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रमजान के दौरान सीजफायर: क्यों यह महीना शांति के लिए है खास? इन देशों ने पेश की मिसालें

रमजान के दौरान युद्धविराम की परंपरा क्यों महत्वपूर्ण है? इजरायल-फिलिस्तीन समेत कई देशों ने इस महीने में संघर्ष विराम की मिसालें पेश की हैं।
04:53 PM Mar 02, 2025 IST | Rohit Agrawal

रमजान के दौरान सीजफायर: रमजान का पवित्र महीना शुरू हो गया है। इस्लामिक दुनिया में यह महीना सब्र, शांति और इबादत का समय माना जाता है। इसी कड़ी में इजरायल ने अमेरिका के अस्थायी युद्धविराम प्रस्ताव को स्वीकार कर लिया है। बता दें कि इस दौरान इजरायल गाजा पट्टी में बमबारी नहीं करेगा। हालांकि, कुछ रिपोर्ट्स के अनुसार, रमजान की शुरुआत में इजरायल ने गाजा पट्टी में मानवीय सहायता को रोक दिया है, जिससे तनाव को बढ़ावा मिल सकता है।

रमजान में युद्धविराम की परंपरा

रमजान के दौरान सीजफायर (युद्धविराम) की अपील कई बार की जाती है, क्योंकि यह महीना इस्लाम में शांति और भाईचारे का प्रतीक माना जाता है। यह धार्मिक महीना दुनियाभर के मुस्लिम समुदाय के लिए बेहद महत्वपूर्ण होता है, इसलिए कई देशों और संगठनों द्वारा इस दौरान सीजफायर की कोशिशें की जाती हैं। इतिहास में रमजान के दौरान ऐसे कई देश रहे हैं, जिन्होंने संघर्ष विराम लगाकर मिसालें पेश की हैं।

इजरायल और फिलिस्तीनी संगठनों के बीच युद्धविराम

बता दें कि यह पहली बार नहीं है कि इजरायल ने सीज़फायर को अमलीजामा पहनाया हो। इजरायल और फिलिस्तीनी संगठनों के बीच रमजान के दौरान सीजफायर के प्रयास पहले भी कई बार किए गए हैं।

2014: रमजान के महीने के दौरान गाजा पट्टी में इजरायल और हमास के बीच संघर्ष हुआ था। अंतर्राष्ट्रीय समुदाय के दबाव के बाद, दोनों पक्षों ने मानवीय आधार पर अस्थायी संघर्ष विराम की घोषणा की, ताकि प्रभावित नागरिकों को राहत पहुंचाई जा सके।

2021: रमजान के महीने में, यरूशलम में तनाव बढ़ने के बाद इजरायल और हमास के बीच 11 दिनों तक संघर्ष चला। अंतर्राष्ट्रीय मध्यस्थता के बाद, 21 मई 2021 को दोनों पक्षों ने संघर्ष विराम पर सहमति व्यक्त की।

2023: अप्रैल 2023 में, रमजान के दौरान, इजरायल और फिलिस्तीनी गुटों के बीच बढ़ते तनाव के बीच, मिस्र और कतर की मध्यस्थता से अस्थायी संघर्ष विराम लागू किया गया था। हालांकि, यह संघर्ष विराम भी कुछ दिन का ही रहा और बाद में टूट गया।

इतिहास में रमजान के दौरान संघर्ष विराम की मिसालें

1.1973 का योम किप्पुर युद्ध: इजरायल और अरब देशों के बीच सीजफायर हुआ। रमजान और यहूदी पर्व योम किप्पुर के कारण युद्ध के दौरान संघर्ष विराम की पहल की गई थी।

2.अफगानिस्तान में तालिबान के साथ युद्धविराम: कई बार रमजान के दौरान युद्धविराम का ऐलान किया गया, ताकि आम नागरिकों को राहत मिल सके।

3.मध्य पूर्व संघर्ष: संयुक्त राष्ट्र और अन्य संगठन रमजान के दौरान संघर्ष रोकने की अपील करते हैं।

रमजान के बावजूद जारी संघर्ष

रमजान के दौरान सीजफायर होने से राहत संगठनों को सहायता पहुंचाने में आसानी होती है। युद्धग्रस्त इलाकों में लोगों को जरूरी सामान, दवाइयां, भोजन और पानी की जरूरत होती है। इस दौरान लोग शांति और भाईचारे पर जोर देते हैं, इसलिए संघर्षविराम को एक अच्छा कदम माना जाता है। हालांकि, कई बार सीजफायर का ऐलान होने के बावजूद युद्ध जारी रहता है। हाल ही में गाजा, यमन, अफगानिस्तान और यूक्रेन-रूस युद्ध में सीजफायर की अपील हुई, लेकिन हर बार यह फॉर्मूला सफल नहीं हो सका है।

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