135 कार्डिनल्स चुनेंगे नया पोप, जानिए कौन–कौन हैं दावेदार? भारत ने घोषित किया राजकीय शोक
88 वर्षीय पोप फ्रांसिस के निधन पर भारत ने उनके सम्मान में तीन दिन के राजकीय शोक की घोषणा की है। बता दें कि इस दौरान राष्ट्रीय ध्वज आधा झुका रहेगा और कोई आधिकारिक मनोरंजन कार्यक्रम भी नहीं होगा। अब पूरी दुनिया की नजर वैटिकन की चिमनी पर टिकी है, जहां से सफेद धुआं नए पोप के चयन की खबर लाएगा। कॉन्क्लेव में 135 कार्डिनल्स नए पोप चुनेंगे, लेकिन कौन हैं दावेदार? क्या रहेगी प्रक्रिया और भारत से कनेक्शन? आइए, इसे विस्तार से सरल अंदाज़ में समझते हैं!
पोप के सम्मान में भारत का राजकीय शोक
पोप फ्रांसिस, जो अपनी सादगी और सामाजिक न्याय के लिए जाने जाते थे, के निधन पर भारत ने गहरी संवेदना जताई है। गृह मंत्रालय ने कहा कि 22-23 अप्रैल और अंतिम संस्कार के दिन भी भारत में राजकीय शोक रहेगा। इस दौरान सभी सरकारी भवनों पर तिरंगा आधा झुकेगा। फ्रांसिस ने भारत की 2019 यात्रा में गरीबी और शांति पर जोर दिया था, जिसे PM मोदी ने X पर “प्रेरणादायक” बताया। वहीं भारत के 2.8 करोड़ ईसाइयों के लिए यह शोक व्यक्तिगत क्षति जैसा है।
नए पोप के चयन की क्या है प्रक्रिया?
दरअसल पोप का चुनाव कोई रियलिटी शो नहीं, बल्कि सिस्टिन चैपल में होने वाली गुप्त और पवित्र प्रक्रिया है। 15-20 दिन बाद शुरू होने वाले कॉन्क्लेव में 80 साल से कम उम्र के 135 कार्डिनल्स वोट देंगे। जिसमें चुने जाने के लिए दो-तिहाई बहुमत चाहिए जिसमें अगर 33 राउंड में फैसला न हुआ तो टॉप-2 में रन-ऑफ होगा। बता दे कि आयरिश-अमेरिकी कार्डिनल केविन फैरेल अभी वैटिकन का काम संभाल रहे हैं। वहीं फ्रांसिस ने 108 कार्डिनल्स नियुक्त किए, इसलिए उनका प्रभाव नए पोप पर साफ़ दिखेगा। लेकिन कोई भी बपतिस्मा प्राप्त कैथोलिक पुरुष पात्र है, जैसे कि अगर आपने देखी हो तो ऑस्कर-नामांकित फिल्म कॉन्क्लेव में दिखाया गया है।
नए पोप के दावेदार: कौन हैं ‘पापाबिले’?
