वेटिकन में राष्ट्रपति मुर्मू ने पोप को दी विनम्र श्रद्धांजलि, आज होने वाले फ्यूनरल में भी होंगी शामिल
President Murmu Vatican visit: पहलगाम में हुए आतंकी हमले को लेकर भारत–पाक में तनाव अपने चरम पर है। इसी बीच, राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने 25 अप्रैल को वेटिकन सिटी पहुंचकर एक अनोखा संदेश दिया कि भारत शांति और करुणा प्रिय देश है। उन्होंने सेंट पीटर्स बेसिलिका में पोप फ्रांसिस को श्रद्धांजलि दी, जिनका 21 अप्रैल को 88 साल की उम्र में निधन हो गया था। वहीं आज वह उनके अंतिम संस्कार में भी शामिल होंगी, जहां दुनिया भर के नेता जुट रहे हैं। यह यात्रा भारत की कूटनीति और पोप की विरासत को सम्मान देने की मिसाल है।
सेंट पीटर्स में भारत की मौजूदगी
वेटिकन सिटी में सेंट पीटर्स बेसिलिका की शांत दीवारों के बीच राष्ट्रपति मुर्मू ने पोप फ्रांसिस को पुष्पांजलि अर्पित की। उनके साथ अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री किरेन रिजिजू, राज्यमंत्री जॉर्ज कुरियन, और गोवा विधानसभा के उपाध्यक्ष जोशुआ डि’सूजा भी मौजूद थे।
President Droupadi Murmu paid homage to His Holiness Pope Francis at Basilica of Saint Peter in Vatican City. pic.twitter.com/eymWVVZi4J
— President of India (@rashtrapatibhvn) April 25, 2025
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने एक्स पर तस्वीरें साझा कर लिखा कि राष्ट्रपति ने पोप को भावभीनी श्रद्धांजलि दी। बता दें कि मुर्मू की यह यात्रा तब हुई, जब भारत ने पहलगाम हमले के बाद पाक पर डिप्लोमेटिक कार्रवाई करते हुए बड़ा दबाव बनाया है। फिर भी, वेटिकन में उनकी मौजूदगी भारत की वैश्विक शांति की प्रतिबद्धता को दर्शाती है।
पोप फ्रांसिस: दुनियां में करुणा के प्रतीक
पोप फ्रांसिस, 1300 साल में पहले गैर-यूरोपीय और लैटिन अमेरिकी पोप, विनम्रता और मानवता के प्रतीक थे। उन्होंने गरीबी, पर्यावरण, और शांति की वकालत की। भारत के प्रति उनका खास स्नेह था, और 2019 में PM मोदी से मुलाकात में उन्होंने भारत की विविधता की तारीफ की थी।
उनके निधन पर भारत ने तीन दिन का राजकीय शोक रखा। वेटिकन में 130,000 लोग उनके अंतिम दर्शन कर चुके हैं। मुर्मू का श्रद्धांजलि देना पोप की इस विरासत को सम्मान है, जो भारत-वेटिकन के गहरे रिश्तों को उजागर करता है।
अंतिम संस्कार पर दुनिया की नजरें
बता दें कि आज सेंट पीटर्स स्क्वायर में पोप फ्रांसिस का अंतिम संस्कार होगा, जिसका नेतृत्व कार्डिनल जियोवन्नी बैटिस्टा रे करेंगे। इसमें 130 देशों के 50 राष्ट्राध्यक्ष और 10 शाही प्रतिनिधि शामिल होंगे, जिनमें डोनाल्ड ट्रंप, प्रिंस विलियम, और इमैनुएल मैक्रों जैसे बड़े नाम शामिल हैं।
मुर्मू की मौजूदगी भारत की कूटनीतिक ताकत दिखाएगी। यह समारोह, जिसमें लाखों श्रद्धालु जुटेंगे में पोप के प्रेम और एकता के संदेश को आगे बढ़ाएगा। वहीं भारत का प्रतिनिधित्व इस वैश्विक मंच पर उसकी शांति की छवि को और मजबूत करेगा।
पाक से तनाव के बीच भारत की कूटनीति
पहलगाम हमले के बाद भारत ने पाकिस्तान को चौतरफ़ा घेरना शुरू कर दिया है। साथ ही सिंधु जल संधि सस्पेंड, अटारी बॉर्डर बंद और आतंकीयों के ठिकाने उड़ाते हुए बड़ी कार्रवाई के संकेत दे दिए हैं। लेकिन वेटिकन में मुर्मू की यात्रा एक अलग कहानी कहती है। यह दिखाता है कि भारत आतंक का जवाब न सिर्फ ताकत से, बल्कि करुणा और वैश्विक एकता से भी दे सकता है। पोप की शांति की सीख को अपनाते हुए भारत ने दुनिया को बता दिया कि वह हिंसा के खिलाफ है, लेकिन मानवता के साथ खड़ा है। यह यात्रा भारत की कूटनीति की जीत है।
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