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हाफिज सईद के करीबियों का ही कत्लेआम क्यों? पाक सेना की साजिश या कुछ और...

लश्कर-ए-तैयबा के 15 से ज्यादा आतंकियों की रहस्यमयी हत्या—क्या पाक सेना खुद सफाया कर रही है, या कोई बाहरी ताकत गुप्त मिशन चला रही है?
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पाकिस्तान में कुछ अजीब चल रहा है। मुंबई हमले का मास्टरमाइंड हाफिज सईद अपने करीबियों को एक-एक कर खोता जा रहा है। हाल ही में उसके शार्प शूटर अब्दुल रहमान को गोली मार दी गई। पिछले तीन साल में 15 से ज्यादा कमांडर, फाइनेंसर और गुर्गे मारे जा चुके हैं। सवाल ये है कि इन हत्याओं के पीछे कौन है? क्या पाकिस्तानी सेना अपने ही देश में ये खूनखराबा करवा रही है? या फिर कोई बाहरी ताकत खेल रही है? आइए, इस रहस्य को आसान और रोचक तरीके से खोलते हैं।

हाफिज के साथी क्यों बन रहे निशाना?

पाकिस्तान में हाफिज सईद के करीबियों का कत्लेआम थमने का नाम नहीं ले रहा। सोमवार को लश्कर-ए-तैयबा का शार्प शूटर अब्दुल रहमान ढेर हो गया। उससे पहले मार्च 2025 में अबू कताल और कारी शहजादा भी मारे गए। ये लोग हाफिज के संगठन के लिए रीढ़ की हड्डी थे - कोई कमांडर, कोई शूटर, तो कोई पैसा जुटाने वाला। तीन साल में 15 से ज्यादा बड़े नाम खत्म हो चुके हैं। लेकिन ये सिलसिला शुरू क्यों हुआ? क्या कोई हाफिज को कमजोर करना चाहता है, या उसका पूरा ढांचा तोड़ने की साजिश है?

क्या पाकिस्तानी सेना कर रही सफाया?

पाकिस्तानी मीडिया में चर्चा है कि इन हत्याओं के पीछे खुद वहां की सेना का हाथ हो सकता है। हाफिज सईद और उसका लश्कर-ए-तैयबा 2008 के मुंबई हमलों के लिए कुख्यात हैं, जिसमें 166 लोग मारे गए थे। इसकी वजह से पाकिस्तान की इंटरनेशनल बेइज्जती हुई। अमेरिका समेत कई देशों का दबाव है कि लश्कर का खात्मा हो।

ऐसे में क्या पाक सेना अपने हाथ साफ दिखाने के लिए हाफिज के गुर्गों को चुपके से ठिकाने लगा रही है? रिपोर्ट्स कहती हैं कि ये मुमकिन है, ताकि दुनिया को लगे कि पाकिस्तान आतंक के खिलाफ कुछ कर रहा है।

अंदरूनी जंग या बाहरी साजिश?

एक दूसरी थ्योरी भी है। कहा जा रहा है कि लश्कर-ए-तैयबा और उससे जुड़ी जमात-उद-दावा में सत्ता की लड़ाई चल रही है। जमात के लोग हाफिज के करीबियों को मारकर खुद बॉस बनना चाहते हैं। सूत्रों का दावा है कि इसमें पाकिस्तानी सेना और ISI भी जमात का साथ दे रही हो सकती है। लेकिन क्या ये सिर्फ अंदरूनी झगड़ा है या कोई बाहरी ताकत भी इसमें शामिल है? कुछ लोग इसे भारत या दूसरी एजेंसियों से जोड़कर देखते हैं, पर इसका कोई ठोस सबूत नहीं। कहानी में ट्विस्ट अभी बाकी है।

हत्याओं का पैटर्न क्या कहता है?

इन हत्याओं का तरीका एक जैसा है। अज्ञात बंदूकधारी आते हैं, गोली मारते हैं और गायब हो जाते हैं। अब्दुल रहमान, अबू कताल, कारी शहजादा - सबके साथ यही हुआ। पुलिस जांच शुरू होती है, लेकिन नतीजा ढाक के तीन पात। ये पैटर्न बताता है कि हमले सुनियोजित हैं। कोई बड़ा प्लान काम कर रहा है, जो संगठन की कमर तोड़ना चाहता है। सवाल ये है कि अगर पाक सेना ऐसा कर रही है, तो वो खुलकर क्यों नहीं करती? और अगर कोई और है, तो वो इतना चालाकी से कैसे खेल रहा है?

असली मकसद क्या है?

हाफिज सईद के करीबियों की हत्या के पीछे कई वजहें हो सकती हैं। पहली, पाकिस्तान दुनिया को दिखाना चाहता है कि वो आतंक के खिलाफ सख्त है। दूसरी, लश्कर और जमात की आपसी लड़ाई में सेना एक पक्ष को मजबूत कर रही हो। तीसरी, कोई बाहरी ताकत चुपचाप लश्कर को खत्म करने में लगी है। या फिर ये सब एक साथ हो रहा है। जो भी हो, हाफिज का संगठन कमजोर पड़ रहा है और उसकी मुश्किलें बढ़ रही हैं। लेकिन सच्चाई अभी पर्दे के पीछे है, और इसका खुलासा होने में वक्त लगेगा।

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