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ट्रंप ने टैरिफ पर क्यों लगाया 90 दिन का ब्रेक? कैसे एक वीडियो ने बदल डाली बाजी

125% टैरिफ पर अड़े ट्रंप फॉक्स न्यूज़ शो, शेयर बाजार गिरावट और सीक्रेट व्हाइट हाउस मीटिंग के बाद अचानक पीछे हटे—पलटी पूरी बाज़ी।
11:02 AM Apr 11, 2025 IST | Rohit Agrawal

9 अप्रैल 2025 की रात साढ़े 10 बजे भारत में घड़ी टिक रही थी, जब अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप व्हाइट हाउस से बाहर निकले। काला कोट, गंभीर चेहरा, और एक ऐसा ऐलान जो दुनिया को चौंका गया—चीन पर 125% टैरिफ सहित बाकी देशों पर लगाए गए भारी-भरकम टैरिफ पर 90 दिन का पॉज़! यह कोई छोटा फैसला नहीं था। 18 घंटे पहले तक ट्रंप अपने टैरिफ प्लान पर अड़े थे, लेकिन एक वीडियो, कुछ फोन कॉल्स और व्हाइट हाउस की सीक्रेट मीटिंग ने खेल पलट दिया। क्या था उस वीडियो में, और आखिरी घंटों में क्या हुआ? यह कहानी सियासत, बाजार और ट्रंप के झुकने की है—चलें, इसे सरल अंदाज में खोलते हैं।

फॉक्स न्यूज़ का वो शो: सांसदों ने ट्रंप को लताड़ा

बता दें कि 8 अप्रैल की रात 9 बजे अमेरिका में फॉक्स न्यूज़ पर शॉन हेनिटी का शो चल रहा था। ट्रंप अपने कमरे में टीवी के सामने बैठे थे। उस शो में लिंडसे ग्राहम, टेड क्रूज़, जॉन नीली केनेडी जैसे बड़े नाम वाले रिपब्लिकन सांसदों को बुलाया गया था। शो लाइव था और तभी जॉन नीली केनेडी ने ब्रेक माँगा और कहा कि मुझे राष्ट्रपति से बात करनी है। बता दें कि लाइव टीवी पर ही सांसदों ने ट्रंप को खरी-खोटी सुनाई। लिंडसे ग्राहम ने कहा कि लोग आपके खिलाफ पॉइंट स्कोर कर रहे हैं।

टेड क्रूज़ ने चेताया कि या तो बातचीत करो, वरना बदले की कार्रवाई से देश तबाह होगा।" इस सबको देखकर ट्रंप का चेहरा लाल हो गया। शो खत्म होते ही उन्होंने सांसदों को फोन घुमाया और एक घंटे की ग्रुप कॉल में तीखी बहस की। मीटिंग के दौरान सांसदों ने एक सुर में कहा कि मार्केट डूब रहा है, टैरिफ रोकें।" जिससे ट्रंप उलझन में पड़ गए।

मार्केट का हाहाकार: S&P 500 में 12% की गिरावट

9 अप्रैल की सुबह ट्रंप के सामने सच्चाई तब सामने आई। जब S&P 500 में 12% की गिरावट दर्ज हुई थी। अमेरिकी कंपनियों को डर सता रहा था कि चीन से सस्ता सामान बंद हो जाएगा, और 125% टैरिफ के बाद लागत आसमान छूएगी। ट्रंप का "अमेरिका फर्स्ट" प्लान उल्टा पड़ रहा था। उनकी कैबिनेट भी बँटी हुई थी। इलॉन मस्क और कई मंत्रियों ने टैरिफ के खिलाफ सलाह दी थी, लेकिन ट्रंप पीटर नवारो समेत अन्य चार सलाहकारो के भरोसे अड़े थे। मगर अब बाजार का क्रैश और सांसदों की लाइव फटकार ने उन्हें सोचने पर मजबूर कर दिया। उन्होंने सुबह 8 बजे फॉक्स न्यूज़ पर जेपी मॉर्गन के CEO जेमी डिमॉन का इंटरव्यू देखा—डिमॉन चीख रहे थे, "कंपनियाँ खर्च काट रही हैं, मंदी दरवाजे पर है। तब कहीं जाकर ट्रंप का माथा ठनका और आनन फानन में यह फैसला लिया।

