नेशनलराजनीतिमनोरंजनखेलहेल्थ & लाइफ स्टाइलधर्म भक्तिटेक्नोलॉजीइंटरनेशनलबिजनेसआईपीएल 2025चुनाव

मालिक को मानाने बीजिंग पहुंचे पाकिस्तानी राष्ट्रपति, चीनी नागरिकों पर हमले से नाखुश है जिनपिंग

बलूचिस्तान में सीपीईसी प्रोजेक्ट पर लगातार हमलों को लेकर चीन नाखुश है। इस पर चीन को मनाने के लिए पाकिस्तान के राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी बीजिंग पहुंचे हैं।
11:35 AM Feb 06, 2025 IST | Vyom Tiwari

पाकिस्तान में हाल के दिनों में चीनी नागरिकों और चीनी प्रोजेक्ट्स पर कई आतंकी हमले हुए हैं, जिससे बीजिंग काफी नाराज है। चीन लगातार पाकिस्तान पर दबाव बना रहा है कि वह अपने नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित करे। रिपोर्ट्स के मुताबिक, चीन ने पाकिस्तान को धमकी दी है कि अगर हालात नहीं सुधरे, तो वह अपने प्रोजेक्ट्स को रोक सकता है। इस तनावपूर्ण स्थिति के बीच पाकिस्तान के राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी चीन को मनाने के लिए बीजिंग पहुंचे हैं। वहां उन्होंने चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग से मुलाकात की। पाकिस्तानी मीडिया के अनुसार, इस बैठक के दौरान जरदारी ने शी जिनपिंग को यह भरोसा दिलाया कि पाकिस्तान में आतंकी हमले, दोनों देशों के पुराने और मजबूत रिश्तों को खराब नहीं कर सकते।

बैठक के दौरान दोनों नेताओं ने कहा कि चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारे (CPEC) के अगले चरण पर काम जारी है, जो अरबों डॉलर का है। द एक्सप्रेस ट्रिब्यून की रिपोर्ट के अनुसार, ग्रेट हॉल ऑफ द पीपल में इस बैठक में सुरक्षा मुद्दों और आर्थिक सहयोग पर चर्चा हुई। यह बैठक पाकिस्तान में सीपीईसी से जुड़े चीनी नागरिकों की सुरक्षा को लेकर बीजिंग की बढ़ती चिंता के बीच हुई है। पिछले तीन सालों में पाकिस्तान में चीनी परियोजनाओं को निशाना बनाकर कई हमले हुए हैं।

आतंकी हमलों के कारण चीन और पाकिस्तान के रिश्तों में आई खटास?

पाकिस्तान के राष्ट्रपति जरदारी ने चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग से मुलाकात के दौरान यह माना कि आतंकी हमलों के कारण चीन और पाकिस्तान के रिश्तों में कुछ उतार-चढ़ाव आए हैं। लेकिन उन्होंने द्विपक्षीय साझेदारी के लिए अपना पूरा समर्थन भी जताया। जरदारी ने कहा, "पाकिस्तान और चीन हमेशा के लिए दोस्त रहेंगे, सदाबहार दोस्त।" उन्होंने यह भी कहा, "चाहे दुनिया में कितनी भी समस्याएं उठें, हम हमेशा खड़े रहेंगे, और पाकिस्तानी लोग चीन के लोगों के साथ हमेशा खड़े रहेंगे।"

दोनों नेताओं ने CPEC के पार्ट-2 पर चर्चा की, जिसे अब CPEC 2.0 कहा जा रहा है। इसमें पहले से मौजूद परिवहन बुनियादी ढांचे और ऊर्जा परियोजनाओं के अलावा, औद्योगिकीकरण, कृषि सुधार और क्षेत्रीय साझेदारी को भी शामिल किया गया है। CPEC प्रोजेक्ट, चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग की बेल्ट एंड रोड इनिशिएटिव (BRI) का हिस्सा है। रिपोर्ट के अनुसार, 2 घंटे की बैठक में चीन ने पाकिस्तानी पुलिस को आधुनिक बनाने के लिए चीनी अधिकारियों से ट्रेनिंग देने का प्रस्ताव रखा। इसके साथ ही, पाकिस्तान की नेशनल पुलिस एकेडमी भी चीन के साथ मिलकर काम करेगी।

