‘डिपोर्ट एलन मस्क’: ट्रम्प की परछाई बन चुके मस्क पर फूटा अमेरिका का गुस्सा! सड़कों पर उतरे हजारों लोग
Hands Off Protest In US Against Donald Trump: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प और उनके करीबी सलाहकार, डिपार्टमेंट ऑफ गवर्नमेंट एफिशिएंसी (DOGE) के प्रमुख एलन मस्क के खिलाफ हजारों लोग सड़कों पर उतर आए हैं। अमेरिका में 50 से ज्यादा राज्यों में मानवाधिकार संगठन, श्रमिक संघ, LGBTQ समुदाय, एक्टिविस्ट और आम नागरिकों ने "हैंड्स ऑफ!" रैलियां निकालीं। बता दें कि प्रदर्शनकारियों का गुस्सा अवैध प्रवासन नीतियों, अर्थव्यवस्था के बिगड़ते हालात और मानवाधिकारों के कथित उल्लंघन को लेकर था। सबसे चौंकाने वाली मांग? "एलन मस्क को डिपोर्ट करो!" यह नारा तख्तियों पर लिखा था, जो लोगों के हाथों में लहरा रहा था। ट्रम्प और मस्क पर देश को "टुकड़ों में बांटने" का आरोप लगाते हुए प्रदर्शनकारी साफ कह रहे थे कि ये दोनों मिलकर अमेरिका को तबाह कर रहे हैं।
एलन मस्क को डिपोर्ट क्यों करना चाहते हैं लोग?
दुनिया के सबसे अमीर शख्स और ट्रम्प के दाहिने हाथ एलन मस्क अब प्रदर्शनकारियों के निशाने पर हैं। DOGE के जरिए मस्क सरकारी खर्च में कटौती, विभागों को बंद करने और शिक्षा नीतियों में बदलाव जैसे फैसले ले रहे हैं। लोग कहते हैं कि ये नीतियां देश की बुनियाद को कमजोर कर रही हैं। नेशनल मॉल से लेकर कोलंबस, ओहायो के स्टेटहाउस तक प्रदर्शनकारी चिल्ला रहे थे कि मस्क एक अप्रवासी हैं, जिन्हें अमेरिका से बाहर करना चाहिए।
उनका तर्क है कि मस्क जो खुद दक्षिण अफ्रीका से आए थे, अब प्रवासियों के खिलाफ नीतियां बना रहे हैं और अमेरिकी लोकतंत्र को नुकसान पहुंचा रहे हैं। "हमने ट्रम्प को वोट दिया, मस्क को नहीं," एक प्रदर्शनकारी की तख्ती पर लिखा था। मस्क का बढ़ता दखल और ट्रम्प का उन पर भरोसा लोगों को नागवार गुजर रहा है।
ट्रम्प की नीतियों से LGBTQ समुदाय क्यों खफा?
प्रदर्शनकारियों का कहना है कि ट्रम्प प्रशासन की नीतियां न सिर्फ अर्थव्यवस्था को चौपट कर रही हैं, बल्कि मानवाधिकारों की धज्जियां भी उड़ा रही हैं। नेशनल मॉल की रैली में ह्यूमन राइट्स कैंपेन की अध्यक्ष केली रॉबिन्सन ने कहा, "ये हमले सिर्फ राजनीतिक नहीं, व्यक्तिगत हैं। वे हमारी किताबों पर बैन लगा रहे हैं, HIV रोकथाम की फंडिंग काट रहे हैं, हमारे डॉक्टरों और शिक्षकों को अपराधी बना रहे हैं।
LGBTQ समुदाय खास तौर पर गुस्से में है। उनका आरोप है कि प्रशासन जेंडर-विरोधी नीतियों को बढ़ावा दे रहा है, जिससे उनके अधिकार और रोजमर्रा की जिंदगी पर असर पड़ रहा है। रैली में डेमोक्रेटिक सांसदों ने भी शिरकत की, और ट्रम्प की नीतियों को "भेदभावपूर्ण" करार दिया।
प्रदर्शनकारी क्या चाहते हैं?
अमेरिका की सड़कों पर "हैंड्स ऑफ आवर डेमोक्रेसी" और "हैंड्स ऑफ आवर सोशल सिक्योरिटी" जैसे नारे गूंज रहे हैं। बोस्टन की मेयर मिशेल वू ने कहा कि "मैं नहीं चाहती कि मेरे बच्चे ऐसे देश में बड़े हों, जहां सरकार डर से चलती हो और आप्रवासियों को अपराधी समझा जाए।" प्रदर्शनकारी चाहते हैं कि ट्रम्प और मस्क अपनी नीतियां बदलें—चाहे वह हजारों सरकारी नौकरियों की छंटनी हो, सोशल सिक्योरिटी ऑफिस बंद करना हो, या बड़े पैमाने पर डिपोर्टेशन की योजना। पाम बीच गार्डन्स, फ्लोरिडा से लेकर लॉस एंजिल्स तक, लोग सड़कों पर थे। उनकी मांग साफ थी: समान अधिकार, लोकतंत्र की रक्षा और ट्रम्प-मस्क की जोड़ी से देश को बचाना। यह जनाक्रोश ट्रम्प के दूसरे कार्यकाल में पहली बार इतने बड़े स्तर पर उभरा है जो आने वाले दिनों में और तेज हो सकता है।
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