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पेंटागन ने अपनी रिपोर्ट में किया दावा, 2027 में ताइवान पर होगा चीन का कब्ज़ा

पेंटागन की एक रिपोर्ट में बताया गया है कि चीन की सेना चुपचाप ताइवान पर हमले की तैयारी कर रही है। रिपोर्ट के मुताबिक, चीन 2027 तक अपनी सेना आधुनिक करेगा।
04:07 PM Dec 19, 2024 IST | Vyom Tiwari
चीन-ताइवान विवाद

Pentagon Report on China: अमेरिका के पेंटागन की एक नई रिपोर्ट में दावा किया गया है, पेंटागन ने चीन को लेकर एक बड़ा खुलासा हुआ है। चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने कुछ समय पहले ताइवान पर कब्जा करने के लिए किसी भी प्रकार के बल प्रयोग से मना किया था, लेकिन पेंटागन की रिपोर्ट के मुताबिक, चीन की सेना गुपचुप तरीके से ताइवान पर हमले की तैयारी कर रही है।

रिपोर्ट में यह भी कहा गया कि चीन की सेना 2027 तक अपने सैन्य बलों को और ज्यादा आधुनिक बनाने का लक्ष्य रखती है। इसके तहत, चीन अपनी खुफिया जानकारी, मशीनीकरण और सैन्य उपकरणों के एकीकरण पर तेजी से काम कर रहा है। साथ ही, चीन अपने सैन्य सिद्धांत, कर्मियों, हथियारों और अन्य उपकरणों को भी आधुनिक बनाने की कोशिश कर रहा है। हालांकि, रिपोर्ट में यह भी कहा गया कि भ्रष्टाचार के कारण इन लक्ष्यों की प्रगति में रुकावट आ सकती है।

2027 तक ताइवान पर हमले को रहें तैयार - रिपोर्ट

चीन की सेना में भ्रष्टाचार बढ़ने की वजह से शी जिनपिंग को कई वरिष्ठ अधिकारियों को हटाना पड़ा है। इसके कारण 2027 तक सेना के आधुनिकीकरण का जो लक्ष्य था, वह अब मुश्किल में पड़ गया है। हालांकि, CIA प्रमुख और अन्य अमेरिकी अधिकारियों का कहना है कि शी जिनपिंग ने अपनी सेना को 2027 तक ताइवान पर हमला करने के लिए तैयार रहने का आदेश दिया था। इसी कारण चीन की सेना अपनी ताकत तेजी से बढ़ाने में जुटी हुई है।

चीन तेज़ी से न्यूक्लियर हथियार बढ़ा रहा - पेंटागन

पेंटागन ने बताया है कि चीन अपनी न्यूक्लियर ताकत को बढ़ा रहा है। हालांकि भ्रष्टाचार की वजह से चीन की सेना कमजोर हुई है फिर भी उसने अपने परमाणु शस्त्रागार को बढ़ाने में बड़ी सफलता हासिल की है। रिपोर्ट के मुताबिक चीन ने पिछले साल अपने परमाणु हथियारों में कम से कम 100 नए हथियार जोड़े हैं और उसका लक्ष्य है कि 2030 तक इनकी संख्या लगभग 1000 हो जाए।

चीनी सेना में भ्रष्टाचार बना मुसीबत की जड़ 

अमेरिका के रक्षा अधिकारियों ने मीडिया ब्रीफिंग में कहा कि भ्रष्टाचार की वजह से चीन की सेना पर काफी असर पड़ा है। सीनियर अधिकारियों को हटाने और बदलने के कारण डिफेंस इंडस्ट्री और मिलिट्री प्रोजेक्ट्स की गति धीमी हो गई है। रिपोर्ट में यह भी बताया गया कि चीन की रॉकेट फोर्स, जो PLA की एक खास यूनिट है और उन्नत पारंपरिक व परमाणु मिसाइलों की देखरेख करती है, वहां से कई अधिकारियों को हटाया गया है।

PLA की रॉकेट फ़ोर्स बनी जिनपिंग का भरोसा!

एक रिपोर्ट के मुताबिक, सेना में फैले भ्रष्टाचार के खुलासों के बावजूद चीन की सरकार को PLA (पीपुल्स लिबरेशन आर्मी) पर विश्वास बढ़ा है, खासकर उसकी रॉकेट फोर्स की ताकत के कारण। भ्रष्टाचार विरोधी अभियान के बावजूद PLA ने अपने आधुनिकीकरण में बड़ी प्रगति की है। यही कारण है कि माना जा रहा है कि अगर PLA 2027 तक अपने निर्धारित आधुनिकीकरण लक्ष्यों को पूरा कर लेता है, तो चीन PLA को ताइवान पर नियंत्रण हासिल करने के लिए एक मजबूत और भरोसेमंद सैन्य ताकत बना सकता है।

अगले 5 साल चीन नहीं करेगा हमला: ताइवानी 

अक्टूबर में ताइवान के एक प्रमुख सैन्य थिंक टैंक द्वारा किए गए एक सर्वे में यह सामने आया कि अधिकांश ताइवानी मानते हैं कि अगले 5 सालों में चीन के हमले की संभावना नहीं है, लेकिन वे बीजिंग को एक गंभीर खतरे के रूप में देखते हैं। पिछले 5 सालों में चीन की सेना ने ताइवान के आसपास अपनी गतिविधियां काफी बढ़ा दी हैं। बीजिंग ने ताइवान के मामले में कई बार आक्रामक रुख अपनाया है और माना जा रहा है कि वह अपनी सैन्य ताकत बढ़ाकर ताइवान पर कब्जा करने के लिए बल का इस्तेमाल कर सकता है।

 

 

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