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US-Iran conflict: ट्रंप का अल्टीमेटम! ईरान ने परमाणु समझौता नहीं किया तो होगा बड़ा एक्शन?

अमेरिका और ईरान के बीच परमाणु समझौते पर तनाव बढ़ गया है। ट्रंप ने चेतावनी दी कि ईरान ने समझौता नहीं किया तो गंभीर परिणाम होंगे।
12:19 PM Mar 29, 2025 IST | Vyom Tiwari

US-Iran conflict: अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने ईरान को परमाणु डील को लेकर सख्त चेतावनी दी है। हाल ही में उन्होंने ईरान को एक पत्र भेजा था, जिसमें बातचीत का सुझाव दिया गया था। लेकिन ईरान ने जवाब में कहा कि वह सीधे बातचीत करने के पक्ष में नहीं है, हालांकि अप्रत्यक्ष बातचीत जारी रह सकती है।

इस पर ट्रंप ने ओवल ऑफिस में कहा कि अगर ईरान परमाणु समझौते तक नहीं पहुंचा, तो उसे गंभीर परिणाम भुगतने होंगे। उन्होंने साफ कहा, "मैंने ईरान को पत्र भेजा था और कहा था कि उन्हें कोई न कोई फैसला लेना होगा। या तो बातचीत करें, या फिर उन्हें बुरे हालात का सामना करना पड़ेगा।"

ट्रंप की ईरान को चेतावनी

ट्रंप ने ईरान को चेतावनी देते हुए कहा कि अगर हालात नहीं सुधरे तो बुरे परिणाम हो सकते हैं। उन्होंने यह भी कहा, "मैं नहीं चाहता कि ऐसा हो। मेरी पहली कोशिश यही होगी कि हम ईरान के साथ इस मुद्दे को सुलझाएं। लेकिन अगर ऐसा नहीं हुआ, तो हालात बिगड़ सकते हैं।"

ईरान ने अमेरिका को क्या दिया जवाब?

अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने ईरान को एक पत्र भेजा था, जिसका जवाब अब ईरान ने दिया है। ईरान के विदेश मंत्री अब्बास अरागची ने कहा कि उनका देश दबाव या सैन्य धमकियों के बीच सीधे बातचीत नहीं करेगा, लेकिन पहले की तरह इनडायरेक्ट बातचीत जारी रह सकती है।

इस बीच, अमेरिका और ईरान के बीच परमाणु समझौते को लेकर तनाव बढ़ता जा रहा है। ईरान का दावा है कि वह परमाणु हथियार नहीं बना रहा, लेकिन अंतरराष्ट्रीय संस्थाओं का कहना है कि ईरान परमाणु बम बनाने के काफी करीब पहुंच चुका है। संयुक्त राष्ट्र के परमाणु निगरानीकर्ता के मुताबिक, ईरान ने किसी भी अन्य देश की तुलना में कहीं ज्यादा यूरेनियम संवर्धित किया है, जिससे चिंता और बढ़ गई है।

ईरान को परमाणु हथियार हासिल नहीं करने देंगे: ट्रंप 

डोनाल्ड ट्रंप के दोबारा अमेरिका के राष्ट्रपति बनने के बाद से ही उन्होंने बार-बार कहा है कि वे ईरान को परमाणु हथियार हासिल नहीं करने देंगे। हालांकि, ट्रंप ने यह भी कहा कि वे इस मुद्दे पर बातचीत के ज़रिए कोई समझौता करना चाहते हैं, लेकिन ईरान ने सीधी बातचीत से इनकार कर दिया है। राष्ट्रपति बनने के एक महीने के भीतर, 5 फरवरी को, ट्रंप ने ईरान पर दबाव बढ़ाने के लिए एक नए आदेश पर हस्ताक्षर किए।

डील को लेकर ईरान का क्या है पक्ष?

ईरान के संसद अध्यक्ष मोहम्मद बघेर गालिबफ ने शुक्रवार को कहा कि जब अमेरिका बातचीत की बात करता है, तो उसका असली मकसद ईरान के हथियारों को कम करना होता है। उन्होंने कहा कि हमारे लोग समझते हैं कि यह बातचीत सिर्फ अपनी शर्तें थोपने का एक तरीका है, जिसे कोई भी समझदार देश स्वीकार नहीं करेगा।

इससे पहले, 7 फरवरी 2025 को ईरान के सर्वोच्च नेता आयतुल्लाह अली खामेनेई ने भी कहा था कि अमेरिका के साथ बातचीत करना न तो समझदारी है और न ही सम्मानजनक।

ईरानी समाचार एजेंसी इरना के मुताबिक, विदेश मंत्री अब्बास अरागची ने कहा कि ईरान का परमाणु कार्यक्रम किसी सैन्य हमले से खत्म नहीं किया जा सकता। उन्होंने कहा कि यह तकनीक ईरान ने हासिल कर ली है, और जो ज्ञान लोगों के दिमाग में बस चुका है, उसे बम से नहीं मिटाया जा सकता।

वहीं, 2 मार्च को राष्ट्रपति मसूद पेजेश्कियान ने कहा कि वह अमेरिका के साथ बातचीत के पक्ष में थे, लेकिन जब सर्वोच्च नेता ने इसका विरोध किया, तो उन्होंने उनके फैसले को मानने का फैसला किया।

 

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