'भारत का जवाब 24 घंटे में तय...' यूंही डर के साए में नहीं हैं पाकिस्तान के मंत्री, जानिए क्या मिल रहे सिग्नल?
पहलगाम में 26 निर्दोष पर्यटकों की निर्मम हत्या के बाद भारत की सामरिक चुप्पी ने पाकिस्तान की नींद उड़ा दी है। खुफिया सूत्रों के मुताबिक, पाकिस्तानी सुरक्षा एजेंसियों ने अपने हमलावर बलों को अलर्ट कर दिया है, क्योंकि उन्हें डर है कि भारत अगले 24 से 36 घंटे में सर्जिकल स्ट्राइक या बालाकोट जैसी बड़ी सैन्य कार्रवाई कर सकता है। पीएम मोदी द्वारा सेना को दी गई "खुली छूट" और सीएसएस की गुप्त बैठकों ने इस आशंका को और बढ़ा दिया है।
पाकिस्तान की गीदड़भभकी या असली डर?
पाकिस्तान के सूचना मंत्री अत्ताउल्लाह तरार का बयान इस डर को उजागर करता है: "हमारे पास विश्वसनीय खुफिया जानकारी है कि भारत अगले 24 घंटे में हमला करेगा।" यह वही देश है जो कल तक यूएन में भारत के खिलाफ रोना रो रहा था। असल में, पाकिस्तान को 2019 के बालाकोट एयर स्ट्राइक का वह झटका याद है, जब भारतीय वायुसेना ने पीओके में जैश-ए-मोहम्मद के ठिकानों को ध्वस्त कर दिया था। इस बार, पहलगाम हमले में लश्कर-ए-तैयबा (एलईटी) के स्पष्ट संकेत मिलने के बाद भारत के पास सबूतों का पूरा पुलिंदा है।
Pakistan has credible intelligence that India intends carrying out military action against Pakistan in the next 24-36 hours on the pretext of baseless and concocted allegations of involvement in the Pahalgam incident.
Indian self assumed hubristic role of Judge, Jury and… pic.twitter.com/WVW6yhxTJ0— Attaullah Tarar (@TararAttaullah) April 29, 2025
क्या है भारत की रणनीति?
सबूतों का संग्रह: भारत अंतरराष्ट्रीय समुदाय के सामने पाकिस्तान की भूमिका के ठोस सबूत पेश करने में जुटा है। टीआरएफ (द रेजिस्टेंस फ्रंट) द्वारा पहले जिम्मेदारी लेने और फिर इनकार करने की उलटबांसी भी पाकिस्तान के खिलाफ एक बड़ा सबूत है।
सैन्य तैयारी: सेना ने पंजाब और राजस्थान सीमा पर तैनाती बढ़ा दी है, जबकि एयर फोर्स के लड़ाकू विमानों को हाई अलर्ट पर रखा गया है।
कूटनीतिक दबाव: भारत ने पाकिस्तान को FATF की 'ग्रे लिस्ट' में वापस डालने की मांग तेज कर दी है।
क्यों बौखलाया हुआ है पाकिस्तान?
पाकिस्तान की बढ़ती घबराहट के पीछे कई कारण हैं। पहलगाम हमले से ठीक पहले पाकिस्तानी सेना प्रमुख जनरल आसिम मुनीर का यह बयान संदेह पैदा करता है कि "कश्मीर में भारत को उसी की भाषा में जवाब दिया जाएगा"। अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पाकिस्तान को बड़ा झटका तब लगा जब यूएन में उसके भारत विरोधी प्रयासों को अमेरिका, फ्रांस और ब्रिटेन जैसे देशों ने नकार दिया। घरेलू मोर्चे पर पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था पहले ही डूबने के कगार पर है और अब भारत के सैन्य दबाव ने उसकी मुश्किलें और बढ़ा दी हैं। इस्लामाबाद को डर है कि भारत का कोई भी सैन्य प्रहार उसकी बची-खुची आर्थिक स्थिरता को भी ध्वस्त कर सकता है।
क्या फ़िर से होगी सर्जिकल स्ट्राइक या कोई बड़ा प्लान?
भारत के पास अब कई सैन्य और कूटनीतिक विकल्प मौजूद हैं। पहला विकल्प पीओके में लश्कर-ए-तैयबा के आतंकी कैंपों पर सर्जिकल स्ट्राइक का है, जैसा 2019 में बालाकोट में किया गया था। दूसरा विकल्प साइबर वॉर का है जिसमें पाकिस्तानी आतंकी नेटवर्क और उनके फंडिंग चैनल्स को निशाना बनाया जा सकता है।
तीसरा और दीर्घकालिक विकल्प पाकिस्तान को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पूरी तरह अलग-थलग करने का है। भारत की यह त्रिआयामी रणनीति पाकिस्तान को हर मोर्चे पर घेरने के लिए तैयार है, जिससे इस्लामाबाद की हरकतों पर अंकुश लग सके।
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