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कांड करने निकले रोहिंग्या मुसलमानों को बंगाल की खाड़ी में दबोचा, जानिए क्या है पूरा मामला?

बंगाल की खाड़ी में 214 रोहिंग्या नाव में पकड़े गए। इनमें महिलाएं और बच्चे भी थे। नेवी ने मलेशिया भागने का शक जताया।
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बंगाल की खाड़ी में 214 रोहिंग्या पकड़े गए हैं। ये सभी लोग बांग्लादेश के कॉक्स बाजार से नाव में सवार होकर निकले थे और समंदर के रास्ते बंगाल की खाड़ी में आ पहुंचे। पकड़े जाने के बाद इन्हें दोबारा बांग्लादेश पुलिस को सौंप दिया गया है।

बांग्लादेश की पुलिस का कहना है कि ये रोहिंग्या आखिर क्यों समुद्री रास्ते से निकले थे, इस बात की जांच की जा रही है। म्यांमार में हिंसा के बाद बड़ी संख्या में रोहिंग्या कॉक्स बाजार में आकर रहने लगे हैं। वहीं से कुछ लोग अलग-अलग देशों में जाने की कोशिश करते हैं।

बताया जा रहा है कि कुछ रोहिंग्या लोग अपराधों में भी शामिल पाए गए हैं। इस वजह से भारत सहित कई देशों ने रोहिंग्या को लेकर सतर्कता बढ़ा दी है। बांग्लादेश की सरकार भी कई बार दुनिया के बड़े देशों से रोहिंग्या की समस्या को लेकर मदद मांग चुकी है।

कैसे हुई इनकी गिरफ्तारी?

बांग्लादेश नेवी ने हाल ही में बताया कि रोहिंग्या लोगों का एक बड़ा समूह मछली पकड़ने वाली नाव से बंगाल की खाड़ी में आ गया। नेवी को जब इनकी गतिविधियों पर शक हुआ, तो एक टीम को उनकी निगरानी के लिए भेजा गया।

नेवी का कहना है कि ये लोग मलेशिया की ओर जाने की कोशिश कर रहे थे। इसे देखते हुए नेवी ने तुरंत बंगाल की खाड़ी में अलर्ट जारी कर दिया। जब इन लोगों से नाव रोकने को कहा गया और उन्होंने नहीं रोकी, तो उन्हें पकड़ लिया गया।

गिरफ्तारी के बाद रोहिंग्या लोगों ने कहा कि वे सिर्फ मछली पकड़ने आए थे। लेकिन पुलिस ने बताया कि नाव में 118 पुरुष, 80 महिलाएं और करीब 20 बच्चे भी थे। अब सवाल ये उठ रहा है कि अगर मकसद सिर्फ मछली पकड़ना था, तो इतने लोग एक साथ क्यों आए थे?

म्यांमार में बढ़ रहा गृह युद्ध का खतरा 

साल 2017-18 की बात है। म्यांमार में रोहिंग्या मुसलमानों के खिलाफ जबरदस्त हिंसा हुई। लाखों लोगों को मारा गया, घर जला दिए गए और जान बचाकर ये लोग पड़ोसी देश बांग्लादेश भागे। अब ये शरणार्थी बांग्लादेश के कॉक्स बाजार इलाके में शिविरों में रह रहे हैं।

हाल ही में द इंडिपेंडेंट नाम की एक रिपोर्ट में यह दावा किया गया है कि इन रोहिंग्या शरणार्थियों में से कुछ लोग एक लड़ाका ब्रिगेड बना रहे हैं। रिपोर्ट के मुताबिक, इस ब्रिगेड का मकसद है दुनिया के मुस्लिम देशों से मदद लेकर म्यांमार में गृह युद्ध शुरू करना।

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