भारत का मिनी स्विट्जरलैंड है बैसरन वैली, पहलगाम से 5 किमी दूर है यह घाटी
Baisaran Valley: गर फिरदौस बर रुए ज़मीं अस्त, हमीं अस्तो, हमीं अस्तो, हमीं अस्त। अमीर खुसरो द्वारा लिखी गई ये पंक्तियां कश्मीर के लिए है। इसका अर्थ है 'अगर धरती पर कहीं स्वर्ग है तो यहीं है, यहीं पर है और सिर्फ यहीं पर है।' सचमुच कश्मीर अगर जन्नत नहीं है तो जन्नत से कम भी नहीं है। कश्मीर की घाटियां (Baisaran Valley) इतनी खूबसूरत है कि इसको देखने के लिए देश-विदेश से लाखों लोग हर साल यहां आते हैं। इन्ही घाटियों में से एक है बैसरन वैली। आइए डालते हैं इसकी खास बातों पर एक नजर:
कहां है बैसरन वैली?
बैसरन घाटी, जिसे अक्सर "भारत का मिनी स्विट्जरलैंड" कहा जाता है, जम्मू और कश्मीर में पहलगाम से लगभग 5 किमी दूर स्थित एक लुभावना घास का मैदान है। हरे-भरे देवदार के जंगलों और बर्फ से ढकी चोटियों से घिरी यह मनमोहक घाटी मनोरम दृश्य और शांत वातावरण प्रदान करती है जो पिकनिक, प्रकृति की सैर और घुड़सवारी के लिए एकदम सही है।
हिमालय की पृष्ठभूमि में विशाल हरे-भरे चरागाह इसे शांति और प्राकृतिक सुंदरता की तलाश करने वाले पर्यटकों के बीच पसंदीदा बनाते हैं। बैसरन तुलियन झील (Baisaran Valley) और अन्य दर्शनीय स्थलों के लिए ट्रेकिंग मार्गों का एक स्टार्टिंग पॉइंट भी है। इसका अछूता आकर्षण और ठंडा मौसम इसे गर्मियों में ज़रूर घूमने लायक एक शानदार जगह बनाता है।
क्यों खास है बैसरन वैली?
बैसरन घाटी अपनी अवास्तविक प्राकृतिक सुंदरता के कारण विशेष है, जिसके कारण इसे "भारत का मिनी स्विट्जरलैंड" उपनाम मिला है। हरे-भरे देवदार के जंगलों और पहलगाम के बर्फ से ढके पहाड़ों के बीच बसा यह सुंदर घास का मैदान एक ही स्थान पर शांति, रोमांच और मनमोहक दृश्य प्रदान करता है। अधिक व्यावसायिक पर्यटन स्थलों के विपरीत, बैसरन अपने अछूते आकर्षण को बरकरार रखता है, जो इसे प्रकृति प्रेमियों के लिए आदर्श बनाता है।
घुड़सवारी, ट्रैकिंग ट्रेल्स और विशाल, खुले हरे-भरे परिदृश्य इसके आकर्षण को बढ़ाते हैं। शांति और मनोरम दृश्य बैसरन को न केवल एक दृश्य आनंद बल्कि आध्यात्मिक पलायन भी बनाते हैं, खासकर उन लोगों के लिए जो शहरी जीवन से दूर शांति की तलाश में हैं।
बैसरन वैली में क्या-क्या कर सकते हैं?
बैसरन घाटी प्रकृति प्रेमियों और रोमांच चाहने वालों के लिए कई तरह की गतिविधियां प्रदान करती है। आगंतुक हरे-भरे घास के मैदानों और देवदार के जंगलों में घुड़सवारी का आनंद ले सकते हैं, या हिमालय के शानदार नज़ारों के बीच शांतिपूर्ण प्रकृति की सैर पर जा सकते हैं। यह फोटोग्राफी, पिकनिक और शांत वातावरण में आराम करने के लिए एक बेहतरीन जगह है।
रोमांच के शौकीन ज़ोरबिंग और स्थानीय स्तर पर आयोजित अन्य मज़ेदार आउटडोर खेलों का आनंद ले सकते हैं। घाटी का शांत वातावरण इसे ध्यान या शांत चिंतन के लिए भी आदर्श बनाता है। पहाड़ों से घिरी बैसरन घाटी शहरी जीवन से एकदम अलग है, जो शांति, सुंदरता और यादगार अनुभव प्रदान करती है।
बैसरन घाटी तक कैसे पहुंचें?
बैसरन घाटी तक पहुंचने के लिए, आपको सबसे पहले पहलगाम जाना होगा, जो जम्मू और कश्मीर के अनंतनाग जिले में स्थित है। पहलगाम श्रीनगर से सड़क मार्ग से अच्छी तरह जुड़ा हुआ है। पहलगाम, श्रीनगर से लगभग 90 किमी दूर है। पहलगाम से, बैसरन लगभग 5 किमी की चढ़ाई पर है और यहां या तो हरे-भरे देवदार के जंगलों से होते हुए ट्रेकिंग करके या टट्टू किराए पर लेकर पहुंचा जा सकता है। टट्टू पर्यटकों के बीच एक लोकप्रिय विकल्प है। बैसरन की यात्रा सुंदर और रोमांचकारी होती है, जो हिमालय और सुंदर परिदृश्यों की झलक पेश करती है। पहलगाम से बैसरन तक की यात्रा इस क्षेत्र की खूबसूरती के नाते आनंददायक होती है।
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