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दुनिया को मिलने वाला है नया देश? बोगनविले ने क्यों लगाई ट्रंप से आजादी दिलवाने की गुहार ?

बोगनविले द्वीप ने ट्रंप को आज़ादी के बदले खनिज संसाधनों का प्रस्ताव दिया है, जिससे अमेरिका-चीन के बीच तनाव बढ़ सकता है।
02:24 PM Apr 20, 2025 IST | Vyom Tiwari

दुनिया के नक्शे पर जल्द ही एक नया देश उभर सकता है – नाम होगा बोगनविले। ये इलाका सोलोमन आइलैंड्स के पास है, और इसकी आज़ादी की राह अब अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से होकर गुजरती है। अगर ट्रंप ने हामी भर दी, तो ये छोटा सा खूबसूरत द्वीप साल 2027 तक खुद को एक आज़ाद देश घोषित कर सकता है।

लेकिन कहानी में ट्विस्ट भी है। बोगनविले के राष्ट्रपति इश्माएल तोरोमा के एक हालिया बयान ने दुनिया भर की नजरें खींच ली हैं। उनके बयान के बाद ये डर और बढ़ गया है कि आने वाले वक्त में ये इलाका चीन और अमेरिका के बीच टकराव का नया मैदान बन सकता है। ये द्वीप जितना शांत और सुंदर दिखता है, आने वाला वक्त उतना ही तूफानी हो सकता है।

बोगनविले ने की आजादी की मांग 

बोगनविले द्वीप के राष्ट्रपति ने अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को एक खास ऑफर दिया है। उन्होंने कहा है कि अगर ट्रंप अमेरिका की मदद से बोगनविले को पापुआ न्यू गिनी से आज़ादी दिलवाते हैं, तो इसके बदले में बोगनविले अपने खनिज संसाधनों का अधिकार अमेरिका को दे देगा।

अगर ट्रंप इस प्रस्ताव को मान लेते हैं, तो बोगनविले एक नया देश बन सकता है। लेकिन इस कदम से उस इलाके में चीन और अमेरिका के बीच तनातनी भी बढ़ सकती है।

कहां है बोगनविले और क्या है इसका इतिहास?

बोगनविले को लेकर चीन परेशान क्यों है, ये समझने से पहले इसका इतिहास और इसका नक्शे पर कहां है, ये जानना जरूरी है।

साल 1975 में बोगनविले ने खुद को एक आज़ाद देश – "नॉर्दर्न सोलोमन रिपब्लिक" – घोषित कर दिया था। लेकिन ज्यादा वक्त तक ये आज़ादी टिक नहीं पाई। अगले ही साल, यानी 1976 में पापुआ न्यू गिनी ने इस पर फिर से कब्जा कर लिया।

इसके बाद हालात और बिगड़ गए। 1988 में यहां भीषण गृह युद्ध छिड़ गया, जो करीब 10 साल तक चला। 1997 में बातचीत और मध्यस्थता के बाद ये संघर्ष रुका। साल 2001 में एक शांति समझौता हुआ, जिसमें तय किया गया कि बोगनविले में आज़ादी को लेकर जनमत संग्रह कराया जाएगा। फिर 2019 में जनमत संग्रह हुआ और ज़्यादातर लोगों ने आज़ादी के पक्ष में वोट किया हालांकि पापुआ न्यू गिनी की संसद ने अभी तक बोगनविले की आजादी को औपचारिक रूप से मंजूरी नहीं दी है। और बोगनविले के लोग अब भी उस पल का इंतज़ार कर रहे हैं।

अमेरिका और चीन के बीच बढ़ सकता है तनाव?

प्रशांत महासागर में मौजूद एक छोटा सा द्वीप बोगनविले आजादी का इंतजार कर रहा है। इसी बीच, बोगनविले के राष्ट्रपति ने अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को एक अनोखा प्रस्ताव दिया है। उन्होंने ट्रंप से इस द्वीप में निवेश करने की अपील की है।

बोगनविले में तांबा, सोना, चांदी, निकल और कोबाल्ट जैसी कीमती धातुओं की भरमार है। माना जा रहा है कि ट्रंप को इन खदानों में खास दिलचस्पी हो सकती है। इसके अलावा, बोगनविले की जगह भी रणनीतिक रूप से काफी अहम मानी जा रही है। ये द्वीप सोलोमन आइलैंड्स के पास स्थित है, जहां चीन अपने सैन्य बेस बनाने की कोशिश में जुटा है। अगर अमेरिका यहां अपनी मौजूदगी बढ़ाता है, तो उसे चीन की गतिविधियों पर नजर रखने में मदद मिल सकती है। कुछ लोग मानते हैं कि यहां अमेरिकी सैन्य अड्डा भी बनाया जा सकता है।

 

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