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Myanmar Earthquake: भूकंप से तबाह हुए म्यांमार में अब तक 1000 से ज्यादा की मौत…जानिए 10 बड़ी बातें

म्यांमार और थाईलैंड में शुक्रवार को आए 7.7 और 7.2 तीव्रता के भूकंप से भयानक तबाही मची। 1000 से ज्यादा मौतें, कई इमारतें गिरीं, भारत ने राहत भेजी।
02:16 PM Mar 29, 2025 IST | Vyom Tiwari

म्यांमार में शुक्रवार को आए 7.7 तीव्रता के भूकंप के बाद अब भी झटके महसूस किए जा रहे हैं। राष्ट्रीय भूकंप विज्ञान केंद्र (NCS) के मुताबिक, शुक्रवार रात 11:56 बजे वहां फिर से 4.2 तीव्रता का भूकंप आया। यह झटका 10 किलोमीटर की गहराई पर था, जिससे और झटकों की आशंका बनी हुई है।

इस भयानक भूकंप से भारी तबाही हुई है। स्थानीय मीडिया के अनुसार, अब तक 1002 लोगों की मौत हो चुकी है और 1670 लोग घायल हैं। कई इमारतें, बौद्ध स्तूप, सड़कें और पुल भी बुरी तरह क्षतिग्रस्त हुए हैं।

उधर, अफगानिस्तान में भी शनिवार सुबह 5:16 बजे भूकंप आया, जिसकी तीव्रता 4.7 थी। यह झटका जमीन से 180 किलोमीटर की गहराई में था। अब तक किसी तरह के नुकसान की खबर नहीं है। म्यांमार और थाईलैंड में आए इस शक्तिशाली भूकंप के बाद पूरे इलाके में दहशत का माहौल है।

म्यांमार और थाईलैंड में आए भूकंप के 10 बड़े अपडेट्स

1. म्यांमार और थाईलैंड में आए जबरदस्त भूकंप ने भारी तबाही मचाई है। म्यांमार में 7.7 तीव्रता और थाईलैंड में 7.2 तीव्रता के झटकों से इमारतें, पुल और बौद्ध मोनेस्ट्री गिर गईं। म्यांमार में अब तक 144 लोगों की मौत हो चुकी है, खासकर दो सबसे ज्यादा प्रभावित शहरों में हालात बेहद खराब हैं। वहीं, थाईलैंड की राजधानी बैंकॉक में भी भूकंप का असर दिखा, जहां एक निर्माणाधीन ऊंची इमारत गिरने से 10 लोगों की जान चली गई।

2. म्यांमार में आए भूकंप से कितने लोग मारे गए, घायल हुए या कितना नुकसान हुआ, इसका सही आकलन अभी नहीं हो पाया है। म्यांमार पहले से ही गृहयुद्ध में फंसा हुआ है और यह दुनिया के सबसे गरीब देशों में से एक है। यहां सैन्य शासन होने के कारण सूचना पर कड़ा नियंत्रण रहता है। देश की सैन्य सरकार के प्रमुख, सीनियर जनरल मिन आंग ह्लाइंग ने टेलीविजन पर बताया कि मरने वालों की संख्या बढ़ सकती है। फिलहाल, अब तक कम से कम 144 लोगों की मौत हो चुकी है और 730 से ज्यादा लोग घायल हुए हैं।

3. थाईलैंड की राजधानी बैंकॉक में एक ऊंची इमारत समेत तीन निर्माण स्थलों के गिरने से 10 लोगों की मौत हो गई, 16 लोग घायल हो गए और 101 लोग लापता हैं। यह हादसा शुक्रवार दोपहर आया 7.7 तीव्रता के भूकंप के बाद हुआ, जिसका केंद्र म्यांमार के मांडले शहर के पास था। भूकंप के बाद कई झटके महसूस किए गए, जिनमें से एक 6.4 तीव्रता का था। मांडले में भी इस भूकंप की वजह से कई इमारतें ढह गईं, जिनमें एक बड़ा मठ भी शामिल है।

4. म्यांमार की राजधानी नेपीडॉ में बचाव दल सिविल सेवकों के आवास वाली इमारतों के मलबे से लोगों को निकालने में जुटे हैं। सरकार ने बताया कि सबसे ज्यादा प्रभावित इलाकों में खून की बहुत जरूरत है। म्यांमार में पहले की सरकारें विदेशी मदद लेने में संकोच करती थीं, लेकिन अब मिन आंग ह्लाइंग ने साफ किया है कि देश किसी भी तरह की सहायता लेने के लिए तैयार है।

