समंदर में ‘Rafale-M’ की दहाड़, पाकिस्तान के लिए बन जाएगा काल – जानिए क्यों इतना खास है ये फाइटर जेट
भारत की सैन्य ताकत को नई ऊंचाई देने वाली डील आज फाइनल हो सकती है। सोमवार, 28 अप्रैल 2025 को भारत और फ्रांस के बीच 26 Rafale-M फाइटर जेट्स की डील पर बड़ा निर्णय लिया जाना है और दोनों देश इस पर अपनी सहमति देते हुए हस्ताक्षर करेंगे। आपको बता दें कि नए रॉफेल जेट्स भारतीय नौसेना के दो बड़े विमानवाहक युद्धपोतों – INS Vikrant और INS Vikramaditya पर तैनात किए जाएंगे। इसकी कीमत लगभग ₹63,000 करोड़ है और ये सौदा सिर्फ एक डिफेंस डील नहीं बल्कि पाकिस्तान और चीन के लिए रणनीतिक झटका है।
भारत की समंदर में बढ़ेगी ताकत
1971 की जंग में भारतीय नौसेना ने समंदर में पाकिस्तान को करारा जवाब दिया था। अब इतिहास खुद को फिर दोहराने जा रहा है। Rafale-M के आने से नौसेना को लंबी दूरी की निगरानी, जासूसी, सटीक हमलों और हवाई प्रभुत्व में जबरदस्त बढ़त मिलेगी। पाकिस्तान के पास जहां पुराने चीनी फाइटर जेट्स हैं, वहीं भारत अब दुनिया के सबसे एडवांस्ड मरीन जेट से लैस होने जा रहा है।
Rafale-M बनाम चीन और पाकिस्तान के फाइटर जेट्स
वर्तमान में पाकिस्तान के पास चीन के ही विमान है। इनमें J-10, J-15 प्रमुख हैं। दोनों देशों के पास भारत से मुकाबले के लिए J-10, J-15 एवं Su-30 जेट्स हैं जो रॉफेल के मुकाबले काफी पीछे हैं। एक्सपर्ट्स के अनुसार J-10 की अधिकतम गति 2205 km/h, फ्यूल क्षमता 8950 लीटर एवं रेंज 1240 किमी है। चीन के दूसरे जेट J-15 की अधिकतम गति 2963 km/h, फ्यूल क्षमता 9500 लीटर एवं रेंज 3500 किमी (फेरी) है। इसी प्रकार Su-30 की अधिकतम गति 2120 km/h, फ्यूल क्षमता 9400 लीटर एवं रेंज 3000 किमी (फेरी) है।
यदि फ्रांस के रॉफेल जेट्स की बात करें तो Rafale-M की अधिकतम गति 2205 km/h, फ्यूल क्षमता 11,202 लीटर एवं रेंज 1850 किमी (कॉम्बैट) / 3700 किमी (फेरी) है। यानी राफेल-M की रेंज सबसे अधिक, फ्यूल कैपेसिटी भी सबसे ज्यादा और हथियार ले जाने की क्षमता भी चीन-पाक के जेट्स से आगे।
राफेल-M क्यों है इतना स्पेशल?
नए फ्रांसीसी जेट में कई अत्याधुनिक तकनीकें जोड़ी गई हैं जिनके यह दूसरे फाइटर जेट्स के मुकाबले ज्यादा शक्तिशाली और सटीक है। इनमें से कुछ निम्न प्रकार हैं
- AESA रडार से दुश्मनों की सटीक पहचान
- SPECTRA Electronic Warfare System से स्टेल्थ काबिलियत
- हवा में ही रीफ्यूलिंग – मिशन की रेंज और टाइम दोनों बढ़े
- 14 हार्डप्वाइंट्स – मेटियोर, स्कैल्प, एक्सोसैट जैसी खतरनाक मिसाइलें
- एंटी-शिप, एयर-टू-एयर और ग्राउंड अटैक – हर मोर्चे पर फौलादी
- इस डील में क्या-क्या शामिल है?
- 22 सिंगल-सीटर 4 ट्विन-सीटर फाइटर जेट्स
- लॉजिस्टिक और मेंटेनेंस सपोर्ट
- इंडियन नेवी के पायलट्स और क्रू की ट्रेनिंग
- ऑफसेट प्रावधान के तहत भारत में टेक्नोलॉजी और मैन्युफैक्चरिंग को बढ़ावा – ‘मेक इन इंडिया’ को ताकत
पाकिस्तान के लिए बड़ा झटका
पाकिस्तान की नौसेना जहां अब भी चीनी जेट्स पर निर्भर है, वहीं भारत ने टेक्नोलॉजी और मारक क्षमता में बड़ी छलांग लगाई है। पाकिस्तान के पास JF-17 और कुछ पुराने फाइटर जेट्स हैं, लेकिन उनके पास कोई भी एयरक्राफ्ट कैरियर नहीं है – मतलब समंदर में उनकी ताकत बेहद सीमित है। चीन के J-20 जैसे फाइटर अभी नौसेना में तैनात नहीं हैं, और पाकिस्तान को तो दूर-दूर तक नहीं मिले।
समंदर में भी अजेय बना भारत
Rafale-M के आने से भारत सिर्फ अपनी सीमाओं की रक्षा नहीं करेगा, बल्कि पूरे इंडो-पैसिफिक क्षेत्र में एक नया बैलेंस बनाएगा। INS Vikrant और INS Vikramaditya पर राफेल की तैनाती से हिंद महासागर में भारत की मौजूदगी और दबदबा कई गुना बढ़ जाएगा।
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