बांग्लादेश में हिंदू नेता की बेरहमी से हत्या, हबेश चंद्र रॉय कौन थे और क्यों बने टारगेट? जानिए पूरी कहानी
बांग्लादेश के दिनाजपुर जिले में हिंदू समुदाय के प्रमुख नेता भाबेश चंद्र रॉय की अपहरण के बाद बर्बर हत्या ने अल्पसंख्यक हिंसा की आग को फिर भड़का दिया है। 58 वर्षीय रॉय को उनके घर से चार हमलावरों ने अगवा किया और पास के गाँव में ले जाकर पीट-पीटकर मार डाला। उनका शव गुरुवार रात बरामद हुआ। यह घटना शेख हसीना सरकार के पतन के बाद बांग्लादेश में हिंदुओं पर बढ़ते हमलों की कड़ी में नया अध्याय है। भारत ने इस पर चिंता जताई और बांग्लादेश से अल्पसंख्यकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने को कहा। आइए, जानते है इस पूरे मैटर को विस्तार से...
कौन थे भाबेश चंद्र रॉय?
दरअसल भाबेश चंद्र रॉय (58) दिनाजपुर के बसुदेवपुर गाँव के रहने वाले थे, जो ढाका से 330 किमी उत्तर-पश्चिम में स्थित है। वह बांग्लादेश पूजा उत्सव परिषद की बिराल इकाई के उपाध्यक्ष थे और स्थानीय हिंदू समुदाय में प्रभावशाली नेता माने जाते थे। रॉय सामाजिक और धार्मिक गतिविधियों में सक्रिय थे, जिससे वह हिंदू समुदाय के लिए प्रेरणा का स्रोत थे। उनकी पत्नी शांतना रॉय ने बताया कि रॉय की हत्या सुनियोजित थी, और उनकी सामाजिक सक्रियता ही हमलावरों के निशाने की वजह हो सकती है।
कैसे हुई रॉय की हत्या?
बता दें कि 17 अप्रैल 2025 को शाम 4:30 बजे रॉय को एक फोन आया, जिसे उनकी पत्नी शांतना ने हमलावरों द्वारा उनकी मौजूदगी की पुष्टि करने की साजिश बताया। करीब 30 मिनट बाद, चार लोग दो मोटरसाइकिलों पर उनके घर पहुँचे और रॉय को जबरन अगवा कर लिया। उन्हें पास के नारबारी गाँव ले जाया गया, जहाँ उनकी बेरहमी से पिटाई की गई। गुरुवार रात हमलावरों ने रॉय को बेहोशी की हालत में एक वैन से उनके घर के पास छोड़ा। परिजनों ने उन्हें बिराल उपजिला स्वास्थ्य केंद्र ले गए, फिर दिनाजपुर मेडिकल कॉलेज अस्पताल भेजा गया, जहाँ डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। शांतना ने दावा किया कि वह दो हमलावरों को पहचानती हैं।
पुलिस क्या कर रही है
बिराल पुलिस स्टेशन के प्रभारी अब्दुस सबूर ने बताया कि मामला दर्ज करने की प्रक्रिया शुरू हो गई है। पुलिस संदिग्धों की पहचान और गिरफ्तारी के लिए छानबीन कर रही है, लेकिन अभी तक कोई गिरफ्तारी नहीं हुई। रॉय का शव पोस्टमॉर्टम के लिए दिनाजपुर मेडिकल कॉलेज के मुर्दाघर भेजा गया। स्थानीय पुलिस ने इसे हिंदू समुदाय पर लक्षित हमला माना, लेकिन मकसद अभी स्पष्ट नहीं है।
भारत ने चिंता जताई हुए की कड़ी निंदा
भारत ने इस हत्या की कड़ी निंदा की है। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने कहा कि बांग्लादेश को "पुण्य प्रदर्शन" छोड़कर अल्पसंख्यकों की सुरक्षा पर ध्यान देना चाहिए। उन्होंने बांग्लादेश के अधिकारियों की पश्चिम बंगाल हिंसा पर टिप्पणी को "कपटपूर्ण" बताया और कहा कि वहाँ अल्पसंख्यकों पर हमले करने वाले खुले घूम रहे हैं। कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने X पर लिखा कि हिंदू मंदिरों पर हमले और अल्पसंख्यकों के घरों-दुकानों को निशाना बनाने की घटनाएँ चिंताजनक हैं।" यह घटना भारत-बांग्लादेश संबंधों को और तनावपूर्ण बना सकती है, खासकर शेख हसीना की सरकार गिरने के बाद।
बांग्लादेश में हिंदू हिंसा का क्या है माहौल?
शेख हसीना के अगस्त 2024 में सत्ता से हटने के बाद बांग्लादेश में हिंदुओं पर हमले बढ़े हैं। मंदिरों पर तोड़फोड़, घरों-दुकानों पर हमले, और अब रॉय की हत्या ने अल्पसंख्यकों में डर पैदा कर दिया है। X पर लोग इसे "हिंदुओं पर सुनियोजित हमला" बता रहे हैं, तो कुछ ने मुहम्मद यूनुस की अंतरिम सरकार पर "निष्क्रियता" का आरोप लगाया। यह हत्या बांग्लादेश में अल्पसंख्यक सुरक्षा के सवाल को और गंभीर बनाती है।
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