अमेरिका अगर NATO और UN छोड़ता है तो किसको होगा सबसे ज्यादा नुकसान? जानिए क्या-क्या बदलेगा
डोनाल्ड ट्रंप के दोबारा अमेरिका का राष्ट्रपति बनने के बाद से उनकी पुरानी बातें फिर से चर्चा में आ गई हैं। ट्रंप ने चुनाव से पहले ही कई बार संकेत दिए थे कि अगर वह दोबारा राष्ट्रपति बनते हैं तो अमेरिका NATO (नाटो) और संयुक्त राष्ट्र (UN) का साथ छोड़ सकता है। हाल ही में ट्रंप के करीबी और अमेरिकी उद्योगपति एलन मस्क ने भी इस बात का समर्थन किया है। ऐसे में सवाल उठता है कि अगर अमेरिका NATO और UN छोड़ता है तो इसका किस पर क्या असर पड़ेगा? आइए समझते हैं।
NATO क्या है और अमेरिका का इसमें क्या रोल है?
NATO यानी नॉर्थ अटलांटिक ट्रीटी ऑर्गनाइजेशन, जिसकी स्थापना दूसरे विश्व युद्ध के बाद 1949 में हुई थी। इसका मकसद सदस्य देशों की सुरक्षा सुनिश्चित करना है। NATO के 30 सदस्य देश हैं, और इसमें अमेरिका की भूमिका सबसे अहम है। NATO का आर्टिकल-5 कहता है कि अगर किसी एक सदस्य देश पर हमला होता है तो इसे सभी सदस्य देशों पर हमला माना जाएगा। यही वजह है कि NATO को दुनिया का सबसे मजबूत सैन्य गठबंधन माना जाता है। अमेरिका NATO का सबसे बड़ा फंडर है और इसकी सैन्य ताकत का एक बड़ा हिस्सा अमेरिका पर निर्भर है। NATO का वार्षिक बजट करीब 4.1 बिलियन डॉलर है, और इसमें अमेरिका का योगदान सबसे ज्यादा है। इसके अलावा, यूरोप में तैनात 1 लाख से ज्यादा अमेरिकी सैनिक NATO की ताकत को बढ़ाते हैं।
अमेरिका के NATO छोड़ने से क्या होगा?
अगर अमेरिका NATO छोड़ता है तो इसके कई गंभीर नतीजे होंगे:
यूरोप की सुरक्षा को खतरा
NATO के बिना यूरोपीय देशों की सुरक्षा कमजोर हो जाएगी। अमेरिका के सैनिक और हथियार NATO की रीढ़ हैं। अगर अमेरिका हटता है तो रूस जैसे देशों के लिए यूरोप पर हमला करना आसान हो सकता है।
सैन्य ताकत में कमी
NATO की सैन्य क्षमता का एक बड़ा हिस्सा अमेरिका पर निर्भर है। अमेरिका के हटने से NATO की ताकत कम हो जाएगी, और सदस्य देशों को अपनी सुरक्षा के लिए नए सिरे से प्लान बनाना पड़ेगा।
फंडिंग की कमी
NATO का बजट अमेरिका के बिना चलाना मुश्किल हो जाएगा। अमेरिका NATO के खर्च का सबसे बड़ा हिस्सा वहन करता है, और उसके हटने से बाकी देशों पर फंडिंग का बोझ बढ़ेगा।
यूक्रेन को नुकसान
यूक्रेन को रूस के खिलाफ लड़ाई में NATO और अमेरिका से भारी मदद मिल रही है। अगर अमेरिका NATO छोड़ता है तो यूक्रेन को हथियारों और सैन्य सहायता की कमी का सामना करना पड़ेगा।
अमेरिका के UN छोड़ने से क्या होगा?
संयुक्त राष्ट्र (UN) दुनिया का सबसे बड़ा अंतरराष्ट्रीय संगठन है, और अमेरिका इसका सबसे बड़ा फंडर भी है। 2023 में अमेरिका ने UN को 13 बिलियन डॉलर का योगदान दिया था। अगर अमेरिका UN छोड़ता है तो इसके नतीजे होंगे:
फंडिंग संकट
UN की कई एजेंसियां, जैसे वर्ल्ड फूड प्रोग्राम, पूरी तरह से फंडिंग पर निर्भर हैं। अमेरिका के हटने से इन एजेंसियों को भारी आर्थिक संकट का सामना करना पड़ेगा।
अमेरिका का वैश्विक प्रभाव कम होगा
UN सुरक्षा परिषद के पांच स्थायी सदस्यों में से एक अमेरिका है, और उसके पास वीटो का अधिकार है। अगर अमेरिका UN छोड़ता है तो उसका वैश्विक मंच पर प्रभाव कम हो जाएगा, और चीन जैसे देशों का दबदबा बढ़ेगा।
वैश्विक मुद्दों पर असर
UN दुनिया भर में शांति, स्वास्थ्य, और विकास जैसे मुद्दों पर काम करता है। अमेरिका के हटने से इन मुद्दों पर काम करने की क्षमता कमजोर होगी।
अमेरिका को भी होगा नुकसान
अगर अमेरिका NATO और UN छोड़ता है तो इसका नुकसान सिर्फ दूसरे देशों को ही नहीं, बल्कि खुद अमेरिका को भी होगा। अमेरिका का वैश्विक प्रभाव कम होगा, और उसे यूरोप और एशिया में अपने सैन्य अड्डे खोने पड़ सकते हैं। इसके अलावा, अमेरिका को वैश्विक मुद्दों पर बातचीत और मध्यस्थता का अधिकार भी कम हो जाएगा।
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