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White Gold Makhana : कैसे बनता है ‘व्हाइट गोल्ड’ मखाना? वित्त मंत्री ने बजट में दी ये सौगात

मखाना सेहत के लिए बहुत अच्छा होता है।वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण बिहार में मखाना बोर्ड के गठन की घोषणा की है
03:59 PM Feb 01, 2025 IST | Jyoti Patel
White Gold Makhana

White Gold Makhana: जैसा की हम सभी जानतें हैं, मखाना सेहत के लिए बहुत अच्छा होता है। आज के बजट में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण बिहार में मखाना बोर्ड के गठन की घोषणा की है। लेकिन क्या आप मखाना बनाने के प्रोसेस के बारे में जानतें हैं ? किस तरह प्रोसेस किया जाता है. चलिए यहां हम आपको इसी के बारे में बताते हैं।

वित्त मंत्री ने अपना आठवां बजट पेश किया, जिसको लेकर पूरे देश की नजर उनपर थी। रिपोर्ट्स के अनुसार दुनिया में सबसे ज्यादा मखाना लगभग में 90 फीसदी का उत्पादन भारत करता है। जिसका 80 फीसदी मखाना का उत्पादन बिहार करता है। इसलिए वित्त मंत्री ने बिहार में मखाना बोर्ड के (makhana board) गठन की घोषणा की है।

बिहार के जिले मखाना उत्पादन में अव्वल

बिहार देश में मखाने के (White Gold Makhana) उत्पादन में नंबर वन पर आता है, जिसमे बिहार के 10 जिलों में मुखयतः मखाने की खेती की जाती है। बिहार के सीतामढ़ी, मधुबनी, दरभंगा, सुपौल, सहरसा, मधेपुरा, अररिया, पूर्णिया, कटिहार और किशनगंज में मखाना उगाया जाता है। यहां से आने वाले मखानों को GI Tag भी दिया गया है।

क्या है इसको उगाने का प्रोसेस

मखाना (makhana) कमल के पौधे का हिस्सा होता है, एक प्रकार से यह कमल के फूल का बीज होता है, इसे प्रोसेस करके तैयार किया जाता है। इनको दिसंबर के महीने में तालाब या गड्ढे में बोया जाता है। लेकिन इसे बोने से पहले तालाब की सफाई की जाती है। इसके बीज बोने के दौरान इनके बीच की दूरी ज्यादा न हो, 30 दिनों के बाद इसकी प्रोग्रेस को देखा जाता है।

इनके तैयार होने के बाद इन्हें गोता लगाकार पानी से निकाला जाता है। इसके बाद इन्हें साफ़ किया जाता है, ऐसा करके मखाने के ऊपर लगी गंदगी साफ हो जाती है। इसके बाद इन्हें पानी से धोया जाता है। जिसके बाद साफ बीज को बैग्स में भरकर सिलेंड्रिकल कंटेनर में इन्हें भरा जाता है। इस कंटेनर को काफी देर तक जमीन पर रोल किया जाता है, जिससे बीज स्मूद बन जाएं। इसके बाद इन बीजों को अगले दिन के लिए तैयार किया जाता है।

प्रोसेस करने के लिए किया जाता है फ्राई

मखानों के सूखने के बाद उन्हें फ्राई किया जाता है। इन्हे एक फिक्स समय तक प्रोसेस किया जाता है। जिसे खास कपड़े से ढका जाता है। इनका तापमान को सही रखने के लिए उसपर गोबर का लेप लगाया जाता है। जिसके बाद फ्राउ करने के बाद एक बार बीज फट गया तो उसमें से सफेद मखाना निकलता है।

बिहार में बनाया जाएगा मखाना बोर्ड'

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण अपने बजट भाषण में बिहार के मखाना के प्रोडक्शन, प्रॉसेसिंग, वैल्यू एडिशन और मार्केटिंग को बढ़ावा देने के लिए एक बोर्ड बनाने की बात कही। उन्होंने कहा कि 'मखाना बोर्ड' किसानों की सहायता करेगा और उन्हें ट्रेनिंग भी देगा। रिपोर्ट्स के अनुसार दुनिया में सबसे ज्यादा मखाना लगभग में 90 फीसदी का उत्पादन भारत करता है। जिसका 80 फीसदी मखाना का उत्पादन बिहार करता है। इसलिए वित्त मंत्री ने बिहार में मखाना बोर्ड के गठन की घोषणा की है।

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