तुलसी गबार्ड के इस बयान से क्यों तिलमिलाया बांग्लादेश, अमेरिकी खुफिया प्रमुख पर आगबबूला हुई यूनुस सरकार?
अमेरिका की राष्ट्रीय खुफिया निदेशक तुलसी गबार्ड इन दिनों भारत के दौरे पर हैं। यह दौरा तीन दिन का है और उनका यहां गर्मजोशी से स्वागत किया गया। सोमवार को उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की।
अपने दौरे के दौरान, तुलसी गबार्ड ने एक इंटरव्यू में बांग्लादेश में हिंदू अल्पसंख्यकों पर हो रहे हमलों को लेकर चिंता जताई। उनकी इस टिप्पणी से बांग्लादेश की अंतरिम सरकार, जिसका नेतृत्व मुहम्मद युनूस कर रहे हैं, नाराज हो गई। युनूस सरकार का कहना है कि गबार्ड के आरोपों का कोई ठोस सबूत नहीं है।
गबार्ड ने इंटरव्यू में कहा कि बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों के खिलाफ हिंसा और हत्याएं हो रही हैं। उन्होंने यह भी बताया कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने इस मुद्दे पर हाल ही में बांग्लादेश की अंतरिम सरकार से बातचीत शुरू की है, लेकिन यह मामला अभी भी चिंता का विषय बना हुआ है।
क्यों तिलमिलाया बांग्लादेश?
मुख्य सलाहकार के कार्यालय ने कहा कि गबार्ड की टिप्पणी पूरे देश की गलत और अनुचित छवि पेश करती है। उनका बयान बांग्लादेश की प्रतिष्ठा को नुकसान पहुंचाने वाला और भ्रामक है।
बयान में कहा गया कि बांग्लादेश हमेशा से एक समावेशी और शांतिपूर्ण इस्लामी परंपरा वाला देश रहा है और उसने आतंकवाद और उग्रवाद के खिलाफ अपनी लड़ाई में बड़ी सफलता हासिल की है।
कार्यालय ने यह भी कहा कि बांग्लादेश को इस्लामवादी खिलाफत के विचार से जोड़ना पूरी तरह से बेबुनियाद है। इससे न केवल बांग्लादेश के लोगों की मेहनत पर असर पड़ता है, बल्कि उनके अंतरराष्ट्रीय सहयोगियों और दोस्तों की छवि पर भी असर पड़ता है।
बांग्लादेश ऐसे किसी भी प्रयास की कड़ी निंदा करता है जो उसे इस्लामवादी खिलाफत से जोड़ने की कोशिश करता है।
बांग्लादेश करने लगा लीपा-पोती
यूनुस के कार्यालय ने कहा कि नेताओं को किसी भी मुद्दे, खासकर संवेदनशील मामलों पर बोलने से पहले सही जानकारी होनी चाहिए। उन्हें ऐसा कुछ नहीं कहना चाहिए जिससे डर फैले या सांप्रदायिक तनाव बढ़े।
अमेरिकी नेता तुलसी गबार्ड तीन दिन की यात्रा पर रविवार को नई दिल्ली आईं। उन्होंने इस्लामिक खिलाफत की विचारधारा पर चर्चा की और बताया कि कैसे दुनिया भर में कुछ आतंकी समूह अपने एजेंडे को बढ़ावा देना चाहते हैं।
इसी बीच, मुख्य सलाहकार के कार्यालय ने कहा कि बांग्लादेश, दुनिया के कई अन्य देशों की तरह, चरमपंथ की समस्या का सामना कर रहा है। लेकिन सरकार इस पर काबू पाने के लिए कानून, सामाजिक सुधार और आतंकवाद विरोधी उपायों पर लगातार काम कर रही है।