स्विट्जरलैंड का फोन और EU का अल्टीमेटम

9 अप्रैल की सुबह ट्रंप ने स्विट्जरलैंड की राष्ट्रपति कैरिन केलर-सटर को फोन किया। ट्रंप ने स्विस सामानों पर 31% टैरिफ ठोंका था। कैरिन ने शिकायत की कि हमारी घड़ियाँ और चॉकलेट का बाजार डूब रहा है। हमने तो 2024 में आपके सामानों पर टैरिफ हटा दिया था।" 25 मिनट की बातचीत में ट्रंप को अहसास हुआ कि बाकी देश भी पलटवार के मूड में हैं।

तभी वाणिज्य मंत्री हावर्ड लुटनिक के पास यूरोपीय यूनियन (EU) के ट्रेड ऑफिसर मारोस सेफकोविक का कॉल आया। EU ने साफ कहा कि अमेरिका के 20% टैरिफ का जवाब हम स्टील और एल्यूमिनियम पर टैक्स से देंगे।" चीन पहले ही जवाबी टैरिफ की धमकी दे चुका था। ट्रंप समय रहते समझ गए कि यह ट्रेड वॉर कहीं उनकी अर्थव्यवस्था न ले डूबे।

व्हाइट हाउस की सीक्रेट मीटिंग में लिया गया फैसला?

दोपहर होते-होते ओवल ऑफिस में हड़कंप मच गया। ट्रंप ने तुरंत एक मीटिंग बुलाई। जिसमें वित्त मंत्री स्कॉट बेसेंट और वाणिज्य मंत्री हावर्ड लुटनिक भी मौजूद थे। हैरानी की बात यह कि टैरिफ के जनक पीटर नवारो मीटिंग से गायब थे। सूत्रों के अनुसार वे ट्रंप के इस फैसले से नाराज थे। अब पीटर की गैर मौजदूगी में ट्रंप और उनके वित्त मंत्रियों के बीच काफ़ी देर तक गहमागहमी हुई। आखिरकार साख बचाने और ट्रेड वॉर रोकने के लिए टैरिफ पर 90 दिन का पॉज़ लेने का फैसला किया गया। इसके जरिए एक कूटनीतिक फैसला भी लिया गया कि चीन को छोड़कर बाकी देशों को राहत दी जाएगी। दोपहर ढलते ही ट्रुथ सोशल पर पोस्ट डाली, "ठंड रखो, सब ठीक होगा।" फिर दूसरी पोस्ट, "शेयर खरीदने का सही वक्त है।" मगर बाजार को भरोसा नहीं हुआ। शाम को साउथ लॉन पर पत्रकारों के सामने आए और पॉज़ की पुष्टि की।

ट्रंप का यू-टर्न या स्मार्ट चाल?

वहीं ट्रंप के इस ऐलान के बाद व्हाइट हाउस में खलबली मच गई। डिप्टी चीफ ऑफ स्टाफ स्टीफन मिलर ने X पर डैमेज कंट्रोल करते हुए लिखा कि यह ट्रंप की मास्टर प्लानिंग है, जिसने ट्रेड को ठीक किया और चीन को अलग-थलग कर दिया। मगर इस फैसले को लेकर पीटर नवारो का गुस्सा छिपा नहीं। वह लॉन पर पत्रकारों के सवालों के ज़बाब में बोले, "ब्यूटीफुल। हम सब साथ हैं।" फिर भी उनका चेहरा कुछ और कह रहा था।

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