अमेरिकी हमलो से यमन हुआ तबाह, महीने भर में गई 123 लोगों की जान
पिछले महीने अमेरिका ने यमन में हूती विद्रोहियों के खिलाफ बमबारी शुरू की थी। यह कार्रवाई 18 मार्च को उस वक्त तेज हो गई, जब इजराइल ने गाजा में सीजफायर तोड़ते हुए भारी बमबारी की। गाजा में इस हमले से बहुत तबाही मची है और वहां के आम लोग इसकी सबसे बड़ी कीमत चुका रहे हैं।
उधर यमन में भी हालात कुछ ऐसे ही हैं। राजधानी सना के स्वास्थ्य विभाग के मुताबिक, मार्च के बीच से अब तक अमेरिकी हमलों में कम से कम 123 लोगों की जान जा चुकी है। इनमें से ज्यादातर आम नागरिक थे। इसके अलावा 247 लोग घायल हुए हैं, जिनमें कई महिलाएं और बच्चे भी शामिल हैं।
हूती जारी रखेंगे अपने हमले
अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा है कि अमेरिका की सेना रोज़ाना हमले करके हूती लड़ाकों को पूरी तरह खत्म कर देगी। वाशिंगटन का कहना है कि इन हमलों का मकसद लाल सागर और इजराइल पर हो रहे हूती हमलों को रोकना है।
दूसरी ओर, हूती संगठन ने कहा है कि जब तक इजराइल फिलिस्तीन पर हमले नहीं रोकता, तब तक वे भी अपना सैन्य अभियान जारी रखेंगे।
ट्रंप का दावा है कि उनके हमलों से हूती अब काफी कमजोर हो चुके हैं। लेकिन यमन में हूती समूह का कहना है कि अमेरिका का हमला नाकाम रहा है और इसके ज़रिए सिर्फ आम नागरिकों और सरकारी इमारतों को निशाना बनाया गया है। उनके मुताबिक उनकी ताकत अब भी जस की तस है।
गाजा में नर्क जैसे हालात
18 मार्च से इजराइल ने एक बार फिर से हमला शुरू कर दिया है, जिसके बाद अब तक करीब 1600 लोगों की जान जा चुकी है। गाजा में हालात पहले से भी ज्यादा खराब हो गए हैं – लोगों को खाना, पानी और दवाइयों की भारी कमी का सामना करना पड़ रहा है। इसी बीच एक नए सीजफायर को लेकर बातचीत दोबारा शुरू हुई है।
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