Tips to Prevent Heatstroke: गर्मियां हो रही हैं शुरू, जानें हीट स्ट्रोक से बचने के सात उपाय
Tips to Prevent Heatstroke: देश में गर्मियों की शुरुआत हो चुकी है। अभी मार्च का महीना खत्म भी नहीं हुआ है और कई क्षेत्रों में पारा 40 के पार जा रहा है। इस बात से अनुमान लगाया जा सकता है कि आने वाले समय में भयंकर गर्मी पड़ने का अनुमान है। गर्मी ज्यादा पड़ने पर हीटस्ट्रोक (Tips to Prevent Heatstroke) का खतरा होता है जिससे कई तरह की शारीरिक परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है।
हीट स्ट्रोक का कारण
हीटस्ट्रोक (Heatstroke Causes) तब होता है जब शरीर लंबे समय तक उच्च तापमान के संपर्क में रहने या गर्म परिस्थितियों में अत्यधिक शारीरिक गतिविधि के कारण ज़्यादा गरम हो जाता है। प्राथमिक कारणों में शामिल हैं:
अत्यधिक गर्मी के संपर्क में आना: चिलचिलाती गर्मी में बाहर रहना, खासकर सुबह 11 बजे से शाम 4 बजे के बीच।
डिहाइड्रेशन: अपर्याप्त पानी का सेवन शरीर की पसीने के माध्यम से ठंडा होने की क्षमता को कम करता है।
ज्यादा एक्सरसाइज: गर्म वातावरण में तीव्र व्यायाम या भारी श्रम शरीर के तापमान को बढ़ाता है।
तंग कपड़े: भारी कपड़े पहनने से गर्मी फंस जाती है और उचित शीतलन में बाधा आती है।
वेंटिलेशन की कमी: खराब हवादार क्षेत्रों में रहने से शरीर का तापमान खतरनाक रूप से बढ़ सकता है।
हीट स्ट्रोक के लक्षण
हीटस्ट्रोक एक गंभीर स्थिति है जिस पर तुरंत ध्यान देने की आवश्यकता होती है। सामान्य लक्षणों (Heatstroke Symptoms) में शामिल हैं:
उच्च शारीरिक तापमान: 104°F (40°C) या उससे अधिक का तापमान।
चक्कर आना: भ्रमित महसूस करना, सिर हल्का होना या ध्यान केंद्रित करने में कठिनाई होना।
तेज़ दिल की धड़कन: शरीर को ठंडा करने के लिए अधिक मेहनत करने के कारण नाड़ी का बढ़ना।
गर्म, लाल या सूखी त्वचा: पसीना आना बंद हो सकता है, जिससे त्वचा लाल और सूखी हो सकती है।
मतली और उल्टी: डिहाइड्रेशन के कारण बीमार महसूस होना या वास्तव में उल्टी होना।
सिरदर्द: लगातार, धड़कता हुआ दर्द।
चेतना का नुकसान: गंभीर मामलों में, बेहोशी या दौरे पड़ सकते हैं।
गर्मी के दौरान हीट स्ट्रोक लगने का खतरा बहुत होता है। आज इस आर्टिकल में हम आपको सात ऐसे टिप्स (Tips to Prevent Heatstroke) बताएंगे जिन्हे फॉलो कर आप गर्मियों में हीट स्ट्रोक के खतरे को कम कर सकते हैं। आइये डालते हैं एक नजर:
हाइड्रेटेड रहें
दिन भर में खूब पानी पियें, भले ही आपको प्यास न लगी हो। शरीर के नमक संतुलन को बनाए रखने के लिए नारियल पानी या ओआरएस जैसे इलेक्ट्रोलाइट युक्त पेय शामिल करें। अत्यधिक कैफीन और शराब से बचें, क्योंकि ये शरीर को डिहाइड्रेट करते हैं।
हल्के और हवादार कपड़े पहनें
सूती या लिनन से बने ढीले-ढाले, हल्के रंग के कपड़े चुनें। गहरे रंग अधिक गर्मी को अवशोषित करते हैं, जिससे आपको गर्माहट महसूस होती है। धूप में बाहर निकलते समय चौड़ी किनारी वाली टोपी या छाता का उपयोग करें।
पीक ऑवर्स के दौरान बाहर जाने से बचें
सुबह 11 बजे से शाम 4 बजे के बीच सूरज सबसे तेज़ होता है। जब तक ज़रूरी न हो, बाहर निकलने से बचें। अगर बाहरी गतिविधियां ज़रूरी हैं, तो छायादार जगहों पर बार-बार ब्रेक लें। शरीर के तापमान को नियंत्रित करने के लिए पानी की बोतल और ठंडा करने वाला तौलिया साथ रखें।
सनस्क्रीन और प्रोटेक्टिव गियर का उपयोग करें
बाहर निकलने से 20 मिनट पहले ब्रॉड-स्पेक्ट्रम सनस्क्रीन (SPF 30 या उससे अधिक) लगाएं। अगर आप लंबे समय तक धूप में रहते हैं, तो हर 2-3 घंटे में सनस्क्रीन दोबारा लगाएं। हानिकारक किरणों से अपनी आंखों को बचाने के लिए UV प्रोटेक्शन वाले सनग्लास पहनें।
घर के अंदर ठंडा वातावरण बनाए रखें
अधिक गर्मी के घंटों के दौरान खिड़कियां और पर्दे बंद रखें ताकि अत्यधिक धूप न आए। घर के अंदर के तापमान को नियंत्रित करने के लिए पंखे, कूलर या एयर कंडीशनिंग का उपयोग करें। ठंडे पानी से नहाएं या गर्दन और कलाई जैसे पल्स पॉइंट पर नम कपड़ा रखें।
हल्का और ठंडा खाना खाएं
तरबूज, खीरा और संतरे जैसे हाइड्रेटिंग फल और सब्ज़ियां खाएं। मसालेदार, तैलीय और भारी फ़ूड आइटम्स से बचें जो शरीर की गर्मी बढ़ा सकते हैं। अपने शरीर को ठंडा रखने के लिए अपने आहार में दही, छाछ और सलाद शामिल करें।
हीट स्ट्रोक के शुरुआती लक्षणों को पहचानें
चक्कर आना, जी मिचलाना, अत्यधिक पसीना आना या भ्रम जैसे लक्षणों पर नज़र रखें। अगर किसी को हीट स्ट्रोक होता है, तो उसे ठंडी जगह पर ले जाएं और पानी पिलाएं। अगर लक्षण बिगड़ते हैं, तो तुरंत डॉक्टर से सलाह लें।
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