टैरिफ लगाकर क्या फंस गए ट्रंप? चौतरफा हो रहा विरोध, गुस्साई जनता ने कहा – ‘पागल राष्ट्रपति’
वर्तमान समय में अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप गहरी मुसीबत में फंसे नजर आ रहे हैं। उनकी आक्रामक टैरिफ नीति, जिसमें उन्होंने यूरोपीय यूनियन, चीन और अन्य वैश्विक शक्तियों पर भारी शुल्क (टैरिफ) लगा दिए, अब उन्हीं पर उलटी पड़ रही है। चीन ने भी जवाबी कार्रवाई करते हुए अमेरिका पर टैरिफ लगा दिए हैं, जिससे अमेरिकी अर्थव्यवस्था में अस्थिरता आ गई है।
देशभर में हो रहे भरी विरोह प्रदर्शन
MASSIVE Anti-Trump uprising in NYC!! #HandsOff pic.twitter.com/Gb91kaPTKr
— Our Revolution (@OurRevolution) April 5, 2025
अमेरिकी जनता में इस नीति को लेकर भारी नाराजगी है। देशभर में विरोध प्रदर्शन शुरू हो गए हैं और लोगों ने डोनाल्ड ट्रंप को 'लुनेटिक' यानी ‘पागल’ करार दिया है। 'यूएस इज़ ए लूनेटिक' जैसे नारों के साथ लोग ट्रंप के खिलाफ खुलकर सड़कों पर उतर आए हैं। इस गुस्से की सबसे बड़ी वजह है अमेरिकी स्टॉक मार्केट का लगातार गिरना, जिससे आम नागरिकों के रिटायरमेंट फंड, विशेष रूप से 401(k) निवेश, संकट में आ गए हैं।
क्या है 401K स्कीम?
अमेरिका में अधिकांश नागरिक रिटायरमेंट के लिए 401(k) स्कीम में निवेश करते हैं, जो मुख्यतः स्टॉक्स और म्यूचुअल फंड में जाता है। जैसे-जैसे मार्केट क्रैश हो रही है, लोगों को अपने भविष्य की चिंता सताने लगी है। कई लोगों ने इन्हीं निवेशों के आधार पर लोन भी ले रखा है, जो अब डूबने की कगार पर है। विशेषज्ञों का मानना है कि अगर ट्रंप की यह टैरिफ नीति जारी रही, तो अमेरिकी बाजार में 10-20% और गिरावट आ सकती है। इस स्थिति को देखकर कुछ लोग अंदेशा जता रहे हैं कि कहीं अमेरिका एक और "ब्लैक मंडे" की ओर तो नहीं बढ़ रहा।
विरोध प्रदर्शन अमेरिका के हर कोने—पूर्व, पश्चिम, उत्तर और दक्षिण—में हो रहे हैं। कुछ जगहों पर ट्रंप को हिटलर के समान बताया जा रहा है, वहीं कुछ लोग सरकार की नीतियों को सीधे-सीधे आर्थिक आत्महत्या करार दे रहे हैं। कई प्रदर्शनकारी यह भी कह रहे हैं कि अगर सरकार को पैसों की जरूरत थी, तो अमीरों पर टैक्स लगाना चाहिए था, जैसे कि एलन मस्क जैसे अरबपतियों पर।
ट्रंप की पार्टी के नेता ही कर रहे विरोध
हालात इतने बिगड़ चुके हैं कि अब ट्रंप की खुद की पार्टी, रिपब्लिकन पार्टी के नेता टेड क्रूज़ भी उनकी नीतियों पर सवाल उठाने लगे हैं। टेड क्रूज़ ने चेतावनी दी है कि ट्रंप के टैरिफ अमेरिका के लिए बेहद खतरनाक हो सकते हैं। इससे न केवल कीमतें बढ़ेंगी, बल्कि रोजगार और आर्थिक स्थिरता पर भी बुरा असर पड़ेगा।
यूरोपीय यूनियन ने भी संकेत दिए हैं कि वे अमेरिका पर $28 बिलियन के टैरिफ लगाने की योजना बना रहे हैं। अगर यह हुआ, तो इसका असर सिर्फ अमेरिका तक सीमित नहीं रहेगा, बल्कि वैश्विक बाजारों में भी हलचल मच जाएगी। हालांकि कुछ विश्लेषक यह भी कह रहे हैं कि इस वैश्विक अस्थिरता में भारत को निवेश के लिए एक सुरक्षित विकल्प माना जा सकता है।
इस पूरी स्थिति पर कनाडा के प्रधानमंत्री ने भी टिप्पणी करते हुए कहा है कि "अमेरिका खुद को नुकसान पहुंचा रहा है।" उन्होंने अपनी अर्थव्यवस्था और नागरिकों को सुरक्षित रखने की बात करते हुए अमेरिका की नीतियों को आत्मघाती बताया।
ट्रंप ने इससे बताया कड़वी दवाई
डोनाल्ड ट्रंप अपनी नीतियों का बचाव करते हुए कह रहे हैं कि यह एक “ऑपरेशन” है जो अभी दर्दनाक है लेकिन भविष्य में लाभदायक होगा। लेकिन सवाल यह उठ रहा है कि क्या यह जुआ ट्रंप जीत पाएंगे? या फिर अमेरिका को इससे और अधिक नुकसान उठाना पड़ेगा?
फिलहाल तो अमेरिकी जनता, आर्थिक विशेषज्ञ और यहां तक कि उनके पार्टी के नेता भी ट्रंप की रणनीतियों को लेकर असहमत नजर आ रहे हैं। आने वाले समय में यह देखना दिलचस्प होगा कि क्या ट्रंप अपनी आर्थिक नीतियों को बचा पाएंगे, या यह विरोध उनकी राजनीतिक विरासत पर एक बड़ा धब्बा बन जाएगा।
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