12,500 साल बाद फिर गूंजी Dire Wolf की हुंकार — ‘गेम ऑफ थ्रॉन्स’ की फैंटेसी बनी रियलिटी! मस्क की एंट्री ने मचाया धमाल
Return of the Dire Wolf: 12,500 साल पहले विलुप्त हो चुके डायर वुल्फ की हुंकार एक बार फिर धरती पर गूंज रही है। जी हां..टेक्सास की कंपनी Colossal Biosciences ने इसे सच कर दिखाया है। 'गेम ऑफ थ्रॉन्स' में मशहूर इन भेड़ियों को प्राचीन DNA और आधुनिक तकनीक के जादू से फिर से जिंदा किया गया है। रोम्यूलस, रीमस और खलीसी नाम के तीन पिल्ले अब इस क्रांतिकारी प्रयोग का पहला चेहरा बने हैं। यह दुनिया का पहला 'डी-एक्सटिंक्शन' है, जिसने सोशल मीडिया से लेकर वैज्ञानिक जगत तक हलचल मचा दी है। एलन मस्क की वायरल पोस्ट ने इसे और चर्चा में ला दिया। आइए, इस रोमांचक कहानी को आसान और मजेदार अंदाज में समझें।
Dire Wolf Returns: जानें कैसे हुआ यह कमाल?
बता दें कि Colossal Biosciences नाम की कंपनी ने 13,000 साल पुराने दांत और 72,000 साल पुरानी खोपड़ी से डायर वुल्फ का DNA निकाला। ग्रे वुल्फ—जो इसका सबसे करीबी रिश्तेदार है—के जीन में CRISPR तकनीक से 14 जगहों पर 20 बदलाव किए गए। इन बदलावों से सफेद फर, बड़ा आकार, मजबूत जबड़े और घना फर जैसे डायर वुल्फ के गुण लाए गए।
You’re hearing the first howl of a dire wolf in over 10,000 years
Back from extinction
using ancient DNA from fossils up to 72,000 years old, Colossal reconstructed a full genome , through precise CRISPR edits, and brought this species to life
pic.twitter.com/jMVtnKtT9m— Science girl (@gunsnrosesgirl3) April 7, 2025
फिर इन संशोधित कोशिकाओं को डोनर अंडों में डाला गया और बड़े कुत्तों की मदद से गर्भाधान कराया गया। नतीजा यह हुआ कि 1 अक्टूबर 2024 को रोम्यूलस और रीमस पैदा हुए, और 30 जनवरी 2025 को खलीसी ने जन्म लिया। इन तीनों को "दुनिया के पहले डी-एक्सटिंक्ट जानवर" का तमगा मिला है।
कौन हैं ये डायर वुल्फ पिल्ले?
रोम्यूलस और रीमस: ये दो नर पिल्ले 6 महीने के हैं। नाम रोम शहर के पौराणिक संस्थापकों से लिया गया है, जिन्हें एक भेड़िया ने पाला था। ये 80 पाउंड के हैं और बड़े होकर 140 पाउंड तक पहुंच सकते हैं।
खलीसी: 2 महीने की मादा पिल्ला, जिसका नाम 'गेम ऑफ थ्रॉन्स' की डेनेरिस टार्गैरियन के टाइटल से प्रेरित है। यह अभी छोटी है, लेकिन अपने भाइयों की तरह मजबूत बनने की राह पर है। बता दें कि ये पिल्ले 2,000 एकड़ के सुरक्षित क्षेत्र में रहते हैं, जहां ड्रोन और 24/7 निगरानी उनकी देखभाल करती है। यह पिल्ले बीफ, हिरन का मांस और खास किबल भोजन के तौर पर खा रहे हैं।
मस्क की एंट्री ने मामले को कैसे बनाया कूल?
दरअसल Colossal ने एक वीडियो शेयर किया था जिसमें रोम्यूलस और रीमस की आवाज़ सुनाई दे रही थी। जिसका कैप्शन कि आवाज बढ़ाइए, 10,000 साल बाद डायर वुल्फ की हुंकार सुनें!" यह वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया। एलन मस्क ने भी इसे रीपोस्ट करते हुए मजेदार अंदाज में लिखा कि "कूल! अब एक मिनी वूली मैमथ पालतू बनाएं।" उन्होंने आयरन थ्रोन पर पिल्लों की AI तस्वीर भी डाली, जो फैंस के बीच हिट हो गई। वहीं 'गेम ऑफ थ्रॉन्स' के लेखक जॉर्ज आर.आर. मार्टिन ने कहा कि"मैं जादू लिखता हूं, लेकिन Colossal ने इसे सच कर दिखाया।
Please make a miniature pet wooly mammoth https://t.co/UxoIWmzq6h
— Elon Musk (@elonmusk) April 7, 2025
डायर वुल्फ(Dire Wolf) की क्या हैं खासियतें?
डायर वुल्फ ग्रे वुल्फ से बड़े और ताकतवर थे। इनके फर हल्के और घने थे, जबड़े मजबूत और दांत बड़े—बाइसन और स्लॉथ जैसे जानवरों को चट करने के लिए परफेक्ट। ये आइस एज के शिकारी थे, जो 12,500 साल पहले शिकार की कमी से विलुप्त हो गए। अब इन पिल्लों में उनके कुछ जीन फिर से जिंदा हैं, हालांकि ये पूरी तरह "शुद्ध" डायर वुल्फ नहीं हैं।
डी-एक्सटिंक्शन तकनीक का जादू
Colossal के CEO बेन लैम ने बताया कि यह तकनीक जादू से कम बिल्कुल नहीं है। हमने न सिर्फ डायर वुल्फ को वापस लाया, बल्कि संरक्षण के लिए नई राह खोली।" कंपनी अब ऊनी मैमथ, तस्मानियन टाइगर और डोडो को भी लाने की तैयारी में है। साथ ही, लुप्तप्राय रेड वुल्फ को बचाने के लिए भी क्लोनिंग कर रही है। मगर सवाल है—क्या ये पिल्ले सचमुच डायर वुल्फ हैं? विशेषज्ञ कहते हैं कि जीन बदलाव के बावजूद इनका व्यवहार जंगल के डायर वुल्फ जैसा नहीं होगा, क्योंकि ये कृत्रिम माहौल में पल रहे हैं।
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