वक्फ संशोधन बिल पर मोदी सरकार को मिला पाकिस्तानी एक्सपर्ट का साथ, ‘वक्फ माफिया’ पर कह दी यह बात
भारतीय संसद द्वारा हाल ही पारित किए गए वक्फ संशोधन विधेयक को लेकर पूरे देश में जबरदस्त बहस छिड़ी हुई है। इस कानून का मुख्य उद्देश्य वक्फ संपत्तियों का डिजिटलीकरण करना, अवैध अतिक्रमण पर रोक लगाना, और वक्फ बोर्डों की जवाबदेही तय करना है। इस विधेयक को लेकर एक तरफ जहां देश के सभी विपक्षी दल एकजुट होकर मोदी सरकार के विरोध में उतर आए हैं वहीं दूसरी ओर पाकिस्तान के प्रमुख सुरक्षा मामलों के विश्लेषक और राजनीतिक जानकार, कमर चीमा ने मोदी सरकार के इस कदम को सराहनीय बताते हुए पाकिस्तान में भी ऐसी ही पहल करने की बात कह दी है।
वक्फ संशोधन कानून पर क्या कहा पाकिस्तानी एक्सपर्ट कमर चीमा ने
पाकिस्तान के प्रमुख सुरक्षा मामलों के विश्लेषक और राजनीतिक जानकार कमर चीमा अक्सर भारतीय नीतियों की आलोचना करते रहे हैं। परंतु इस बार उन्होंने चौंकाते हुए मोदी सरकार द्वारा वक्फ संशोधन कानून बनाए जाने के इस कदम को सार्वजनिक रूप से सराहा है। उन्होंने कहा कि वक्फ संपत्तियों को लेकर भारत का यह फैसला बिल्कुल सही है। खासकर दरगाहों और मस्जिदों पर अवैध कब्जे की समस्या को नियंत्रित करने के लिए यह कदम आवश्यक है।
भारतीय कानून को बताया सुधारात्मक और सकारात्मक कदम
उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा कि पाकिस्तान में भी मस्जिदों और धार्मिक स्थलों पर कब्जे की घटनाएं सामने आती रही हैं, और इस तरह की स्थिति को नियंत्रित करना बेहद जरूरी है। कमर चीमा ने कहा कि, "दरगाहों और मस्जिदों के संचालन में पारदर्शिता और सरकारी निगरानी से ही इन स्थानों का गलत इस्तेमाल रोका जा सकता है।" उनका मानना था कि भारत का यह कदम धार्मिक संस्थानों के संचालन को सुचारू और पारदर्शी बनाने की दिशा में एक सकारात्मक पहल है।
कहा, इससे वक्फ संपत्तियों का डिजिटलीकरण होगा और पारदर्शिता बढ़ेगी
कमर चीमा ने वक्फ संपत्तियों के डिजिटलीकरण के महत्व को भी प्रमुखता से उठाया। उन्होंने कहा, "यह कदम वक्फ संपत्तियों के सही तरीके से रिकॉर्ड रखने और किसी भी गलत इस्तेमाल को रोकने के लिए अत्यंत आवश्यक है।" अवैध कब्जों पर रोक लगाने और इन संपत्तियों के सही उपयोग को सुनिश्चित करने के लिए यह कदम महत्वपूर्ण है। चीमा ने भारत सरकार की इस पहल को एक सुधारात्मक कदम माना और कहा कि इस प्रकार के सुधार लंबे समय से अनिवार्य थे। उनका यह भी मानना था कि मुस्लिम समुदाय को खुद आगे आकर इन सुधारों का समर्थन करना चाहिए क्योंकि यह समाज के हित में है।
‘वक्फ माफिया’ शब्द को भी उचित बताते हुए कह दी बड़ी बात
कमर चीमा ने ‘वक्फ माफिया’ शब्द का इस्तेमाल करते हुए कहा कि भारत में 50,000 वक्फ संपत्तियों पर विवाद चल रहे हैं, खासकर उत्तर प्रदेश में। इस आंकड़े को उन्होंने चौंकाने वाला बताया और कहा कि इन संस्थाओं में कई लोग अपनी मनमानी कर रहे हैं और सरकारी निगरानी से बचने की कोशिश कर रहे हैं। उन्होंने पाकिस्तान का उदाहरण देते हुए कहा कि वहां भी धार्मिक संस्थाओं को सरकारी निगरानी से बचाने के लिए विशेष प्रयास किए जाते हैं, ताकि आर्थिक पारदर्शिता से बचा जा सके। उनका मानना था कि जब तक वक्फ संस्थाएं अपने आंतरिक सुधारों के लिए तैयार नहीं होतीं, तब तक उनका उद्देश्य सही दिशा में नहीं बढ़ सकता।
समाज के दीर्घकालिक हित में है वक्फ संशोधन कानून
कुल मिलाकर पाक एक्सपर्ट कमर चीमा ने मोदी सरकार के वक्फ संशोधन कानून को एक स्वागत योग्य कदम माना है और कहा कि यह धार्मिक स्थलों पर अवैध कब्जे और भ्रष्टाचार को रोकने में मदद करेगा। वक्फ संपत्तियों का डिजिटलीकरण और पारदर्शिता से संचालन इस क्षेत्र में सुधार की दिशा में जरूरी कदम है। उनका यह भी मानना था कि मुस्लिम समुदाय को इस सुधार की प्रक्रिया का समर्थन करना चाहिए, क्योंकि यह समाज के लिए दीर्घकालिक लाभकारी होगा। यह कानून न केवल भारत, बल्कि पाकिस्तान जैसे देशों के लिए भी एक उदाहरण बन सकता है, जहां धार्मिक संस्थानों की पारदर्शिता और सरकारी निगरानी की आवश्यकता है।
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