5. भारत ने भूकंप से बुरी तरह प्रभावित म्यांमार की मदद के लिए 15 टन राहत सामग्री भेजी है। भारतीय वायुसेना का सी-130जे सुपर हरक्यूलिस विमान हिंडन एयरफोर्स स्टेशन से उड़ान भरकर यह सहायता लेकर म्यांमार रवाना हुआ। इस राहत सामग्री में टेंट, स्लीपिंग बैग, कंबल, तैयार भोजन, पानी साफ करने के उपकरण, साफ-सफाई किट, सोलर लैंप, जनरेटर, और जरूरी दवाएं (जैसे पैरासिटामोल, एंटीबायोटिक्स, सीरिंज, दस्ताने, पट्टियाँ आदि) शामिल हैं। इस बीच, संयुक्त राष्ट्र ने भी म्यांमार में राहत और बचाव कार्यों के लिए 5 मिलियन डॉलर की सहायता देने की घोषणा की है।

6. भूकंप की वजह से सड़कों में दरारें आ गई हैं, पुल गिर चुके हैं और कई बांध भी टूट गए हैं। ऐसे हालात में सबसे बड़ी चिंता यह है कि राहत और बचाव दल उन दूर-दराज के इलाकों तक कैसे पहुंचेंगे, जहां पहले से ही लोग भारी मुश्किलों का सामना कर रहे हैं। इंटरनेशनल रेस्क्यू कमेटी के म्यांमार डायरेक्टर मोहम्मद रियास का कहना है, "हमें डर है कि इस भूकंप की तबाही का पूरा आकलन करने में कई हफ्ते लग सकते हैं।" यूएस जियोलॉजिकल सर्वे के मुताबिक, मरने वालों की संख्या 1,000 से ज्यादा हो सकती है।

7. म्यांमार में फरवरी 2021 में सेना ने आंग सान सू की की चुनी हुई सरकार को हटाकर सत्ता अपने हाथ में ले ली थी। इसके बाद से वहां भीषण गृहयुद्ध चल रहा है। यह लड़ाई सेना, पुरानी मिलिशिया और नई लोकतंत्र समर्थक मिलिशिया के बीच हो रही है। इस संघर्ष में सेना ने देश के कई हिस्सों पर अपना नियंत्रण खो दिया है। कई इलाके इतने खतरनाक हो गए हैं कि वहां मदद पहुंचाना भी नामुमकिन हो गया है। संयुक्त राष्ट्र की रिपोर्ट के अनुसार, इस युद्ध की वजह से अब तक 30 लाख से ज्यादा लोग अपने घर छोड़ने पर मजबूर हो चुके हैं, और करीब 2 करोड़ लोग किसी न किसी तरह की मदद के लिए तरस रहे हैं।

8. म्यांमार में भूकंप आना थाईलैंड की तुलना में ज्यादा आम है। समाचार एजेंसी एएफपी के मुताबिक, यूएसजीएस ने बताया कि 1930 से 1956 के बीच सागाइंग फॉल्ट के पास छह बार 7.0 तीव्रता के भूकंप आए। यह फॉल्ट म्यांमार के मध्य से होकर गुजरता है। थाईलैंड भूकंप प्रभावित क्षेत्र में नहीं आता, इसलिए वहां भूकंप बहुत कम आते हैं। जो झटके महसूस होते हैं, वे आमतौर पर पड़ोसी म्यांमार से आते हैं। खासकर बैंकॉक में इमारतें इतनी मजबूत नहीं हैं कि तेज भूकंप झेल सकें, इसलिए यहां इमारतों को बड़ा नुकसान हुआ है।

9. संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस ने शुक्रवार को बताया कि संयुक्त राष्ट्र म्यांमार के लिए राहत सामग्री जुटा रहा है। म्यांमार सरकार ने अंतरराष्ट्रीय मदद की मांग की है, और इस पर कार्रवाई की जा रही है। गुटेरेस ने कहा कि संयुक्त राष्ट्र की टीम जरूरतमंद लोगों तक सहायता पहुंचाने के लिए लगातार काम कर रही है। वहीं, अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भी म्यांमार की मदद करने का वादा किया है।

10. नेशनल सेंटर फॉर सीस्मोलॉजी के मुताबिक, म्यांमार में शुक्रवार से अब तक छह बार भूकंप आ चुके हैं। विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) की प्रवक्ता मार्गरेट हैरिस ने मीडिया से बात करते हुए कहा, "हमने अपने लॉजिस्टिक्स हब को सक्रिय कर दिया है ताकि ज़रूरी मेडिकल सप्लाई जल्द से जल्द पहुंचाई जा सके। खासतौर पर आघात से जुड़ी चीजें और बाहरी फिक्सेटर, क्योंकि हमें आशंका है कि वहां कई लोग घायल हुए होंगे, जिनका इलाज करना ज़रूरी है।"

 

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