कनाडा में मार्क कार्नी की पार्टी की जीत से क्या बदलेगा वीज़ा गेम? भारतीय छात्रों के लिए खुल सकते हैं नए दरवाज़े!
Study In Canada : कनाडा के संघीय चुनाव में मार्क कार्नी की लिबरल पार्टी ने शानदार जीत हासिल कर ली है। कनाडियन ब्रॉडकास्टिंग कॉर्पोरेशन (CBC) के मुताबिक, लिबरल्स ने 343 सीटों में से पूर्ण बहुमत हासिल कर लिया, जिससे कार्नी का दोबारा प्रधानमंत्री बनना पक्का हो गया। इस जीत ने कनाडा में रहने और पढ़ने वाले भारतीय छात्रों की उम्मीदें भी जगाई हैं, जो पिछले कुछ सालों से सख्त इमीग्रेशन नीतियों, भारत-कनाडा तनाव और हाउसिंग क्राइसिस से जूझ रहे हैं। आइए, जानते हैं कि कार्नी की इमीग्रेशन पॉलिसी और सेंचुरी इनिशिएटिव का भारतीय छात्रों पर क्या असर पड़ेगा।
भारतीय छात्रों की संख्या क्यों गिरी?
जस्टिन ट्रूडो की सख्त इमीग्रेशन पॉलिसी और खालिस्तान मुद्दे पर भारत-कनाडा तनाव ने भारतीय छात्रों को कनाडा से दूर किया। ब्यूरो ऑफ इमीग्रेशन के डेटा के मुताबिक, 2023 में 233,532 भारतीय छात्र कनाडा में थे, जो 2024 में 41% घटकर 137,608 रह गए। कनाडा, ब्रिटेन और अमेरिका में भारतीय छात्रों की संख्या में कुल 164,370 की कमी आई। हाउसिंग क्राइसिस, महंगाई और सख्त वीजा नियमों (स्टडी परमिट कैप, वर्क परमिट पाबंदियां) ने मुश्किलें बढ़ाईं। फिर भी, 2023 में कनाडा के 1,040,985 अंतरराष्ट्रीय छात्रों में 27% भारतीय थे, जो CAD 13-14 बिलियन का योगदान देते हैं।
क्या है मार्क कार्नी की इमीग्रेशन पॉलिसी?
कार्नी का सेंचुरी इनिशिएटिव थिंक टैंक से नाता है, जो 2100 तक कनाडा की आबादी को 41.5 मिलियन से 100 मिलियन करना चाहता है। ट्रूडो की नीतियां भी इससे प्रभावित थीं, जिनमें 2022-23 में 500,000 स्थायी निवासियों (PR) को अनुमति दी गई। मगर हाउसिंग और हेल्थकेयर पर दबाव के चलते 2025 में PR टारगेट 395,000 और 2027 में 365,000 कर दिया गया। कार्नी ने कहा कि इमीग्रेशन को प्री-पैंडमिक लेवल (250,000-280,000 PR) तक सीमित रखेंगे, जब तक हाउसिंग और इन्फ्रास्ट्रक्चर तैयार न हो।
उनकी पॉलिसी में शामिल हैं:
- टेंपरेरी रेजिडेंट्स (छात्र, वर्कर) को 2027 तक आबादी के 5% से कम करना।
- फ्रैंकोफोन इमीग्रेशन को बढ़ाना।
- ग्लोबल स्किल्स स्ट्रैटजी से हेल्थकेयर और ट्रेड्स में जॉब्स आसान करना।
भारतीय छात्रों के लिए क्या?
कार्नी की स्किल्ड माइग्रेशन पॉलिसी STEM और हेल्थकेयर में पढ़ने वाले भारतीय छात्रों के लिए फायदेमंद हो सकती है। ग्लोबल स्किल्स स्ट्रैटजी जॉब मार्केट में एंट्री आसान करेगी। लेकिन स्टडी परमिट कैप्स और हाउसिंग क्राइसिस चुनौती बने रहेंगे। सौरभ अरोड़ा (यूनिवर्सिटी लिविंग) कहते हैं कि भारतीय छात्रों का CAD 13-14 बिलियन का योगदान कनाडा के लिए अहम है। भारत-कनाडा रिश्तों में सुधार से भी फायदा हो सकता है, मगर नीतियां स्टूडेंट-फ्रेंडली होनी चाहिए।
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