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राष्ट्रपति मुइज्जू को हटाने के लिए मालदीव के विपक्षी दलों से सम्पर्क में थी रॉ ? अमेरिकी अख़बार की रिपोर्ट में दावा

अमेरिकी अखबार वॉशिंगटन पोस्ट की एक रिपोर्ट के मुताबिक रॉ के एक एजेंट ने मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू के खिलाफ महाभियोग चलाने की साजिश रची थी।
09:51 AM Dec 31, 2024 IST | Vyom Tiwari

नई दिल्ली: मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू को सत्ता से हटाने की साजिश के तहत वहां की विपक्षी पार्टी ने भारत से 6 मिलियन डॉलर की आर्थिक मदद मांगी थी। यह जानकारी अमेरिकी अखबार द वॉशिंगटन पोस्ट की रिपोर्ट में सामने आई है। रिपोर्ट के मुताबिक विपक्ष ने यह राशि मुइज्जू के खिलाफ महाभियोग लाने और उन्हें सत्ता से बेदखल करने की योजना के लिए मांगी गई थी। इसमें यह भी दावा किया गया है कि भारतीय खुफिया एजेंसी रॉ का एक एजेंट मालदीव के विपक्षी नेताओं के संपर्क में था।

वोट के बदले नोट का था प्लान

वॉशिंगटन पोस्ट की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि एक आंतरिक दस्तावेज के मुताबिक, मालदीव के विपक्षी नेताओं ने 40 सदस्यों को रिश्वत देने की योजना बनाई थी। इस योजना में मुइज्जू की पार्टी, पीपुल्स नेशनल कांग्रेस के कुछ सदस्य भी शामिल थे। इन सभी सदस्यों को मुइज्जू के खिलाफ महाभियोग प्रस्ताव पर वोट देने के लिए तैयार किया गया था।

कौन लोग थे शामिल?

रॉ के एक वरिष्ठ अधिकारी पर आरोप है कि उन्होंने वॉशिंगटन स्थित भारतीय दूतावास में मुइज्जू को सत्ता से हटाने के लिए दो लोगों से बातचीत की थी। इनमें एक थे शिरीश थोराट, जो भारतीय पुलिस सेवा के पूर्व अधिकारी हैं, और दूसरे थे सावियो रोड्रिग्स जो भारतीय जनता पार्टी के पूर्व प्रवक्ता रहे हैं।

वॉशिंगटन पोस्ट ने यह जानकारी दी और यह भी बताया कि थोराट और रोड्रिग्स ने इस बात की पुष्टि की है, लेकिन उन्होंने यह नहीं बताया कि वे भारत सरकार की ओर से काम कर रहे थे। रोड्रिग्स गोवा क्रोनिकल नामक एक ऑनलाइन पोर्टल चलाते हैं, जिसमें मुइज्जू के परिवार के सदस्य भारत में आतंकवादी साजिशों से जुड़े होने का दावा किया गया था।

मोहम्मद रशीद ने वॉशिंगटन पोस्ट की रिपोर्ट को नकारा

मालदीव की सबसे बड़ी विपक्षी पार्टी, मालदीव डेमोक्रेटिक पार्टी के प्रमुख और पूर्व राष्ट्रपति मोहम्मद रशीद ने वॉशिंगटन पोस्ट की रिपोर्ट को नकारा है। उन्होंने कहा कि उन्हें ऐसी किसी साजिश के बारे में कोई जानकारी नहीं है और भारत कभी भी इस तरह के किसी कदम का समर्थन नहीं करेगा।

मैंने वाशिंगटन पोस्ट की रिपोर्ट को ध्यान से पढ़ा। मुझे राष्ट्रपति के खिलाफ किसी भी गंभीर साजिश के बारे में कोई जानकारी नहीं है। भारत कभी भी ऐसे कदम का समर्थन नहीं करेगा, क्योंकि हम हमेशा मालदीव के लोकतंत्र का समर्थन करते हैं। भारत ने कभी भी शर्तें नहीं रखी हैं।

- पूर्व राष्ट्रपति मोहम्मद रशीद

शुरू में मुइज्जू थे भारत के खिलाफ 

सितंबर 2023 में मुइज्जू ने मालदीव के राष्ट्रपति चुनाव में जीत हासिल की थी। उन्होंने अपनी चुनावी मुहिम 'इंडिया आउट' के नारे के साथ शुरू की थी, लेकिन बाद में उनके भारत के साथ रिश्ते दोस्ताना हो गए। राष्ट्रपति बनने के बाद, उन्होंने पहले कुछ समय तक भारत यात्रा नहीं की।

मुइज्जू चीन और तुर्की गए थे। इसी दौरान, उनकी सरकार के मंत्रियों ने सोशल मीडिया पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ आलोचना शुरू कर दी थी। मुइज्जू ने यह भी कहा कि मालदीव में जो भारतीय सैनिक एविएशन प्लेटफॉर्म की देख-रेख कर रहे हैं, उन्हें वहां से हटा दिया जाना चाहिए।

मालदीव का विपक्ष जहां भारत के साथ नजदीकी बनाए रखना चाहता था, वहीं मुइज्जू की दोस्ती चीन से ज्यादा गहरी थी। जनवरी में विपक्षी पार्टी ने मुइज्जू के खिलाफ महाभियोग लाने का प्रस्ताव तैयार किया था, लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने मुइज्जू को राहत देते हुए उसकी मदद की।

 

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