कॉन्क्लेव में कोई प्रचार नहीं, लेकिन कुछ कार्डिनल्स को ‘पापाबिले’ (संभावित पोप) माना जा रहा है। इनके नाम वैटिकन के गलियारों में गूंज रहे हैं:
1.लुइस टैगले (फिलीपींस, 67): “एशियाई फ्रांसिस” कहे जाने वाले टैगले पहले एशियाई पोप बन सकते हैं। उनकी प्रगतिशील सोच, LGBTQ और तलाकशुदा कैथोलिक्स के प्रति नरम रुख फ्रांसिस से मिलता है। मनीला के पूर्व आर्कबिशप और वेटिकन के इवेंजलाइजेशन प्रमुख टैगले की जवानी (67 साल) उनके खिलाफ जा सकती है, क्योंकि कार्डिनल्स लंबा शासन नहीं चाहते।
2.पिएत्रो पारोलिन (इटली, 70): वेटिकन के सेक्रेटरी ऑफ स्टेट पारोलिन मध्यमार्गी हैं। चीन और मध्य पूर्व में उनकी कूटनीति मशहूर है, लेकिन वेटिकन-चीन समझौते पर रूढ़िवादियों की आलोचना झेलनी पड़ी। उनकी कमजोरी है पादरी अनुभव का अभाव।
3.पीटर एर्दो (हंगरी, 72): बुडापेस्ट के आर्कबिशप और कैनन लॉ विशेषज्ञ एर्दो रूढ़िवादी हैं। यूरोपीय और अफ्रीकी कार्डिनल्स में उनकी पहचान है, लेकिन 2015 में प्रवासी संकट पर फ्रांसिस से मतभेद (प्रवासियों को “ह्यूमन ट्रैफिकिंग” कहना) विवादास्पद रहा।
4.माटेओ जुप्पी (इटली, 69): बोलोग्ना के आर्कबिशप और “स्ट्रीट प्रीस्ट” जुप्पी फ्रांसिस के करीबी हैं। गरीबों, प्रवासियों और समलैंगिक जोड़ों के प्रति उनकी उदारता उन्हें प्रगतिशील बनाती है। रूस-यूक्रेन शांति मिशन में उनकी भूमिका चर्चा में रही।
5.पीटर टर्कसन (घाना, 76): पहले अफ्रीकी पोप बनने के दावेदार टर्कसन सामाजिक न्याय, जलवायु परिवर्तन और गरीबी पर बोलते हैं। उनकी प्रगतिशील छवि और फ्रांसिस द्वारा हटाए जाने का इतिहास कमजोरी हो सकता है।
6.रॉबर्ट सारा (गिनी, 79): रूढ़िवादी सारा अफ्रीकी पोप की उम्मीद थे, लेकिन उनकी उम्र और जेंडर विचारधारा पर कट्टर रुख कमजोरी है।
रेनहार्ड मार्क्स (जर्मनी, 71): म्यूनिख के आर्कबिशप और फ्रांसिस के सलाहकार मार्क्स वेटिकन की वित्तीय सुधारों में अहम रहे। उनकी प्रगतिशील सोच फ्रांसिस से मेल खाती है।
7.रॉबर्ट प्रीवोस्ट (अमेरिका, 69): शिकागो में जन्मे प्रीवोस्ट पेरू में मिशनरी रहे। फ्रांसिस ने उन्हें 2023 में रोम बुलाया। अमेरिकी पोप का विचार भू-राजनीतिक कारणों से मुश्किल है।
कॉन्क्लेव में क्या होगा नया?
कॉन्क्लेव 9 दिन के शोक (नोवेंडियालेस) के बाद मई की शुरुआत में शुरू हो सकता है। सभी कार्डिनल्स सिस्टिन चैपल में बिना फोन, इंटरनेट या बाहरी संपर्क के वोट करेंगे। हर दिन 4 राउंड होंगे, और काला धुआं मतलब “कोई फैसला नहीं,” जबकि सफेद धुआं मतलब “नया पोप!” बता दें कि फ्रांसिस के 108 कार्डिनल्स प्रगतिशील पोप चाह सकते हैं, लेकिन रूढ़िवादी धड़ा वापसी की कोशिश करेगा।
अब देखने वाली बात यह रहेगी कि क्या एशिया या अफ्रीका से पहला पोप बनेगा, या इटली फिर हावी होगा? जैसे 2013 में फ्रांसिस का चयन चौंकाने वाला था, तो इस बार भी सरप्राइज मुमकिन है।
भारत से क्या है नए पोप का कनेक्शन?
नए पोप के चयन में बेसिलियोस क्लीमिस और ओसवाल्ड ग्रेसियस समेत भारत के भी 4 कार्डिनल्स कॉन्क्लेव में वोट करेंगे। भारत के 2.8 करोड़ कैथोलिक्स नए पोप से सामाजिक न्याय और शांति की उम्मीद रखते हैं। फ्रांसिस ने गाजा संकट और कोविड में भारत की मदद की थी। क्या नया पोप भारत के साथ ऐसा ही रिश्ता बनाएगा? यह कॉन्क्लेव के फैसले पर निर्भर है।
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