15 साल के इन युवाओं से भी रूस में बम बनवाते हैं पुतिन! जानिए इसका सच
रूस और यूक्रेन के बीच चल रही जंग में एक नई और चौंकाने वाली साजिश सामने आई है। रूस अब सिर्फ वैज्ञानिकों या अनुभवी एजेंटों पर निर्भर नहीं है, बल्कि स्कूल-कॉलेज के नाबालिग लड़कों को भी अपनी घातक योजनाओं में शामिल कर रहा है। यूक्रेनी सुरक्षा एजेंसी (SBU) के मुताबिक, रूस की खुफिया एजेंसी ने दो नाबालिगों को सोशल मीडिया के जरिए फंसाया, उन्हें बम बनाना सिखाया और फिर खुद ही उन्हें उड़ा दिया। यह मामला यूक्रेन के इवानो-फ्रैंकीव्स्क शहर का है।
क्या है पूरा मामला?
यूक्रेनी सुरक्षा एजेंसी (SBU) के अनुसार, रूस ने 15 और 17 साल के दो नाबालिग लड़कों को टेलीग्राम के जरिए संपर्क किया। इन किशोरों को जल्दी अमीर बनने का सपना दिखाया गया और आसान पैसे कमाने का लालच दिया गया। इसके बाद, उन्हें एक अपार्टमेंट किराए पर लेकर वहां बम बनाने की ट्रेनिंग दी गई।
ये बम देखने में एक आम थर्मस की तरह थे, लेकिन उनके अंदर लोहे के टुकड़े भरे गए थे, ताकि धमाका ज्यादा खतरनाक हो सके और अधिक नुकसान पहुंचे। इसके बाद, लड़कों को रेलवे स्टेशन के पास बम लगाने का टास्क दिया गया।
कैसे हुआ धमाका?
जब ये किशोर बम लेकर निकले, तो रूसी एजेंटों ने GPS के जरिए उनकी लोकेशन को ट्रैक किया और रिमोट से धमाका कर दिया। इस आतंकी प्लान में 17 साल के किशोर की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि 15 साल का लड़का गंभीर रूप से घायल हो गया। धमाके की चपेट में आकर दो राहगीर भी जख्मी हुए।
इतना ही नहीं, जिस अपार्टमेंट में दूसरा बम रखा गया था, उसे भी कुछ मिनट बाद रिमोट से उड़ा दिया गया। यह घटना न सिर्फ चौंकाने वाली है, बल्कि डराने वाली भी है कि कैसे मासूमों को आसान पैसे का लालच देकर मोहरा बनाया जा रहा है।
अब क्या होगा जिंदा बचे लड़के का?
यूक्रेनी सुरक्षा एजेंसी (SBU) का कहना है कि जिंदा बचे 15 वर्षीय किशोर पर आतंकी गतिविधियों में सहयोग और गैरकानूनी विस्फोटक बनाने के आरोप लग सकते हैं। अगर वह दोषी साबित होता है, तो उसे उम्रकैद की सजा भी हो सकती है।
रूस और यूक्रेन के बीच तनाव
रूस और यूक्रेन अक्सर एक-दूसरे पर नागरिकों को तोड़फोड़ के लिए भर्ती करने का आरोप लगाते रहे हैं। यह मामला उसी तनाव का एक हिस्सा है। रूस ने युवाओं को अपनी योजनाओं में शामिल करके एक नया और खतरनाक मोड़ ले लिया है।
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