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‘अमेरिकी जज एलेना कगन’ की एक ‘ना’ के चलते तहव्वुर को आना पड़ा भारत, ऐसा है उनका इतिहास

64 साल की एलेना कगन अमेरिका की सुप्रीम कोर्ट की जज हैं और साल 2010 में पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा ने उन्हें इस पद के लिए नामित किया था।
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26/11 मुंबई आतंकी हमलों के मास्टरमाइंड और पाकिस्तानी आतंकी तहव्वुर राणा की भारत वापसी तय हो चुकी है। अमेरिका ने उसे भारत के हवाले कर दिया है, और एक स्पेशल टीम उसे दिल्ली ला रही है, जहां राणा को अब भारतीय कानूनों का सामना करना होगा। जल्द ही वह भारत की जेल में बंद होगा। तहव्वुर राणा के प्रत्यर्पण को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने इसे मोदी सरकार की कूटनीतिक जीत बताया है। वहीं मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो राणा को तिहाड़ जेल में रखा जा सकता है। लेकिन इस पूरे घटनाक्रम के पीछे जो नाम सबसे ज़्यादा चर्चा में है, वो हैं अमेरिका की सुप्रीम कोर्ट जज – एलेना कगन, जिनके एक फैसले ने राणा की आखिरी उम्मीद भी खत्म कर दी।

कौन हैं अमेरिकी जज एलेना कगन?

64 साल की एलेना कगन अमेरिका की सुप्रीम कोर्ट की जज हैं और साल 2010 में पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा ने उन्हें इस पद के लिए नामित किया था। वे अमेरिका की सुप्रीम कोर्ट में नियुक्त होने वाली चौथी महिला जज हैं। इससे पहले वे अमेरिका की पहली महिला सॉलिसिटर जनरल भी रह चुकी हैं – जो कि एक ऐतिहासिक मुकाम है। कगन ने हार्वर्ड लॉ स्कूल से शिक्षा ली है और अमेरिका की न्याय व्यवस्था में वे एक सशक्त और बेबाक आवाज मानी जाती हैं। उनके फैसलों में संवेदनशीलता और संविधान की कसौटी दोनों देखने को मिलती है।

राणा ने लगाई थी आखिरी उम्मीद – लेकिन कगन ने कह दिया 'ना'

तहव्वुर राणा ने फरवरी 2025 में अमेरिका की सुप्रीम कोर्ट में एक अर्जी दाखिल की थी जिसमें उसने भारत प्रत्यर्पण को चुनौती दी थी। उसका तर्क था कि भारत में उसे मुसलमान और पाकिस्तानी होने की वजह से अत्याचार झेलना पड़ सकता है। साथ ही, उसने अपनी बिगड़ती सेहत का भी हवाला दिया। लेकिन जज कगन ने 6 मार्च को इस याचिका को खारिज कर दिया। इसके बाद राणा ने अमेरिका के चीफ जस्टिस जॉन रॉबर्ट्स के सामने अपील की, पर वहां भी उसकी एक न चली। सुप्रीम कोर्ट के सभी जजों ने इस मामले को गंभीरता से लिया लेकिन अंततः प्रत्यर्पण को मंजूरी दी गई।

भारत में राणा के खिलाफ NIA चलाएगा केस

राणा के भारत पहुंचने से पहले ही दिल्ली में हाई अलर्ट है। गृह मंत्रालय ने बीती रात एक नोटिफिकेशन जारी कर बताया कि इस केस में एनआईए की तरफ से वकील नरेन्दर मान पैरवी करेंगे। उन्हें अगले तीन साल के लिए या मुकदमा खत्म होने तक (जो पहले हो) नियुक्त किया गया है। बताया जा रहा है कि राणा को लाने गई टीम में एनआईए और खुफिया एजेंसियों के छह सीनियर अधिकारी शामिल हैं। भारत पहुंचते ही राणा की मेडिकल जांच होगी और फिर उसे वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए कोर्ट में पेश किया जाएगा।

Tahawwur Rana

ऐसा रहा है पाक आतंकी तहव्वुर राणा का इतिहास

तहव्वुर राणा का जन्म पाकिस्तान में हुआ था लेकिन बाद में वह कनाडाई नागरिक बन गया। एक डॉक्टर की पढ़ाई करने वाला राणा कभी पाकिस्तानी सेना का हिस्सा भी रहा है। फिलहाल वह अमेरिका के लॉस एंजेलस की मेट्रोपोलिटन डिटेंशन सेंटर में बंद था। राणा को आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा के साथ जुड़ा माना जाता है और वह 26/11 हमलों के मास्टरमाइंड डेविड हेडली का करीबी सहयोगी भी था।

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