सऊदी में मोदी का शाही स्वागत! एयरस्पेस में घुसे तो F-15 फाइटर्स ने दी सलामी, जेद्दा तक बना रहा सुरक्षा कवच
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 22 अप्रैल 2025 को सऊदी अरब के दो दिवसीय दौरे पर जेद्दा पहुंचे, जहां क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान ने F-15 फाइटर जेट्स से उनके विमान का स्वागत कर दिल जीत लिया। यह शाही जेस्चर भारत-सऊदी रिश्तों की गर्मजोशी का प्रतीक है। मोदी क्राउन प्रिंस के साथ रणनीतिक साझेदारी परिषद की दूसरी बैठक में हिस्सा लेंगे और रक्षा, व्यापार, हज कोटा जैसे मुद्दों पर बात करेंगे। आइए, इसे चटपटी गपशप की तरह समझें, जैसे चाय पर सऊदी की सियासत का तड़का!
F-15 जेट्स से किया मोदी का शाही स्वागत
बता दें कि जैसे ही पीएम मोदी का विमान सऊदी हवाई क्षेत्र में दाखिल हुआ, रॉयल सऊदी एयर फोर्स के F-15 फाइटर जेट्स ने उसे एस्कॉर्ट किया। भारतीय विदेश मंत्रालय ने इसे “विशेष सम्मान” बताया। जेद्दा में 21 तोपों की सलामी के साथ मोदी का स्वागत हुआ। यह पहली बार है जब किसी भारतीय PM को सऊदी में ऐसा शाही सम्मान मिला। X पर यूजर्स ने इसे “ऐतिहासिक” करार दिया, बीजेपी नेता राधिका खेरा ने लिखा कि “न नेहरू, न इंदिरा, ये सम्मान सिर्फ मोदी को!”
मोदी MBS से मुलाकात कर करेंगे ऐतिहासिक साझेदारी
दरअसल मोदी और क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान (MBS) के बीच 22 अप्रैल को द्विपक्षीय वार्ता होगी, जिसमें 6 MoU पर हस्ताक्षर होंगे। जिसमें मुख्य एजेंडा रहेंगे:
1.रक्षा और सुरक्षा: भारत-सऊदी नौसेना के संयुक्त अभ्यास और हूती हमलों के खिलाफ समुद्री सुरक्षा।
2.हज कोटा: 2025 के लिए भारत का हज कोटा 1,75,025 है, लेकिन 42,000 तीर्थयात्रियों को देरी की वजह से दिक्कत।
3.आर्थिक सहयोग: 2024 में $43 बिलियन का द्विपक्षीय व्यापार, सऊदी का $100 बिलियन निवेश वादा।
4.IMEC कॉरिडोर: भारत-मध्य पूर्व-यूरोप आर्थिक कॉरिडोर पर चर्चा।
वही दौरे पर पहुँचने से पहले ही मोदी ने अरब न्यूज को बताया कि“सऊदी भारत का समुद्री पड़ोसी और रणनीतिक सहयोगी है। हमारी साझेदारी में असीम संभावनाएं हैं।” उन्होंने MBS की दूरदर्शिता और सऊदी विजन 2030 को विकसित भारत 2047 से जोड़ा।
भारत-सऊदी रिश्तों की गहराई
मोदी की यह तीसरी सऊदी यात्रा (2016, 2019 के बाद) है और जेद्दा में पहली। 2016 में उन्हें सऊदी का सर्वोच्च नागरिक सम्मान “किंग अब्दुलअज़ीज़ सैश” मिला। 2019 में रणनीतिक साझेदारी परिषद बनी, जिसने रक्षा, ऊर्जा और संस्कृति में सहयोग बढ़ाया। सऊदी भारत का तीसरा सबसे बड़ा तेल आपूर्तिकर्ता है, और 27 लाख भारतीय प्रवासी वहां काम करते हैं। मोदी ने कहा, “हमारे रिश्ते सदियों पुराने हैं, मानसूनी हवाओं की तरह।”
क्यों अहम है यह दौरा?
यह दौरा भारत के मध्य पूर्व में बढ़ते कद का प्रतीक है। सऊदी के साथ रिश्ते रूस-यूक्रेन युद्ध, इज़राइल-फिलिस्तीन तनाव और हूती हमलों के बीच अहम हैं। मोदी की MBS से निजी केमिस्ट्री और सऊदी का भारत में निवेश दोनों देशों को करीब ला रहा है। 23 अप्रैल को मोदी भारतीय समुदाय से मिलेंगे और एक फैक्ट्री का दौरा करेंगे। क्या यह दौरा भारत को क्षेत्रीय शक्ति बनाएगा, या सिर्फ डिप्लोमैटिक शो रहेगा? यह वक्त बताएगा, मगर F-15 का स्वागत दुनिया देख रही है।
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