रूस की मिसाइल से तबाह हुआ भारतीय दवाओं का वेयरहाउस, यूक्रेन ने भारत-रूस दोस्ती पर कसा तंज
रूस-यूक्रेन युद्ध के तीन साल पूरे हो चुके हैं और इसी बीच एक नई घटना ने भारत-रूस संबंधों को लेकर चर्चा छेड़ दी है। हाल ही में रूस की एक मिसाइल यूक्रेन के कुसुम क्षेत्र में स्थित एक इंडियन फार्मास्यूटिकल कंपनी के वेयरहाउस पर गिरी, जिससे भारी नुकसान हुआ। इस हमले में मिलियंस डॉलर की दवाइयां नष्ट हो गईं, जिनमें से कई बच्चों और बुजुर्गों के इलाज के लिए थीं।
यूक्रेन में भारतीय फार्मा वेयरहाउस पर रूसी मिसाइल से भारी नुकसान
इस घटना के बाद यूक्रेन में भारत की एंबेसी ने ट्विटर पर एक पोस्ट कर इस हमले की कड़ी निंदा की और सीधे तौर पर रूस पर आरोप लगाया कि वह जानबूझकर भारतीय बिजनेस को निशाना बना रहा है। यूक्रेनी एंबेसी ने ट्वीट में लिखा, “जब रूस भारत के साथ ‘स्पेशल फ्रेंडशिप’ का दावा करता है, तब वह यूक्रेन में भारतीय कंपनियों के वेयरहाउस को टारगेट करता है।” इस ट्वीट में मिसाइल अटैक के बाद बर्बाद हुए वेयरहाउस की तस्वीरें भी साझा की गईं।
हालांकि, इस पूरे मामले पर भारत सरकार और रूस की ओर से अब तक कोई आधिकारिक पुष्टि या प्रतिक्रिया सामने नहीं आई है। ऐसे में यह सवाल उठ रहा है कि क्या यह हमला जानबूझकर किया गया था या यह एक अनजाने में हुई घटना थी।
रूस-यूक्रेन युद्ध को हुए तीन साल से ज्यादा
यूक्रेन-रूस युद्ध फिलहाल तीन साल, एक महीना और दो हफ्ते पार कर चुका है। इस दौरान कई अंतरराष्ट्रीय प्रयास युद्ध विराम के लिए हुए, लेकिन खास सफलता नहीं मिली। अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप भी युद्ध खत्म कराने के प्रयास कर चुके हैं, मगर राष्ट्रपति जेलेंस्की के साथ उनके संबंध अच्छे नहीं रहे। इसी तरह, हाल ही में जेलेंस्की ने दावा किया कि करीब 155 चीनी नागरिक रूसी पक्ष की ओर से यूक्रेन में लड़ रहे हैं। हालांकि, चीन ने इन आरोपों का खंडन किया है।
कुछ यूक्रेनी विश्लेषकों का मानना है कि चूंकि चीन अब रूस के साथ युद्ध में शामिल है, इसलिए यूक्रेन में काम कर रही भारतीय कंपनियां भविष्य में और ज्यादा निशाने पर आ सकती हैं। साथ ही यह भी संभावना जताई जा रही है कि यूक्रेन इस घटना को भारत और रूस के संबंधों को कमजोर करने के लिए भी इस्तेमाल कर सकता है।
पीएम मोदी को विक्ट्री डे पर रूस का न्योता
इस सबके बीच एक और बड़ा मामला सामने आ रहा है – रूस 9 मई 2025 को द्वितीय विश्व युद्ध की 80वीं वर्षगांठ पर विक्ट्री डे सेलिब्रेशन आयोजित करने जा रहा है। यह एक भव्य परेड होगी, जिसमें कई देशों के नेताओं को आमंत्रित किया गया है। रूस ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को भी आमंत्रित किया है। हालांकि, माना जा रहा है कि भारत की ओर से रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह इस आयोजन में शामिल हो सकते हैं। अगर पीएम मोदी इस परेड में शामिल होते हैं तो यह यूक्रेन के लिए एक बड़ा झटका होगा, और यूक्रेन इस पर भारत के खिलाफ तीखी प्रतिक्रिया दे सकता है।
रूस फिलहाल अंतरराष्ट्रीय राजनीति में खुद को एक मजबूत खिलाड़ी के रूप में प्रस्तुत करने में लगा है। हाल ही में रूस की केन्या स्थित एंबेसी ने एक मीम पोस्ट किया जिसमें रूस खुद को अमेरिका, यूरोप और चीन के ट्रेड वॉर से दूर खड़ा दिखा रहा है। रूस को लगता है कि इस ट्रेड वॉर का लाभ उसे मिल रहा है क्योंकि इससे वैश्विक ध्यान यूक्रेन युद्ध से हट रहा है और वह इस स्थिति का फायदा उठाकर यूक्रेन पर और हमले कर पा रहा है।