चीनी सैनिक रूस के लिए यूक्रेन में लड़ते पकड़े गए? जेलेंस्की के वीडियो ने दुनिया को चौंकाया
रूस और यूक्रेन के बीच चल रही जंग में एक नया मोड़ आ गया है। यूक्रेन पर रूस के लगातार हमलों के बीच यूक्रेनी राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की ने एक वीडियो जारी कर सनसनी फैला दी। उन्होंने दावा किया कि यूक्रेन की सेना ने दो चीनी नागरिकों को पकड़ा है, जो रूसी सेना के साथ मिलकर यूक्रेन के खिलाफ लड़ रहे थे। यह खुलासा न सिर्फ युद्ध की दिशा बदल सकता है, बल्कि अंतरराष्ट्रीय कूटनीति में भी भूचाल ला सकता है। तो क्या है पूरा माजरा? चलिए इसे रोचक अंदाज में समझते हैं।
Our military has captured two Chinese citizens who were fighting as part of the Russian army. This happened on Ukrainian territory—in the Donetsk region. Identification documents, bank cards, and personal data were found in their possession.
We have information suggesting that… pic.twitter.com/ekBr6hCkQL
— Volodymyr Zelenskyy / Володимир Зеленський (@ZelenskyyUa) April 8, 2025
डोनेट्स्क में चीनी सैनिकों के पकड़े जाने का दावा
जेलेंस्की ने सोशल मीडिया पर लिखा,l कि हमारी सेना ने डोनेट्स्क इलाके में रूसी सेना के साथ लड़ते हुए दो चीनी नागरिकों को धर दबोचा। इनके पास पहचान के दस्तावेज, बैंक कार्ड और निजी जानकारी भी बरामद हुई है।" वीडियो में एक शख्स दिख रहा है, जो चीनी भाषा मंदारिन में कुछ बोलता हुआ नजर आ रहा है। यूक्रेन का दावा है कि यह दोनों अब हिरासत में हैं, और सिक्योरिटी सर्विस इसकी तह तक जाने में जुटी है। यह पहली बार है जब यूक्रेन ने आधिकारिक तौर पर चीनियों के रूस के लिए लड़ने की बात कही है।
और भी हैं चीनी फाइटर?
जेलेंस्की ने सनसनीखेज खुलासा यहीं नहीं रोका। उन्होंने आगे कहा कि हमें खुफिया जानकारी मिली है कि इन दो के अलावा रूसी सेना में और भी कई चीनी नागरिक शामिल हैं। हमारी इंटेलिजेंस, सिक्योरिटी सर्विस और सेना की दो यूनिट्स इसकी छानबीन कर रही हैं।" यह बयान अपने आप में बड़ा सवाल खड़ा करता है—क्या चीन चुपके से रूस को सैन्य समर्थन दे रहा है? या ये लोग भाड़े के सैनिक हैं, जो पैसे के लिए लड़ रहे हैं? जेलेंस्की ने कहा कि यूक्रेन ने अपने विदेश मंत्रालय को बीजिंग से जवाब मांगने का निर्देश दिया है। अब दुनिया की नजरें चीन की प्रतिक्रिया पर टिकी हैं।
चीन की "न्यूट्रल" छवि पर भी उठे सवाल?
चीन ने हमेशा खुद को इस जंग में तटस्थ बताया है। बीजिंग और मॉस्को की दोस्ती जगजाहिर है, लेकिन चीन का कहना रहा है कि वह रूस को हथियार या सैन्य मदद नहीं दे रहा। मगर जेलेंस्की का यह दावा चीन की इस "न्यूट्रलिटी" पर बड़ा सवालिया निशान लगा रहा है। जेलेंस्की ने कहा कि रूस का चीन को इस युद्ध में शामिल करना चाहे प्रत्यक्ष हो या परोक्ष यह साफ संकेत है कि पुतिन जंग खत्म करने के मूड में नहीं है।" अगर ये चीनी सैनिक सच में रूस के लिए लड़ रहे हैं, तो क्या यह बीजिंग की मंजूरी से हो रहा है? या यह अनाधिकृत भाड़े के सैनिकों का खेल है? जवाब अभी धुंधला है।
जेलेंस्की ने पुतिन पर किए तीखे जुबानी प्रहार
यह पहली बार नहीं है जब जेलेंस्की ने कुछ ऐसा कहा हो जिससे दुनिया में हड़कंप मच गया हो। हाल ही में पेरिस में एक इंटरव्यू के दौरान उन्होंने दावा किया था कि रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन जल्द ही मर जाएंगे। अब चीनी सैनिकों का यह खुलासा उनके उस बयान को और वजन दे रहा है कि पुतिन हर हाल में जंग को लंबा खींचना चाहते हैं। जेलेंस्की ने अमेरिका, यूरोप और शांति चाहने वाले देशों से इस पर "तुरंत प्रतिक्रिया" देने की मांग की है। उनका कहना है कि यूक्रेन अकेले इतने देशों से नहीं लड़ सकता—पहले ईरान, फिर नॉर्थ कोरिया और अब चीन?
क्या US–चीन ट्रेड वार पर आग में घी डालेगा ये मुद्दा?
यह खबर सिर्फ यूक्रेन-रूस जंग तक सीमित नहीं है। अगर जेलेंस्की का दावा सच साबित हुआ, तो यह अमेरिका-चीन के बीच चल रहे ट्रेड वॉर और तनाव को भी नई आग दे सकता है। ट्रंप ने हाल ही में चीन पर 104% टैरिफ लगाने की बात कही है। ऐसे में यह खुलासा वॉशिंगटन के लिए नया हथियार बन सकता है। दूसरी ओर, रूस पहले ही नॉर्थ कोरिया से सैनिक ले रहा है। अब चीनी नागरिकों की एंट्री इस जंग को वैश्विक रंग दे सकती है। बीजिंग क्या कहेगा, और क्या यूक्रेन के पास और सबूत हैं? अगले कुछ दिन इस कहानी को नया मोड़ दे सकते हैं। तब तक, यह सनसनी सुर्खियों में छाई रहेगी!
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