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चीन में शादी का संकट: महिलाएं खरीद रहे पुरुष, सिर्फ 2 लाख में बच्चे पैदा करने का सौदा

चीन में शादी का संकट, विदेशी दुल्हनों की तस्करी और लिंग अनुपात में असंतुलन की गंभीर समस्या।
07:05 PM Mar 19, 2025 IST | Girijansh Gopalan
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चीन में शादी का संकट अब सरकार के लिए एक बड़ा सिरदर्द बनता जा रहा है। 2024 में चीन में केवल 61 लाख विवाह पंजीकृत हुए, जबकि 2023 में यह संख्या 77 लाख थी। यह गिरावट इतनी गंभीर हो गई है कि चीन के राष्ट्रीय राजनीतिक सलाहकार चेन सोंगशी ने विवाह की कानूनी उम्र 22 से घटाकर 18 साल करने का प्रस्ताव दिया है।
लेकिन एक तरफ जहां युवा चीनी शादी से दूर हो रहे हैं, वहीं दूसरी तरफ, शादी के लिए विदेशी दुल्हनों की तस्करी बढ़ रही है। यह समस्या चीन की वन चाइल्ड पॉलिसी और लिंग अनुपात में असंतुलन का नतीजा है।

क्यों शादी से दूर हो रहे हैं चीनी युवा?

चीन के युवाओं का शादी में रुचि कम होती जा रही है। इसकी कई वजहें हैं:
बढ़ती महंगाई: शादी और बच्चे पालने की लागत बहुत ज्यादा हो गई है।
उच्च शिक्षा और करियर: युवा अब शिक्षा और करियर पर ज्यादा फोकस कर रहे हैं।
बदलते सामाजिक विचार: शहरी महिलाएं अब पारंपरिक मान्यताओं को तोड़ रही हैं और शादी और मां बनने को जरूरी नहीं मानतीं।

लिंग अनुपात का बिगड़ता संतुलन

चीन में वन चाइल्ड पॉलिसी और बेटे को प्राथमिकता देने की सोच ने लिंग अनुपात को बुरी तरह बिगाड़ दिया है। 2000 के दशक में, चीन में हर 100 लड़कियों पर 121 लड़के जन्म ले रहे थे। कुछ प्रांतों में तो यह अनुपात 130 लड़कों पर 100 लड़कियों तक पहुंच गया था। इसका असर अब साफ दिख रहा है। 1980 के दशक में जन्मे चीनी पुरुषों के लिए जीवनसाथी नहीं मिल रही। अनुमान है कि 3 करोड़ से 5 करोड़ पुरुषों को शादी के लिए दुल्हन नहीं मिलेगी। इस कारण चीन में इसे ‘बचे हुए पुरुषों का युग’ कहा जा रहा है।

विदेशी दुल्हनों की तस्करी बढ़ी

शादी की समस्या से जूझ रहे कई चीनी पुरुष अब विदेशी दुल्हनें खरीदने की कोशिश कर रहे हैं। यह प्रवृत्ति महिला तस्करी को बढ़ावा दे रही है। खासतौर पर म्यांमार, वियतनाम और दक्षिण-पूर्व एशिया के अन्य देशों की लड़कियाँ इस तस्करी का शिकार बन रही हैं। तस्कर इन महिलाओं को अच्छी नौकरी का झांसा देकर चीन लाते हैं और फिर उन्हें 3,000से13,000 (2.6 लाख से 11.3 लाख रुपये) में चीनी पुरुषों को बेच देते हैं। 2019 में ह्यूमन राइट्स वॉच की रिपोर्ट में बताया गया कि चीन-म्यांमार सीमा पर सुरक्षा की कमी और कानून प्रवर्तन की लापरवाही तस्करों के लिए वरदान बन गई है।

चीन सरकार की कार्रवाई

चीन सरकार अब इन अवैध शादियों पर नकेल कसने की कोशिश कर रही है। मार्च 2024 में, चीन के सार्वजनिक सुरक्षा मंत्रालय ने महिलाओं और बच्चों की सीमा पार तस्करी के खिलाफ विशेष अभियान शुरू किया। हालाँकि, इस पर पूरी तरह से नियंत्रण पाना मुश्किल है। अवैध विवाह एजेंसियाँ और बिचौलिए अब भी सक्रिय हैं। नवंबर 2024 में दो लोगों को गिरफ्तार किया गया, जो चीनी पुरुषों को ‘सस्ती’ विदेशी पत्नियों का लालच देकर महंगे विवाह टूर में फँसा रहे थे।

अपराध बढ़ने का खतरा

चीन में ‘बचे हुए पुरुषों’ की बढ़ती संख्या एक गंभीर सामाजिक समस्या बन रही है। शोध बताते हैं कि जहाँ पुरुषों की तुलना में महिलाओं की संख्या कम होती है, वहाँ अपराध और हिंसा बढ़ने की संभावना ज्यादा होती है। 1990 के दशक के बाद से चीन में अपराध दर में 14% की बढ़ोतरी हुई है। भारत में भी शोध से पता चलता है कि लिंग असंतुलन के कारण महिलाओं के खिलाफ उत्पीड़न के मामले बढ़ सकते हैं।

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