चीन आतंकी हमलों से काफी नाराज

पाकिस्तानी एक्सपर्ट्स के अनुसार, चीन आतंकी हमलों से काफी नाराज है। चीन ने CPEC प्रोजेक्ट में 50 अरब डॉलर से ज्यादा का निवेश किया है, लेकिन इन हमलों की वजह से यह प्रोजेक्ट खतरे में पड़ गया है। तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (TTP) और बलूच लिबरेशन आर्मी (BLA) लगातार चीनी प्रोजेक्ट्स और चीनी निवेश को निशाना बना रहे हैं। इससे चीन बहुत परेशान है और उसने पाकिस्तान में अपने सैनिकों को भेजने की पेशकश की है, ताकि अपनी परियोजनाओं और नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित कर सके। खबरें ये भी हैं कि PLA (चीन की सेना) के कई अधिकारी पाकिस्तान में मौजूद हैं।

पाकिस्तानी मीडिया के अनुसार, एक बैठक के दौरान चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने कहा, "चीन और पाकिस्तान ने CPEC के निर्माण और कई अन्य क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाकर दोनों देशों के रिश्तों का एक आदर्श स्थापित किया है।" इस बैठक में, दोनों नेताओं ने पाकिस्तान के सबसे बड़े ग्वादर में चीन द्वारा फंड किए गए 230 मिलियन डॉलर के हवाई अड्डे के हाल ही में उद्घाटन का भी जश्न मनाया।

CPEC के कई प्रोजेक्ट चीन ने किया बंद 

CPEC (चाइना-पाकिस्तान इकोनॉमिक कॉरिडोर) प्रोजेक्ट का एक बड़ा हिस्सा बलूचिस्तान में है, जहां वर्षों से आज़ादी की लड़ाई चल रही है। पाकिस्तानी सेना ने सैकड़ों बलूचों को मार डाला है और कई बलूच लोग हमेशा के लिए लापता हो गए हैं। हाल ही में बलूचों ने कई बड़े हमले किए हैं, जिससे चीन नाराज हो गया है और उसने कुछ प्रोजेक्ट्स को रोक दिया है। ग्वादर शिपिंग पोर्ट और हवाई अड्डे का निर्माण भी सीपीईसी प्रोजेक्ट का हिस्सा है। इसका उद्देश्य पाकिस्तान को चीन के शिनजियांग इलाके से जोड़ना है, ताकि अरब सागर से व्यापार का रास्ता आसान हो सके।

हालांकि जरदारी ने चीनी राष्ट्रपति को सुरक्षा के मुद्दों पर भरोसा दिलाने की कोशिश की है, लेकिन इस बात की संभावना बहुत कम है कि पाकिस्तान में आतंकी हमले कम होंगे। बलूचिस्तान पूरी तरह से अशांत हो चुका है, और वहाँ की हालत ऐसी हो गई है जैसे यह एक जेल हो। बलूचिस्तान लिबरेशन आर्मी (बीएलए) ने स्पष्ट रूप से कहा है कि जब तक चीनी परियोजनाओं को बंद नहीं किया जाता, तब तक हमले जारी रहेंगे। पाकिस्तानी सेना भी बीएलए और तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (टीटीपी) के खिलाफ अभियान चला रही है। यह संघर्ष हर दिन जारी है, और पिछले हफ्ते भी टीटीपी के हमले में पाकिस्तानी सेना के 17 जवान मारे गए हैं।

 

यह भी पढ़े:

Tags :
BalochistanChina PakistanChina Pakistan newsChina-Pakistan RelationsChinese projects in PakistanCPECCPEC in BalochistanCPEC projectsCPEC securityCPEC security threatspakistan chinapakistan china diplomatic relationspakistan terrorist attacksSecurity Concernssecurity concerns in pakistanTERRORIST ATTACKSterrorist attacks on CPECचीनी नागरिकों पर हमलेपाकिस्तान में चीनी निवेशपाकिस्तान सुरक्षाबलूचिस्तानशी जिनपिंगसीपीईसी

ट्रेंडिंग खबरें

Next Article