) दूसरों को भड़काता है, उसे अमेरिका में रहने या पढ़ाई करने का कोई हक नहीं है। INA के अंतर्गत सरकार के पास यह पूरा अधिकार है कि वो किसी का वीजा रद्द कर सके, यदि वो अमेरिका की सुरक्षा के लिए खतरा बनता है।
राष्ट्रीय सुरक्षा को लेकर ट्रंप सरकार ने अपनाया सख्त रुख
मार्को रूबियो ने यह भी कहा कि ट्रंप सरकार इस पूरे मसले को बेहद गंभीरता से ले रही है। उन्होंने कहा कि हर वीजा होल्डर को यह साबित करना होगा कि वह वीजा रखने के लायक है। अब केवल वीजा मिलना काफी नहीं है, बल्कि हर दिन यह साबित करना पड़ेगा कि आप अमेरिका में रहने योग्य हैं। इसके साथ ही, एक विशेष टास्क फोर्स बनाई गई है जो उन यूनिवर्सिटी कैंपसों का दौरा कर रही है जहां पर कथित तौर पर यहूदी विरोधी घटनाएं दर्ज की गई थीं।
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