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भारत के ‘चिकन नेक’ के पास पकड़ बना रहा चीन, भूटान की जमीन पर बसा दिए 22 गांव, टेंशन में आया भारत

डोकलाम के पास चीन ने 22 गांव बसा दिए है का यह निर्माण भारत के लिए सुरक्षा के लिहाज से चिंता का कारण है, क्योंकि यह इलाका सिलीगुड़ी कॉरिडोर, के पास है।
06:05 PM Dec 19, 2024 IST | Vyom Tiwari

China Construction near Bhutan Doklam: चीन ने पिछले 8 सालों में भूटान के हिस्से में कम से कम 22 गांव और बस्तियां बसाई हैं। हिंदुस्तान टाइम्स की एक रिपोर्ट के मुताबिक, सैटेलाइट तस्वीरों से पता चला है कि इनमें से 8 गांव 2020 के बाद डोकलाम पठार के पास बनाए गए हैं, जो रणनीतिक रूप से बहुत अहम क्षेत्र है।

रिपोर्ट में बताया गया है कि ये 8 गांव भूटान के पश्चिमी इलाके में हैं और या तो चीन के दावे वाले हिस्से की घाटियों में स्थित हैं या उसके ऊंचाई वाले इलाकों में हैं। इन गांवों में से कई चीन की सैन्य चौकियों और ठिकानों के पास हैं।

भूटान सीमा पर चीन तेज़ी से कर रहा निर्माण 

डोकलाम के पास चीन द्वारा हो रहे निर्माण से भारत की सुरक्षा को लेकर चिंता बढ़ रही है। यह इलाका सिलीगुड़ी कॉरिडोर के पास है, जिसे 'चिकन नेक' भी कहा जाता है। चिकन नेक ज़मीन का एक पतला हिस्सा है, जो भारत के पूर्वोत्तर राज्यों को देश के बाकी हिस्सों से जोड़ता है। यह भारत के लिए बहुत अहम है क्योंकि चीन भूटान के पास अपनी गतिविधियों को बढ़ाकर इस इलाके पर दबाव बनाने की कोशिश कर रहा है। अगर यह हिस्सा कमजोर पड़ता है, तो भारत के पूर्वोत्तर हिस्सों में चीन का प्रभाव बढ़ सकता है। 2017 में डोकलाम विवाद के बाद से ही इस क्षेत्र की सुरक्षा भारत के लिए और भी महत्वपूर्ण हो गई है।

2017 में डोकलाम को लेकर भारत और चीन के बीच 73 दिनों तक तनाव चला था। उस समय भारत ने चीन को वहां सड़क बनाने से रोका था क्योंकि यह सड़क चीन को पठार के दक्षिणी हिस्से तक पहुंचने में मदद करती। काफी बातचीत और विवाद के बाद दोनों देशों की सेनाएं विवादित जगह से पीछे हट गईं। लेकिन हाल के सालों में चीन ने डोकलाम के आसपास, भूटान की जमीन पर तेजी से निर्माण शुरू कर दिया है। भूटान ने अपने इलाके में चीन की मौजूदगी से इनकार किया है, लेकिन डोकलाम के पास चीन की ये हरकत भारत के लिए चिंता का कारण बन सकती है।

भूटान के हिस्से पर चीन ने बसाये 22 गांव 

रिपोर्ट के मुताबिक, इन 22 गांवों में से सबसे बड़ा गांव जीवू है। इसे भूटान के पारंपरिक चरागाह क्षेत्र जिसे शेथांगखा कहा जाता है, वहां बसाया गया है। यह इलाका भूटान के पश्चिमी क्षेत्र का हिस्सा है।

2016 से चीन ने भूटान की उस जमीन पर गांव बसाने शुरू कर दिए, जिसे भूटान का हिस्सा माना जाता था। अब तक चीन ने इस इलाके में 22 गांव और बस्तियां बना ली हैं। इन गांवों में 2284 घर बनाए गए हैं, जिनमें लगभग 7,000 लोगों को बसाया गया है। ये इलाके पहले निर्जन हुआ करते थे। यह जानकारी हाल ही में रॉबर्ट बार्नेट के एक अध्ययन से सामने आई है, जो स्कूल ऑफ ओरिएंटल एंड अफ्रीकन स्टडीज (SOAS) से जुड़े एक शोधकर्ता हैं। इस अध्ययन का हवाला हिंदुस्तान टाइम्स की रिपोर्ट में दिया गया है।

चीन ने भूटान की 2% ज़मीन पर कब्जा जमाया 

एक रिपोर्ट में खुलासा हुआ है कि चीन ने भूटान की सीमा में आने वाले करीब 825 स्क्वायर किलोमीटर इलाके पर कब्जा कर लिया है। यह क्षेत्र भूटान के कुल क्षेत्रफल का लगभग 2% हिस्सा है। इस कब्जे वाले इलाके में चीन ने गांव बसाए हैं, जहां उसने अधिकारियों, निर्माण कर्मियों, बॉर्डर पुलिस और सैनिकों को तैनात किया है। इन गांवों को चीन के अन्य शहरों और कस्बों से सड़क के जरिए जोड़ा गया है। यह कदम चीन की कूटनीति और विस्तारवादी नीति का हिस्सा माना जा रहा है।

 

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