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बांग्लादेश की बिजली संकट: नेपाल के सामने गिड़गिड़ाने को मजबूर

बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के लिए भारत के साथ कड़वे रिश्ते रखना महंगा साबित हो रहा है। हालात यह हैं कि बांग्लादेश अब नेपाल से 40 मेगावाट बिजली के लिए गुहार लगाने पर मजबूर हो गया है। 4 अक्टूबर को...
12:29 PM Oct 01, 2024 IST | Vibhav Shukla

बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के लिए भारत के साथ कड़वे रिश्ते रखना महंगा साबित हो रहा है। हालात यह हैं कि बांग्लादेश अब नेपाल से 40 मेगावाट बिजली के लिए गुहार लगाने पर मजबूर हो गया है। 4 अक्टूबर को बांग्लादेश और नेपाल सरकार के बीच इस बिजली सप्लाई के लिए समझौता होने की संभावना है, जिसमें भारत की भी महत्वपूर्ण भूमिका होगी। यह एक त्रिपक्षीय समझौता है, जिसके तहत बांग्लादेश भारतीय क्षेत्र के जरिए नेपाल से बिजली आयात करेगा।

बिजली आयात के लिए बांग्लादेश परेशान

बांग्लादेश का एक प्रतिनिधिमंडल पहले ही नेपाल पहुंच चुका है, जहां पावर डिविजन के वरिष्ठ सचिव हबीबुर्रहमान के नेतृत्व में 8 सदस्यीय टीम बिजली सप्लाई डील पर हस्ताक्षर करने जा रही है। इस डील में भारत का योगदान इसलिए भी अहम है क्योंकि बांग्लादेश को बिजली भारतीय क्षेत्रों के माध्यम से ही मिलनी है। सूत्रों के अनुसार, बांग्लादेश को प्रति यूनिट करीब 6 रुपये चुकाने होंगे। हालांकि, अगर बांग्लादेश सीधे नेपाल से बिजली आयात करने में सफल हो जाए तो यह लागत कम हो सकती है।

बांग्लादेश नहीं दे पा रहा बकाया

2017 में, बांग्लादेश की सरकार और भारत के अडानी पावर के बीच 25 साल के लिए बिजली सप्लाई का सौदा हुआ था। लेकिन, जुलाई तक बांग्लादेश पर करीब 800 मिलियन का बकाया था, जिसके कारण अडानी ग्रुप ने बिजली सप्लाई में कटौती की। हालांकि, 27 अगस्त को गौतम अडानी ने बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के सलाहकार को पत्र लिखकर बकाया राशि का भुगतान करने के लिए प्रेरित किया। इसके बाद बांग्लादेश ने करीब 30 मिलियन डॉलर का भुगतान किया, लेकिन भारत से आने वाली 1100 मेगावाट बिजली सप्लाई को घटाकर 900 मेगावाट कर दिया गया।

19-19 घंटे तक हो रही बिजली कटौती

बांग्लादेश पिछले 2 सालों से गंभीर बिजली संकट का सामना कर रहा है, जो अब और बढ़ गया है। गांवों में बिजली कटौती 19-19 घंटे तक होती है, जबकि शहरों में 5-5 घंटे की कटौती हो रही है। इसका बुरा असर बांग्लादेश के उद्योगों पर पड़ रहा है। बांग्लादेश की अर्थव्यवस्था काफी हद तक निर्यात पर निर्भर है, ऐसे में बिजली संकट के चलते कारखानों में उत्पादन प्रभावित हो रहा है। इससे देश की आर्थिक स्थिति और भी खराब हो रही है।

यदि बांग्लादेश को भारत से अपनी बिजली सप्लाई को लेकर कोई समाधान नहीं मिलता, तो इसकी अर्थव्यवस्था और भी गंभीर संकट का सामना कर सकती है। बांग्लादेश को अपनी बिजली की जरूरतों को पूरा करने के लिए नेपाल से मदद मांगनी पड़ रही है।

 

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