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'अपमान मत करो': ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी में भाषण देने गईं ममता बनर्जी क्यों भड़क गईं?

ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी में भाषण के दौरान ममता बनर्जी को तीखे विरोध और सवालों का सामना करना पड़ा। आखिर क्यों भड़क गईं दीदी? जानें पूरा मामला।
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Mamata Banerjee Oxford Speech: पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को 27 मार्च 2025 को ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी के केलॉग कॉलेज में अपने भाषण के दौरान अभूतपूर्व विरोध और तीखे सवालों का सामना करना पड़ा। 'सोशल डेवलपमेंट- गर्ल चाइल्ड एंड विमेन एंपावरमेंट इन वेस्ट बंगाल' पर बोलते हुए उन्हें कई असहज सवालों ने घेर लिया, जिससे नाराज़ होकर उन्होंने कहा, "मेरा अपमान करके अपनी संस्था का अपमान मत करो।" यह घटना तब चर्चा में आई, जब उनका भाषण बीच में रुक गया और माहौल तनावपूर्ण हो गया। आइए, जानते हैं कि क्या हुआ और ममता को यह क्यों कहना पड़ा।

RG कर से लेकर जादवपुर कांड पर पूछे गए तीखे सवाल

ममता बनर्जी का भाषण शुरू होते ही वहाँ मौजूद लोगों, खासकर स्टूडेंट्स फेडरेशन ऑफ इंडिया (SFI-UK) के सदस्यों ने तीखे सवाल शुरू कर दिए। आईए  जानते हैं लोगों के सवाल और क्या थे ममता के जबाब?

सवाल नंबर 1: कोलकाता के RG कर मेडिकल कॉलेज में 2024 में हुई बलात्कार-हत्या की घटना पर सवाल उठा। ममता ने जवाब दिया, "यह मामला कोर्ट में है, केंद्र सरकार के पास है। यहाँ राजनीति मत करो, यह मंच इसके लिए नहीं है। मेरे राज्य में आकर मुझसे बहस करो।"

सवाल नंबर 2: 2008 में सिंगूर से टाटा की नैनो फैक्ट्री के बाहर जाने का मुद्दा उठा। ममता ने गुस्से में कहा, "यह गलत है। टाटा अभी भी बंगाल में है। खड़गपुर में पिछले साल उद्योग शुरू किया। मैं झूठ नहीं बोल रही हूँ।"

सवाल नंबर 3: जादवपुर यूनिवर्सिटी कांड पर भी तीखे सवाल पूछे गए। ममता ने जवाब में कहा, "झूठ मत बोलो। बंगाल जाओ, अपनी पार्टी को मज़बूत करो और मुझसे लड़ो। यहाँ मेरे देश का अपमान मत करो। मैं यहाँ भारत का प्रतिनिधित्व करने आई हूँ। बता दें कि इन सवालों से ममता असहज हो गईं और उन्होंने इसे व्यक्तिगत हमला माना।

'ममता गो बैक' के लगे नारे

SFI-UK ने ममता के खिलाफ प्रदर्शन किया, जिसमें 'ममता गो बैक' के नारे लगे। संगठन ने उन पर भ्रष्टाचार, विपक्ष को दबाने और बंगाल में हिंदुओं के उत्पीड़न के आरोप लगाए। एक सवाल पर ममता ने कहा, "मैं सभी के लिए हूँ—हिंदू, मुसलमान, सबके लिए।" प्रदर्शनकारियों ने संदेशखाली में महिलाओं पर अत्याचार और चुनाव बाद हिंसा जैसे मुद्दे भी उठाए। ममता ने इसे "अति वामपंथी और सांप्रदायिक" करार देते हुए कहा, "आप मुझे बोलने का मौका नहीं दे रहे, यह आपकी संस्था का अपमान है।"

ममता की भावुक अपील

विरोध के बीच ममता ने 1990 की एक तस्वीर दिखाई, जिसमें उनके सिर पर पट्टी बंधी थी। उन्होंने दावा किया, "विपक्ष में रहते हुए मेरी हत्या की कोशिश हुई थी।" इसके बाद वे भावुक हो गईं और बोलीं, "मरने से पहले मैं देश को एकजुट देखना चाहती हूँ। स्वामी विवेकानंद ने कहा था—एकता शक्ति है, विभाजन पतन। क्या ऐसी विचारधारा से दुनिया टिक सकती है?" यह कहते हुए उन्होंने एकता पर ज़ोर दिया।

"अपमान तो मत करो": भड़क कर बोलीं ममता 

ममता ने कहा, "जब मैं पद पर हूँ, तो समाज को बाँट नहीं सकती। मुझे सभी धर्मों, जातियों और कमज़ोर वर्गों के लिए काम करना है।" लेकिन सवालों और नारेबाज़ी से परेशान होकर उन्होंने भीड़ को चेताया, "मेरा अपमान मत करो। मैं यहाँ देश का प्रतिनिधि हूँ। आप अपने सवालों से ऑक्सफोर्ड की गरिमा को ठेस पहुँचा रहे हैं।" अंत में, उन्होंने मज़ाकिया लहजे में कहा, "आपने मुझे अपमानित किया, इसके लिए धन्यवाद। अगले साल से मैं साल में दो बार यहाँ आऊँगी। दीदी रॉयल बंगाल टाइगर की तरह काम करती है।"

क्यों हुआ हंगामा?

दरअसल यह विरोध ममता के बंगाल में शासन से जुड़े विवादों का परिणाम था। SFI-UK ने इसे सुनियोजित बताया, जबकि ममता ने इसे राजनीति करार दिया। ऑक्सफोर्ड प्रशासन ने बाद में उनसे माफी माँगी, लेकिन ममता ने इसे भारत के सम्मान से जोड़ते हुए कहा, "यह सिर्फ मेरा नहीं, मेरे देश का अपमान है।" यह घटना बंगाल की राजनीति को वैश्विक मंच पर ले आई और ममता के नेतृत्व पर सवालों को फिर से हवा दे गई।

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