अमेरिकी बाजार में अब होगा भारतीय खिलौनों का बोलबाला, ट्रेड वॉर से मिलेगा भारत को बड़ा फायदा
अमेरिका और चीन के बीच ट्रेड वॉर (US-China Trade War) चल रही है, जिसमें दोनों देश एक-दूसरे के आयात पर भारी टैक्स लगा रहे हैं। इस बीच, भारत के खिलौना क्षेत्र के लिए यह एक अच्छा मौका बन गया है। भारत के खिलौना निर्यातकों ने भी अमेरिका द्वारा चीनी सामान पर लगाए गए हाई टैक्स के बाद अपनी तैयारियां शुरू कर दी हैं। इसके साथ ही, अमेरिकी खरीदार अब चीनी सामान पर अपनी निर्भरता कम करने के लिए नए बाजारों की तलाश कर रहे हैं, जिससे भारत के लिए नए अवसर खुल रहे हैं।
खिलौना संघ ने 40 कंपनियों की करी पहचान
पीटीआई की रिपोर्ट के अनुसार, भारतीय खिलौना संघ ने उन लगभग 40 कंपनियों की पहचान की है, जो अमेरिकी बाजार में निर्यात करने की क्षमता रखती हैं और सभी आवश्यक नियमों का पालन करती हैं। संघ के अध्यक्ष अजय अग्रवाल के अनुसार, वर्तमान में कई कंपनियां अमेरिका में बड़ी मात्रा में खिलौनों का निर्यात कर रही हैं। उन्होंने यह भी बताया कि पिछले एक महीने में अमेरिका के खिलौना खरीदारों से लगातार पूछताछ आ रही है।
खिलौनों के लिए अमेरिका बड़ा बाजार
अजय अग्रवाल ने कहा कि अमेरिका के खिलौना बाजार में अपनी मौजूदगी बढ़ाने का यह अच्छा मौका है। अमेरिका में खिलौनों का बाजार बहुत बड़ा है, और चीन पर लगाए गए उच्च टैरिफ से भारतीय खिलौना निर्यातकों को फायदा होगा। भारत को अन्य देशों की तुलना में कम टैरिफ मिलेगा, जिससे हमें फायदा होगा। उन्होंने यह भी बताया कि भारत की लगभग 20 कंपनियां पहले से ही अमेरिका को बड़ी मात्रा में खिलौने निर्यात कर रही हैं। इसके अलावा, कुछ भारतीय एक्सपोर्ट हाउस ने भी उनसे संपर्क किया है और उन मैन्युफैक्चरर्स की लिस्ट मांगी है, जो अमेरिकी नियमों के अनुसार खिलौने बना सकते हैं।
वैश्विक खिलौना और गेमिंग बाजार का आकार लगभग 114.4 अरब डॉलर है। GMI रिसर्च के आंकड़ों के अनुसार, अमेरिका का खिलौना बाजार 2024 में 42.8 अरब डॉलर तक पहुंच चुका था, और 2032 तक इसे 56.9 अरब डॉलर तक बढ़ने का अनुमान है। वहीं, चीन का खिलौना बाजार 2024 में 22.8 अरब डॉलर का था, और 2033 तक इसके 50.6 अरब डॉलर तक पहुंचने की संभावना है।
भारत का खिलौना उद्योग करीब 1.7 अरब डॉलर का
करीब एक दशक पहले तक भारत खिलौने ज्यादा आयात करता था, लेकिन अब इस क्षेत्र में भारत की ताकत दुनिया भर में नजर आने लगी है। कोरोना महामारी के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 'वोकल फॉर लोकल' का संदेश दिया था, और कहा था कि भारत अब खिलौनों के निर्यात में एक पावर हाउस बन रहा है।
रिपोर्ट्स के अनुसार, आज भारत का खिलौना उद्योग करीब 1.7 अरब डॉलर का है। इसके अलावा, ट्रंप टैरेफ के कारण अमेरिका में चीनी खिलौनों के प्रवेश में मुश्किलें आ गई हैं, जिससे भारत के पास वहां अपने कारोबार को बढ़ाने का एक बड़ा मौका है।
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