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F-47 Fighter Jet: अमेरिका का नया 6th जेनरेशन फाइटर जेट, बोइंग को मिला 20 अरब डॉलर का ठेका

अमेरिका ने अपने छठी पीढ़ी के फाइटर जेट F-47 का ऐलान किया। 20 अरब डॉलर का ठेका बोइंग को मिला, जिससे उसके शेयर बढ़े और लॉकहीड मार्टिन को झटका लगा।
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F-47 Fighter Jet: अमेरिकी वायुसेना ने अपने नए 6th जेनरेशन फाइटर जेट बनाने की योजना का ऐलान कर दिया है। इस प्रोजेक्ट को 'नेक्स्ट जनरेशन एयर डोमिनेंस' (NGAD) नाम दिया गया है। रॉयटर्स की रिपोर्ट के मुताबिक, अमेरिका की बोइंग कंपनी को इस सबसे आधुनिक फाइटर जेट बनाने का कॉन्ट्रैक्ट मिला है।

रिपोर्ट में यह भी बताया गया है कि इस फाइटर जेट को F-47 नाम दिया जाएगा। अमेरिकी वायुसेना का कहना है कि इसमें दुनिया की सबसे उन्नत तकनीक का इस्तेमाल होगा, जिससे युद्ध लड़ने का तरीका पूरी तरह बदल जाएगा। उम्मीद है कि यह जेट अगले दशक में सेवा में आ जाएगा।

 F-47 दिया गया नाम 

F-47 Fighter Jet

अमेरिका के 47वें राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने छठी पीढ़ी के नए लड़ाकू विमान का नाम F-47 रखा है। वाइट हाउस में मीडिया से बात करते हुए उन्होंने कहा, "हमने बहुत सारे विमान ऑर्डर किए हैं, लेकिन उनकी कीमत बताना संभव नहीं है।"

ट्रंप ने यह भी बताया कि अमेरिका के सहयोगी देश लगातार इस विमान को लेकर रुचि दिखा रहे हैं और इसकी विदेशी बिक्री का विकल्प खुला हो सकता है। उन्होंने कहा, "दूसरे देश भी इसे खरीदना चाहते हैं।"

पहले इस NGAD प्रोग्राम को इसकी ज्यादा लागत की वजह से रोक दिया गया था। लेकिन अब, 21 मार्च को अमेरिकी एयरोस्पेस कंपनी बोइंग को 20 बिलियन डॉलर से ज्यादा के इस प्रोजेक्ट का ठेका मिल गया है।

NGAD का ठेका मिलते ही बोइंग के शेयरों में 5% की बढ़ोतरी 

अमेरिका के नए फाइटर जेट प्रोजेक्ट NGAD का ठेका मिलते ही बोइंग के शेयरों में 5% की बढ़त दर्ज की गई, जबकि लॉकहीड मार्टिन के शेयरों में 6% की गिरावट आई।

लॉकहीड मार्टिन, जिसने पांचवीं पीढ़ी के F-35 लड़ाकू विमान बनाए थे, ने भी NGAD प्रोजेक्ट के लिए बोली लगाई थी, लेकिन उसे सफलता नहीं मिली।

NGAD (Next Generation Air Dominance) प्रोजेक्ट हवाई युद्ध की दुनिया को पूरी तरह बदलने वाला है। अगर F-35 जैसे फाइटर जेट को दुनिया का कोई भी रडार पकड़ नहीं सकता, तो सोचिए F-47 कितना खतरनाक होगा!

रिपोर्ट के अनुसार, F-47 अमेरिका के मौजूदा F-22 रैप्टर की जगह लेगा। इस पर पिछले 10 साल से काम हो रहा था और 2023 तक बोइंग, लॉकहीड मार्टिन और नॉर्थ्रॉप ग्रुम्मन ने अपने-अपने डिजाइन तैयार करके अमेरिकी वायुसेना को सौंप दिए थे। अब यह ठेका बोइंग को मिल चुका है।

साल 2023 में अमेरिकी एयरफोर्स ने अपने नए नेक्स्ट जनरेशन एयर डोमिनेंस (NGAD) प्रोग्राम के लिए कंपनियों से प्रस्ताव मांगे। शुरुआत में कई दावेदार थे, लेकिन बाद में नॉर्थ्रॉप ग्रुम्मन इस रेस से बाहर हो गई। इसके बाद सिर्फ दो बड़ी कंपनियां—बोइंग और लॉकहीड मार्टिन—ही मुकाबले में बचीं।

NGAD प्रोग्राम को लेकर दोनों कंपनियों के बीच कड़ी टक्कर देखने को मिली, और पूरी दुनिया इस फाइटर जेट प्रोजेक्ट पर नजर रखे हुए थी। लॉकहीड मार्टिन, जो पहले F-35 और F-22 जैसे स्टील्थ फाइटर जेट बना चुकी है, इस महीने अमेरिकी नौसेना के अगले F/A-XX फाइटर जेट प्रोग्राम से भी बाहर हो गई।

