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भारत के साथ संबंध सुधारेगा कनाडा, पीएम मार्क कॉर्नी ने उठाए बड़े कदम

कनाडा के मौजूदा प्रधानमंत्री मार्क कार्नी ने शपथ लेने से पहले ही यह स्पष्ट कर दिया था कि यदि वह प्रधानमंत्री बने तो उनका प्राथमिक उद्देश्य भारत के साथ रिश्तों को सुधारना होगा।
02:37 PM Mar 31, 2025 IST | Sunil Sharma

कनाडा और भारत के रिश्तों में पिछले कुछ सालों में खटास आई थी, खासकर जस्टिन ट्रूडो के कार्यकाल के दौरान। हालांकि अब कनाडा के नए प्रधानमंत्री मार्क कार्नी भारत के साथ अच्छे और मजबूत संबंध बनाए रखने के लिए जरूरी कदम उठा रहे हैं। उन्होंने अपने मंत्रिमंडल में भारतीय मूल की दो महिलाओं को जगह दी है, जो इस बात का संकेत हैं कि उनका भारत के साथ रिश्ते सुधारने का संकल्प मजबूत है। उनके साथी मंत्री भी दोनों देशों के बीच अच्छे संबंधों के पक्षधर बताए जा रहे हैं।

कनाडा सरकार में भारतीय मूल के लोगों को मिला अहम स्थान

मार्क कार्नी की कैबिनेट में मंत्री अनीता आनंद, जो कि भारतीय मूल की हैं, ने खुले तौर पर कहा कि वह उन देशों के साथ अच्छे संबंधों को बढ़ावा देने की पक्षधर हैं, जिनके लोग कनाडा में आकर बसे हैं। अनीता ने बताया कि उनकी मातृभूमि भारत है, और उनके लिए यह जरूरी है कि भारत के साथ रिश्ते सकारात्मक और मित्रवत रहें। अनीता आनंद, जो वर्तमान में इनोवेशन, साइंस और इंडस्ट्री मिनिस्टर हैं, प्रधानमंत्री मार्क कार्नी के करीबी सहयोगी मानी जाती हैं। उनके माता-पिता दोनों भारतीय हैं, और उनकी मां का परिवार अमृतसर से है, जबकि उनके पिता तमिलनाडु से हैं।

भारत के प्रति मार्क कार्नी ने अपनाया नरम रुख

कनाडा के मौजूदा प्रधानमंत्री मार्क कार्नी ने शपथ लेने से पहले ही यह स्पष्ट कर दिया था कि यदि वह प्रधानमंत्री बने तो उनका प्राथमिक उद्देश्य भारत के साथ रिश्तों को सुधारना होगा। उन्होंने हाल ही में कहा कि कनाडा उन देशों के साथ व्यापार बढ़ाने पर विचार कर रहा है, जिनके साथ हमारे विचार और दृष्टिकोण मिलते हैं, और भारत के साथ रिश्ते सुधारने का यह एक बेहतरीन अवसर है।

खालिस्तान से जुड़े कुछ मुद्दों के चलते हुआ था भारत और कनाडा के बीच तनाव

भारत और कनाडा के बीच रिश्तों में तनाव की मुख्य वजह खालिस्तानी आतंकी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या को लेकर हुआ विवाद था। जस्टिन ट्रूडो ने भारत पर इस हत्या का आरोप लगाया था, जिसके बाद दोनों देशों के बीच स्थितियां बिगड़ने लगीं। भारत ने इन आरोपों को निराधार बताया और इसके बाद कनाडा और भारत के रिश्तों में खटास और तनाव बढ़ता गया।

जस्टिन ट्रूडो के बुरे दिन और लिबरल पार्टी की रणनीति

जस्टिन ट्रूडो द्वारा भारत के खिलाफ बयानबाजी और सख्त कदम उठाए जाने का उनके राजनीतिक करियर पर भी बुरा असर पड़ा। उनके आलोचक बढ़ गए और पार्टी में अविश्वास का माहौल बना। इसके साथ ही डोनाल्ड ट्रंप ने कनाडा पर टैरिफ लगाने का ऐलान किया, जिससे कनाडा की आर्थिक स्थिति पर भी असर पड़ा। जस्टिन ट्रूडो की नीति से न केवल कनाडा की आंतरिक राजनीति में समस्याएं आईं, बल्कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी कनाडा को नुकसान उठाना पड़ा। इसके परिणामस्वरूप, लिबरल पार्टी ने भी यह महसूस किया कि भारत के साथ संबंधों में तनाव से कोई सकारात्मक परिणाम नहीं निकल सकता। इस बीच, प्रधानमंत्री मार्क कार्नी का भारत के प्रति सकारात्मक दृष्टिकोण उनके रिश्तों को सुधारने की दिशा में एक कदम आगे बढ़ने का संकेत है।

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