ट्रंप अमेरिका में लागू कर सकते हैं मार्शल लॉ, 20 अप्रैल को लेकर फैली सनसनी
अमेरिका की राजनीति में एक बार फिर हलचल मची हुई है, और इस बार चर्चा है कि पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप कुछ ऐसा बड़ा कदम उठाने वाले हैं, जिससे पूरा देश हिल सकता है। सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रही खबरों में दावा किया जा रहा है कि ट्रंप 20 अप्रैल को 1807 का राजद्रोह कानून लागू कर सकते हैं। इस कानून को पुराने मार्शल लॉ जैसा कानून माना जा रहा है और इससे अमेरिका में भविष्य की राजनीति पर बड़ा असर पड़ सकता है।
क्यों अहम है 20 अप्रैल की तारीख
अब तक सामने आई जानकारी के अनुसार इस कानून के लागू होते ही ट्रंप को किसी तानाशाह की भांति सारे अधिकार मिल जाएंगे और वह अपनी मर्जी से सेना को तैनात कर सकते हैं। तो आखिर ये चर्चा कहां से शुरू हुई? क्या सच में अमेरिका की सड़कों पर सेना उतरने वाली है? और 20 अप्रैल की तारीख ही क्यों इतनी अहम मानी जा रही है? आइए आपको इस पूरे घटनाक्रम को सरल और रोचक अंदाज़ में समझते हैं।
क्या कहता है ट्रंप का एग्जीक्यूटिव ऑर्डर
इस साल जनवरी में जब डोनाल्ड ट्रंप ने फिर से राष्ट्रपति पद संभाला, तो उन्होंने सबसे पहले अमेरिका-मेक्सिको सीमा पर नेशनल इमरजेंसी घोषित की। इस फैसले के साथ उन्होंने एक कार्यकारी आदेश पर दस्तखत किए, जिसमें यह भी कहा गया कि 90 दिनों के भीतर डिफेंस और होमलैंड सिक्योरिटी के सचिव उन्हें एक रिपोर्ट सौंपेंगे — और यही रिपोर्ट 20 अप्रैल को उनके हाथ में आने वाली है। अब इस रिपोर्ट में यह भी बताया जाएगा कि क्या अमेरिका की सीमाओं पर हालात इतने बिगड़े हुए हैं कि 1807 का राजद्रोह अधिनियम लागू किया जाए।
क्या है 1807 का राजद्रोह कानून (Insurrection Act)
यह कोई साधारण कानून नहीं है। राजद्रोह कानून अमेरिकी राष्ट्रपति को अधिकार देता है कि जब देश में बड़ा विद्रोह, प्रदर्शन या कानून-व्यवस्था का संकट खड़ा हो जाए, तब वे सेना को देश के अंदर तैनात कर सकते हैं। इसका मतलब यह होता है कि नागरिकों के खिलाफ भी सैन्य कार्रवाई संभव हो जाती है। इस अधिनियम के लागू होते ही राष्ट्रपति देश के सशस्त्र बलों के सर्वे-सर्वा बन जाते हैं और तय कर सकते हैं कि सैनिक कहां और कब भेजे जाएं।
मार्शल लॉ या कुछ और?
हालांकि, राजद्रोह कानून और मार्शल लॉ में एक बारीक फर्क होता है। मार्शल लॉ में पूरा नियंत्रण सेना के हाथों में चला जाता है, जबकि राजद्रोह कानून में राष्ट्रपति के हाथ में ही प्रशासनिक शक्तियां रहती हैं। इसे एक तरह से "सेलेक्टिव मार्शल लॉ" भी कहा जा सकता है, जहां नागरिक प्रशासन चलता रहता है लेकिन सेना को अंदरूनी हालात काबू करने की इजाजत मिल जाती है।
20 अप्रैल की तारीख क्यों है इतनी अहम?
20 अप्रैल को ट्रंप को रिपोर्ट मिलनी है, जिसमें ये तय किया जाएगा कि देश में सेना की जरूरत है या नहीं। अगर इस रिपोर्ट में सिफारिश की गई, तो संभव है कि उसी दिन या उसके आसपास ट्रंप राजद्रोह कानून लागू कर दें। यही वजह है कि अमेरिका के कई हिस्सों में डर और अटकलों का माहौल बन गया है। कुछ लोग इसे डेमोक्रेसी के लिए खतरे की घंटी मान रहे हैं, तो वहीं ट्रंप समर्थकों का कहना है कि यह देश की सुरक्षा के लिए ज़रूरी कदम है। फिलहाल स्थिति सिर्फ अटकलों और रिपोर्ट्स तक ही सीमित है। लेकिन अगर ट्रंप ने वाकई 1807 का एक्ट लागू कर दिया, तो अमेरिका में राजनीतिक तूफान आना तय है।
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