F-47 Fighter Jet

बोइंग और लॉकहीड मार्टिन के बीच दिखी टक्कर 

बोइंग और लॉकहीड मार्टिन के बीच पहले भी कई बार फाइटर जेट प्रोजेक्ट्स को लेकर मुकाबला हुआ है। इससे पहले, F-35 लाइटनिंग II प्रोग्राम में बोइंग को लॉकहीड मार्टिन से हार का सामना करना पड़ा था।

बोइंग पिछले कुछ सालों से लगातार मुश्किलों का सामना कर रहा है, लेकिन अगर पेंटागन से इसे मंजूरी मिल जाती है, तो यह उसके लिए एक बड़ी जीत होगी। कंपनी लंबे समय से आर्थिक संकट, तकनीकी दिक्कतों और अन्य समस्याओं से जूझ रही है, जिसकी वजह से कई अहम कॉन्ट्रैक्ट उसके हाथ से निकल गए हैं।

हालांकि, हारने वाली कंपनी लॉकहीड मार्टिन के लिए अभी भी कुछ संभावनाएं बची हैं। माना जा रहा है कि उसे NGAD प्रोजेक्ट के तहत F-47 फाइटर जेट के कुछ हिस्सों को बनाने का मौका मिल सकता है। लेकिन, सबसे बड़ा झटका यह है कि उसे F-47 बनाने का मुख्य ठेका नहीं मिला।

सिर्फ एक महीने के भीतर लॉकहीड मार्टिन ने F/A-XX और NGAD, दोनों अहम प्रोजेक्ट खो दिए हैं, जिससे उसका भविष्य फिलहाल अनिश्चित नजर आ रहा है।

F-47 लड़ाकू विमानों की कीमत क्या होगी?

अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को अमेरिकी एयरफोर्स और नेवी के चीफ ने NGAD (नेक्स्ट जेनरेशन एयर डोमिनेंस) प्रोग्राम के बारे में जानकारी दी थी। इसके बाद ट्रंप ने छठी पीढ़ी के लड़ाकू विमानों के निर्माण की मंजूरी दी। हालांकि, अमेरिकी नौसेना का अगली पीढ़ी का लड़ाकू विमान प्रोजेक्ट (F/A-XX) अब भी जारी है।

पहले NGAD प्रोजेक्ट को जुलाई 2024 में रोक दिया गया था और इस पर दोबारा विचार करने की बात कही गई थी। अमेरिका के पूर्व वायु सेना सचिव फ्रैंक केंडल ने इस प्रोजेक्ट को रोकने की घोषणा की थी। इसकी सबसे बड़ी वजह थी – इसकी भारी लागत। माना जाता है कि NGAD प्रोग्राम के तहत बनने वाले F-47 विमान की एक यूनिट बनाने में करीब 300 मिलियन डॉलर खर्च होंगे, जो कि पांचवीं पीढ़ी के F-35 लड़ाकू विमान की तुलना में लगभग तीन गुना ज्यादा है।

अमेरिकी वायुसेना (यूएस एयरफोर्स) ने 2025 के बजट में NGAD (नेक्स्ट जेनरेशन एयर डोमिनेंस) प्रोग्राम के लिए 19.6 अरब डॉलर रखे थे। यह अब तक का सबसे महंगा प्रोजेक्ट बन चुका है। पहले इस प्रोजेक्ट को कुछ समय के लिए रोक दिया गया था, लेकिन इसे पूरी तरह से बंद नहीं किया गया।

F-47 Fighter Jet

चीन अभी अमेरिका से पीछे 

अमेरिकी अधिकारियों का कहना है कि आने वाले समय में युद्ध के नए खतरों से निपटने के लिए नई जेनरेशन के फाइटर जेट्स बनाना बहुत जरूरी है, खासकर चीन को टक्कर देने के लिए।

दिलचस्प बात ये है कि अमेरिका ने NGAD प्रोग्राम को तब लॉन्च किया, जब हाल ही में चीन ने अपने छठी पीढ़ी के लड़ाकू विमान J-36 के प्रोटोटाइप की टेस्टिंग करने का दावा किया था। इसका मतलब साफ है कि छठी पीढ़ी के फाइटर जेट्स बनाने की रेस शुरू हो चुकी है। लेकिन इस दौड़ में अभी सिर्फ अमेरिका और चीन ही हैं।

हालांकि, टेक्नोलॉजी और इंजन के मामले में अमेरिका अभी भी बहुत आगे है। चीन अभी पांचवीं पीढ़ी के लड़ाकू विमानों के लिए भी अपने इंजन नहीं बना पाया है, तो छठी पीढ़ी के फाइटर जेट्स के इंजन तैयार करने में उसे अभी कई साल लग सकते हैं।

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