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कौन था मुफ्ती शाह मीर, कुलभूषण जाधव के अपहरण में था हाथ, ISI से भी है था कनेक्शन

बलूचिस्तान के तुरबत में बाइक सवार हमलावरों ने मुफ्ती शाह मीर को गोली मार दी। उन पर ISI के लिए काम करने और कुलभूषण जाधव के अपहरण में भूमिका निभाने का आरोप था।
10:12 AM Mar 09, 2025 IST | Vyom Tiwari

बलूचिस्तान के तुरबत शहर में शुक्रवार रात अज्ञात बंदूकधारियों ने मुस्लिम स्कॉलर मुफ्ती शाह मीर की गोली मारकर हत्या कर दी।

क्या हुआ था?  

रमजान के दौरान, जब मुफ्ती शाह मीर तरावीह की नमाज पढ़कर मस्जिद से बाहर निकल रहे थे, तभी मोटरसाइकिल सवार हमलावरों ने उन पर गोलियां चला दीं। गंभीर रूप से घायल मुफ्ती को तुरत तुरबत अस्पताल ले जाया गया, लेकिन वहां उन्होंने दम तोड़ दिया।

क्या था आरोप?  

मुफ्ती शाह मीर पर आरोप था कि उन्होंने पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी ISI की मदद की थी, जिससे भारतीय कारोबारी और पूर्व भारतीय नौसेना अधिकारी कुलभूषण जाधव को ईरान से अगवा किया गया था।

जांच जारी  

पुलिस के मुताबिक, हमलावर वारदात के बाद तुरंत फरार हो गए। मामले की जांच जारी है, लेकिन अब तक किसी की गिरफ्तारी नहीं हुई है।

कौन था मुफ्ती शाह मीर?

मुफ्ती शाह मीर पर पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी ISI के लिए अवैध ऑपरेशनों में मदद करने के गंभीर आरोप लगे हैं। कहा जाता है कि उसने ईरान से भारतीय नागरिक कुलभूषण जाधव के अपहरण में भी भूमिका निभाई थी।

इसके अलावा, मीर पाकिस्तान की कट्टरपंथी राजनीतिक पार्टी जमीयत उलेमा-ए-इस्लाम का सदस्य भी था। ISI के सहयोगी के रूप में, वह ड्रग्स और हथियारों की तस्करी में शामिल होने का भी आरोपी था।

मीर पर भारत में आतंकवादियों की घुसपैठ को बढ़ावा देने का आरोप था। सिर्फ भारत ही नहीं, वह अफगानिस्तान में भी सक्रिय था। कहा जाता है कि उसने पाकिस्तानी सेना के लिए खुफिया जानकारी इकट्ठा की और पाकिस्तान के कब्जे वाले इलाकों में विद्रोही समूहों की निगरानी की।

कुलभूषण जाधव के अपहरण में निभाई थी भूमिका

मार्च 2016 में, भारतीय कारोबारी और नौसेना के पूर्व अधिकारी कुलभूषण जाधव को ईरान-पाकिस्तान सीमा से अगवा कर लिया गया था। इस अपहरण को जैश अल-अदल नाम के एक संगठन ने अंजाम दिया, जिसका नेतृत्व मुल्ला उमर ईरानी कर रहा था। इसके बाद, जाधव को कुछ लोगों के जरिए पाकिस्तानी सेना को सौंप दिया गया।

जाधव, जो नौसेना से समय से पहले रिटायर होकर ईरान के चाबहार में बिजनेस कर रहे थे, अचानक गायब हो गए। बाद में, पाकिस्तान ने उन पर झूठे आरोप लगाकर उन्हें गिरफ्तार कर लिया। अप्रैल 2017 में, पाकिस्तान की एक सैन्य अदालत ने उन्हें जासूसी और तोड़फोड़ का दोषी ठहराते हुए मौत की सजा सुना दी।

भारत ने इस फैसले की कड़ी निंदा करते हुए इसे एक सुनियोजित हत्या बताया। मामला अंतर्राष्ट्रीय न्यायालय (ICJ) तक पहुंचा, जिसने पाकिस्तान को फांसी पर रोक लगाने, जाधव को भारत की राजनयिक पहुंच देने, और उनके खिलाफ दिए गए फैसले की पुनरविचार (रिव्यू) करने का आदेश दिया।

पुलिस हमलावरों की तलाश में जुटी

जेयूआई-एफ पार्टी से जुड़े मुफ्ती मीर की हत्या कर दी गई है। इससे पहले भी मीर पर दो बार जानलेवा हमले हो चुके थे। पिछले हफ्ते इसी पार्टी के दो और नेताओं – वडेरा गुलाम सरवर और मोलवी अमानुल्लाह – की भी बाइक सवार हमलावरों ने गोली मारकर हत्या कर दी थी। अब मीर को भी निशाना बनाया गया है। पुलिस हमलावरों की तलाश में जुटी हुई है।

 

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