कोविड-19 लैब-लीक थ्योरी को किसने दबाया? अमेरिका की नई वेबसाइट से हुआ चौंकाने वाला खुलासा!
कोविड-19 लैब-लीक थ्योरी: व्हाइट हाउस ने 18 अप्रैल 2025 को अपनी कोविड-19 वेबसाइट को अपडेट कर एक नया पेज लॉन्च किया, जो कोविड-19 के वुहान लैब-लीक थ्योरी को "सच्चाई" बता रहा है। बता दें कि इस पेज पर पूर्व राष्ट्रपति जो बाइडेन और डॉ. एंथनी फौसी पर वायरस की उत्पत्ति को छिपाने का सनसनीखेज आरोप लगाया गया है। वेबसाइट का दावा है कि SARS-CoV-2 वुहान की एक लैब से लीक हुआ मानव निर्मित वायरस है। यह कदम कोविड की उत्पत्ति पर लंबी बहस को फिर से हवा दे रहा है, जबकि वैज्ञानिक और खुफिया एजेंसियाँ अभी भी इस पर बंटी हुई हैं। आइए, इस मामले को सरल भाषा में समझने का प्रयास करते हैं।
व्हाइट हाउस की नई वेबसाइट ने क्या दावा किया?
दरअसल व्हाइट हाउस ने कोविड-19 की जानकारी देने वाली वेबसाइट Covid.gov को बदलकर एक नया पेज लॉन्च किया, जिसका बैनर है: "लैब लीक, कोविड-19 की असली उत्पत्ति।" इसमें राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प की तस्वीर के साथ दावा किया गया कि वुहान की एक लैब से वायरस लीक हुआ।
पेज पर पाँच तर्क दिए गए हैं:
- 1.वुहान में चीन की सबसे बड़ी SARS रिसर्च लैब है।
- 2.वहाँ कमजोर बायोसेफ्टी मानकों पर गेन-ऑफ-फंक्शन रिसर्च हुई।
- 3.2019 में लैब के शोधकर्ता कोविड जैसे लक्षणों से बीमार थे।
- 4.सभी कोविड मामले एक ही स्रोत से शुरू हुए, जो प्राकृतिक फैलाव के खिलाफ है।
- 5.प्राकृतिक उत्पत्ति का कोई पक्का सबूत नहीं मिला।
वहीं वेबसाइट का कहना है कि बाइडेन प्रशासन और फौसी ने "प्राकृतिक उत्पत्ति" की कहानी को बढ़ावा देकर लैब-लीक थ्योरी को दबाया।
बाइडेन और फौसी पर आरोप: "सच्चाई छिपाई"
वेबसाइट का आरोप है कि बाइडेन प्रशासन ने "विलंब, भ्रम और गैर-जवाबदेही" की नीति अपनाकर लैब-लीक की जांच रोकी। इसमें दावा किया गया कि फौसी ने 2020 में प्रकाशित "द प्रॉक्सिमल ओरिजिन ऑफ SARS-CoV-2" पेपर को प्रायोजित किया, जो प्राकृतिक उत्पत्ति का समर्थन करता था और लैब-लीक थ्योरी को खारिज करता था। व्हाइट हाउस का कहना है कि फौसी ने इसे "पसंदीदा कथानक" के तौर पर बढ़ाया। साथ ही, बाइडेन द्वारा फौसी को दी गई माफी को "अपराध की स्वीकारोक्ति" बताया गया। वेबसाइट मास्क, लॉकडाउन और वैक्सीन नीतियों की भी आलोचना करती है।
लैब-लीक थ्योरी क्या है?
लैब-लीक थ्योरी का दावा है कि SARS-CoV-2 वुहान इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी (WIV) से गलती से लीक हुआ। WIV दशकों से चमगादड़ों के कोरोनावायरस पर शोध कर रहा था, जो वुहान के हुआनान वेट मार्केट से 40 मिनट की दूरी पर है। समर्थकों का कहना है कि लैब में गेन-ऑफ-फंक्शन रिसर्च (वायरस को अधिक संक्रामक बनाने का अध्ययन) के दौरान यह लीक हुआ होगा। यह थ्योरी पहले "षड्यंत्र" मानी जाती थी, लेकिन FBI, CIA, और डिपार्टमेंट ऑफ एनर्जी ने इसे संभावित बताया, हालाँकि उनके पास पक्के सबूत नहीं हैं।
वैज्ञानिकों का क्या कहना है?
कई वैज्ञानिक प्राकृतिक उत्पत्ति (जानवरों से इंसानों में फैलाव) को ज्यादा संभावित मानते हैं। 2022 की एक स्टडी में वुहान के वेट मार्केट को शुरुआती मामलों का केंद्र बताया गया। WHO का कहना है कि सभी थ्योरियाँ खुली हैं, लेकिन लैब-लीक "बेहद असंभावित" है। जनवरी 2025 में CIA ने लैब-लीक को "अधिक संभावित" कहा, पर "कम विश्वास" के साथ। चीन ने इसे "राजनीतिक बदनामी" करार दिया। वैज्ञानिकों का कहना है कि इस विवाद से भविष्य की महामारियों की रोकथाम पर ध्यान हट रहा है।
मामले पर हो रही राजनीति
X पर लोग इसे "ट्रम्प की जीत" और "फौसी-बाइडेन का पर्दाफाश" बता रहे हैं, जबकि कुछ इसे "प्रोपेगेंडा" कह रहे हैं। कनाडा की वायरोलॉजिस्ट एंजेला रासमुसेन ने इसे "तथ्यात्मक रूप से गलत" और "सार्वजनिक स्वास्थ्य को नुकसान पहुँचाने वाला" बताया। यह कदम ट्रम्प प्रशासन के स्वास्थ्य नीति सुधारों और NIH फंडिंग कटौती के साथ जोड़ा जा रहा है। सवाल यह है कि क्या यह सच्चाई की खोज है या सियासी स्कोर सेटलिंग?
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